महाराष्ट्र में पिछले कुछ महीनों में अलग-अलग कई बीमारियों की पुष्टी हो चुकी है। हाल ही में राज्य में A H3N2 इंफ्लुएंजा के मामले बढ़े हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी की गई एक रिपोर्ट के मुताबिक इस साल पिछले 4 महीनों में यानि जून से सितंबर तक A H3N2 इंफ्लुएंजा वायरस के मामले तेजी से बढ़े हैं। इस दौरान इन मामलों में 2.8 प्रतिशत की बढ़त देखी गई है।
डॉक्टरों ने की सावधानी बरतने की अपील
इससे पहले भी महाराष्ट्र में 306 H3N2 और 115 H1N1 इंफ्लुएंजा के मामले सामने आ चुके हैं। हालांकि, कुछ समय से इन मामलों में गिरावट देखी गई थी। अब यह मामले फिर से बढ़ने पर स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सकों ने इसपर चिंता जताई है। चिकित्सकों ने कम इम्यूनिटी वाले लोगों से अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने की अपील की है, जिससे फेफड़ों में होने वाले इंफेक्शन या फिर इस वायरस के अन्य प्रभावों को के असर को कम किया जा सके। चिकित्सकों और हेल्थ एक्सपर्ट्स ने इस वायरस के मामले सर्दियों में और ज्यादा बढ़ने की आशंका भी जताई है।
महाराष्ट्र में कुछ ही महीनों में बढ़ी बीमारियां
इस साल भारी बारिश के बाद से ही महाराष्ट्र् में बीमारियां उभरने का सिलसिला शुरू हो गया था। पहले कुछ वेक्टर जनित बीमारियां जैसे डेंगू, मलेरिया, आई फ्लू और पेट से जुड़े इंफेक्शन के मामले सामने आए। इसके कुछ समय बाद राज्य में लेप्रोसी यानि कुष्ट रोग और एचआईवी के कई मामले दर्ज किए गए। यही नहीं इस दौरान महाराष्ट्र में कोरोना और इंफ्लुएंजा के भी मामलों का सिलसिला जारी रहा।
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H3N2 इन्फ्लुएंजा से बचने के तरीके
- इस वायरस के लक्षण दिखने पर बिना देरी किए तुरंत चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए।
- इससे बचने के लिए तरल पदार्थों जैसे नारियल पानी, दूध, काढ़ा और फलों के जूस आदि का सेवन करें।
- इसके लिए भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें साथ ही इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाएं।
- इससे बचने के लिए कुछ भी खाने-पीने या फिर किसी चीज को छूने के बाद साबुन से हाथों को धोएं।
- इस वायरस से बचने के लिए आपको हेल्दी खान-पान मेंटेन करनी की भी आवश्यकता है।