टीबी की गांठ के लक्षण : लिम्फ नोड ट्यूबरक्लोसिस क्या है? जानें इसके कारण और लक्षण

टीबी की गांठ को लिम्फ नोड ट्यूबरक्लोसिस भी कहा जाता है। इसके लक्षण सामान्य टीबी की तरह होते हैं। हालांकि, जरूरी नहीं है कि इसमें लक्षण दिखे ही। 
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टीबी की गांठ के लक्षण : लिम्फ नोड ट्यूबरक्लोसिस क्या है? जानें इसके कारण और लक्षण


टीबी की गांठ के लक्षण क्या है? अगर आपके मन में भी यह सवाल है, तो आज आप इस लेख में इसके बारे में जानेंगे। टीबी की गांठ को मेडिकल भाषा में लिम्फ नोड ट्यूबरक्लोसिस कहते हैं। यह एक तरह का एक्स्ट्रा पल्मोनरी ट्यूबरक्लोसिस (extra pulmonary tuberculosis) है।  एक्स्ट्रा पल्मोनरी ट्यूबरक्लोसिस की तरह यह भी माइकोबैक्टेरियम ट्यूबरक्लोसिस बैक्टीरिया (Mycobacterium tuberculosis) के कारण होता है। नोएडा के सुमित्रा हॉस्पिटल के डॉक्टर अंकित गुप्ता बताते हैं कि ट्यूबरक्लोसिस दो स्टेज में होता है। प्राइमरी और सेंडरी स्टेज ट्यूबरक्लोसिस। 

ट्यूबरक्लोसिस के पहले स्टेज में यह लंग को प्रभावित करता है। दूसरे स्टेज में धीरे-धीरे यह शरीर के अन्य क्षेत्रों को प्रभावित करने लग जाता है, जिसकी वजह से टीबी की गांठे (Lymph Node tuberculosis) बनने लगती हैं। आइए जानते हैं इसके लक्षण और कारणों के बारे में-

टीबी की गांठ के लक्षण (Lymph Node tuberculosis Symptoms )

लिम्फ नोड ट्यूबरक्लोसिस ( टीबी की गांठ के लक्षण ) का लक्षण सामान्य टीबी या पल्मोनरी टीबी के समान ही दिखते हैं। हालांकि, यह जरूरी इसमें आपको टीबी के लक्षण दिखे ही, कुछ लोगों में इसके सामान्य लक्षण दिखते हैं। आइए जानते हैं कुछ लक्षणों के बारे में-

डॉक्टर का कहना है कि हालांकि, जरूरी नहीं है कि यह लक्षण दिखे ही। यह समस्या संक्रमित व्यक्ति से अन्य व्यक्ति में फैलने की संभावना काफी कम है। इसके लक्षण सामान्य होने के कारण लोग लंबे समय तक अपना इलाज नहीं करवाते हैं। लोगों का मानना होता है कि टीबी में लंबे समय तक खांसी होती है और खून के साथ खांसी होती है। लेकिन इसमें ऐसा जरूरी नहीं है। 

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टीबी की गांठ के लक्षण  (Lymph Node tuberculosis Causes )

टीबी की गांठ लिम्फैडेनाइटिस माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस या एम बोविस जैसे ट्यूबरकुलस माइकोबैक्टीरिया द्वारा संक्रमण के कारण होता है। इस समस्या से ग्रसित व्यक्ति को बार-बार गांठ होती है। हालांकि, इसके अन्य लक्षण इतनी जल्दी नजर नहीं आते हैं। 

टीबी की गांठ का निदान (Lymph Node tuberculosis Diagnosis)

फेफड़ों की टीबी की तरह लिफ्ट नोड टीबी का जांच करना आसान नहीं होता है। लिम्फ नोड ट्यूबरक्लोसिस की आशंका महसूस होने पर अधिकतर डॉक्टर बायोप्सी करना की सलाह देते हैं। दरअसल, इसकी जांच एक्सरे, सीटी स्कैन, सीबीसी इत्यादि से कराना काफी मुश्किल होता है। 

लिम्फ नोड ट्यूबरक्लोसिस में बायोप्सी से ही सटीक जांच की जा सकती है। बायोप्सी के लिए टीबी की गांठ से एक थोड़ा सा टिश्यू लिया जाता है। जिसके बाद इसकी जेनेक्सपर्ट और कल्चर टेस्ट होता है। लिम्फ नोड ट्यूबरक्लोसिस की पुष्टि होने पर इसका इलाज शुरू किया जाता है। 

लिम्फ नोड ट्यूबरक्लोसिस का इलाज ( Lymph Node tuberculosis Symptoms )

लिम्फ नोड ट्यूबरक्लोसिस का इलाज सामान्य टीबी की तरह ही किया जाता है। इस समस्या से ग्रसित व्यक्ति का इलाज करीब 6 से 8 महीनों तक चलता है। भारत के लभग सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में इसका इलाज नि:शुल्क रूप से किया जाता है। 

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ध्यान रखें लिम्फ नोड ट्यूबरक्लोसिस से ग्रसित होने पर आपको अधिक लक्षण नहीं दिखते हैं। ऐसे में अगर शरीर में गांठे या फिर हल्के-फुल्के लक्षण दिखे, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह करें। वहीं, बिना डॉक्टर सलाह के किसी भी तरह की दवा ने लें। इससे समस्या गंभीर हो सकती है।

 

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