Test To Detect Typhoid Fever: टाइफाइड बुखार का समय रहते निदान और उपचार बहुत जरूरी है। क्योंकि कई बार इसके कारण अपनी जान भी गंवानी पड़ सकती है। टाइफाइड बुखार एक बैक्टीरियल संक्रमण है। यह साल्मोनेला टाइफी नामक जीवाणु के शरीर में प्रवेश कर जाने के कारण होता है, जो धीरे-धीरे शरीर के अन्य अंगों से पूरे शरीर में फैल जाता है। यह आपके शारीरिक अंगों को गंभीर रूप से प्रभावित करता है। इसके अलावा, इसके कारण शरीर में कई अन्य समस्याएं भी पैदा हो सकती हैं। आमतौर पर लोग टाइफाइड से संक्रमित लोगों में यह बैक्टीरिया मल या पेशाब के माध्यम से प्राप्त कर सकता है। अगर कोई व्यक्ति मल या पेशाब से कुछ मात्रा में दूषित भोजन खाता है, तो ऐसे में उनके शरीर में बैक्टीरिया प्रवेश कर सकता है और टाइफाइड की शुरुआत हो सकती है। लेकिन अक्सर लोगों में इसके लक्षण स्पष्ट देखने को नहीं मिलते हैं। ऐसे में लोग इस बात को लेकर काफी असमंजस में रहते हैं कि उन्हें टाइफाइड है या सामान्य बुखार। न्यूबर्ग डायग्नोस्टिक्स लैब के चीफ डॉ. विज्ञान मिश्रा की मानें, अगर आप लगातार कुछ दिन से तेज बुखार का अनुभव कर रहे हैं, तो कुछ मेडिकल टेस्ट की मदद से आप टाइफाइड बुखार की पुष्टि कर सकते हैं। इस लेख में हम आपको टाइफाइड बुखार के लिए कौन-कौन से टेस्ट किये जाते हैं, इसके बारे में विस्तार से बता रहे हैं।
टाइफाइड बुखार के लिए कौन से टेस्ट किये जाते हैं- Typhoid Is Diagnosed By Which Test In Hindi
1. ब्लड कल्चर टेस्ट (Blood Culture Test)
टाइफाइड बुखार का पता लगाने के लिए ब्लड कल्चर बहुत जरूरी टेस्ट है। इसमें टाइफाइड बुखार के लिए जिम्मेदार साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया की उपस्थिति की पहचान की जाती है। इसमें रक्त का नमूना लेकर उसे प्रयोगशाला में टेस्ट किया जाता है। इस टेस्ट की मदद से बीमारी के शुरुआती और बाद के चरणों के दौरान ब्लड स्ट्रीम में बैक्टीरिया का पता लगाया जा सकता है।
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2. विडाल टेस्ट (Widal Test)
यह एक एग्लूटिनेशन टेस्ट है, जिसे साल्मोनेला टाइफी के खिलाफ लड़ने वाली शरीर में मौजूद एंटीबॉडी का पता लगाने के लिए किया जाता है। यह बैक्टीरिया के विशिष्ट एंटीजन के खिलाफ एंटीबॉडी की उपस्थिति और स्तर को मापता है। समय के साथ एंटीबॉडी के स्तर में वृद्धि या विशिष्ट एंटीबॉडी टाइटस की उपस्थिति टाइफाइड के बारे में पता लगा सकती है।
3. पॉलीमरेज चेन रिएक्शन (PCR Test)
इस टेस्ट में रक्त, मल-मूत्र या अन्य का सैंपल लेकर उनमें साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया की आनुवंशिक सामग्री (डीएनए या आरएनए) का पता लगा सकते हैं। यह टेस्ट अत्यधिक संवेदनशील होता है। इससे काफी तेज और सटीक परिणाम देखने को मिलते हैं। टाइफाइड का पता लगाने के लिए इस टेस्ट का सुझाव भी दिया जा सकता है।
4. सीरोलॉजी (Serology)
इनमें एंजाइम-लिंक्ड इम्युनोसॉरबेंट ऐस्से (ELISA) की मदद से रक्त में साल्मोनेला टाइफी के खिलाफ एंटीबॉडी का पता लगा सकते हैं। ये टेस्ट बीमारी के बाद के चरणों में उपयोगी होते हैं, जब शरीर में एंटीबॉडी की मात्रा बढ़ जाती है।
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(With Inputs: Dr.Vigyan Mishra ,Chief of Lab-Neuberg Diagnostics)
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