
भारत में आमतौर पर महिलायें घर में सबसे देर से सोती हैं और सबसे पहले उठ जाती हैं। और पुरुष तब उठता है जब महिला उसके लिए चाय नाश्ता तैयार कर चुकी हो। लेकिन, महिलाओं और पुरुषों में किसे अधिक नींद की आवश्यकता होती है इस सवाल पर बहस पश्चिमी देशों में काफी समय से जारी थी और अब अमेरिकी शोधकर्ताओं ने इसका जवाब तलाशने का दावा किया है। इस शोध में कहा गया है कि क्योंकि महिलायें दिन भर अधिक मल्टी टास्टकिंग करतीं हैं, इसलिए उनके मस्तिष्क को रिकवर करने में ज्यादा समय लगता है।
नॉर्थ कैलिफोर्निया की ड्यूक यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने पाया, पर्याप्त नींद से वंचित रहने वाली महिलायें अवसाद से ग्रस्त रहती हैं साथ ही उन्हें गुस्सा भी बहुत ज्यादा आता है।
साइंस वर्ल्ड रिपोर्ट के मुताबिक, पुरुषों कम नींद लेने पर में इस प्रकार की समस्या नहीं देखी जाती। पिछले कई शोधों में हृदय रोग, मानसिक स्वास्थ्य, स्ट्रोक और शरीर में सूजन आदि जैसी समस्याओं को नींद की कमी से जोड़कर देखा जाता रहा है।
नींद विशेषज्ञ डॉक्टर माइकल ब्रूस का मानना है कि पर्याप्त नींद से महरूम रहने वाली महिलाओं को सुबह उठने के दौरान शरीर में सूजन और दर्द की शिकायत रहती है।
डॉक्टर ब्रूस का कहना है कि नींद की कमी से होने वाली इस परेशानी से बचने के लिए महिलायें दिन में झपकियां ले सकती हैं। हालांकि, उनका यह भी कहना है कि यह झपकी नब्बे मिनट से ज्यादा नहीं होनी चाहिए, वरना आपको रात में सोने में परेशानी हो सकती है।
स्लीप रिसर्च सेंटर लॉफबोरोग यूनिवर्सिटी के निदेशक प्रोफेसर जिम हॉर्न का कहना है कि नींद का एक बड़ा फायदा यह है कि इस दौरान मस्तिष्क रिकवर और रिपेयर का काम करता है।
उन्होंने कहा कि गहरी नींद, मस्तिष्क को विचार, याद्दाश्त और भाषा आदि को सुदृढ़ करने में मदद करती है। आप दिन भर में जितना दिमाग इस्तेमाल करते हैं, आपको उतना रिवकर करने की जरूरत होती है यानी आपको उतना अधिक सोना चाहिए।
उन्होंने आगे जोड़ा कि महिलाओं को अधिक नींद की जरूरत होती है, क्योंकि वे पुरुषों के मुकाबले अधिक मल्टी टास्किंग होती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वे पुरुष जिनकी नौकरी में अधिक चुनौतीपूर्ण और मानसिक दक्षता की आवश्यकता होती है, उन्हें भी अधिक नींद की जरूरत होती है।
Source- Dailymail.co.uk
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