कोरोना वायरस जितनी तेजी से दुनियाभर में अपने पैर पसार रहा है उसे देखते हुए अभी तक यही माना जा रहा है कि कोरोना वायरस का नामो निशान मिटना इतना आसान नहीं है। ऐसे में सरकार की तरफ से भी जागरुकता फैलाने को लेकर तरह तरह की गाइडलाइंस जारी की जा रही हैं। हाल ही में केंद्र सरकार की ओर से एक फरमान आया है जिसमें देशवासियों से अपील करते हुए कहा गया है कि सार्वजनिक जगहों थूकना वर्जित है और फिर भी यदि कोई व्यक्ति ऐसा करता हुआ पाया जाता है तो इसे कानूनी अपराध माना जाएगा। इस संबंध में आप लोगों को कई दिनों से मोबाइल पर मैसेज भी आ रहे होंगे। जिन्हें यदि आपने जाने अनजाने में नजरअंदाज कर दिया हो तो यहां हम उसे विस्तार से बता रहे हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय लगातार अपील कर रहा है कि सार्वजनिक स्थल पर न थूकें और एक जिम्मेदार नागरिक बनें। वहीं विशेषज्ञों और डॉक्टरों का भी कहना है कि सिर्फ थूक के संक्रमण से सैकड़ों बीमारियां फैलती हैं। लेकिन सवाल यह कि क्या शासन और प्रशासन की इस पहल से लोग सार्वजनिक स्थल पर थूकना छोड़ देंगे? आइए पढ़ते हैं विस्तार से...
थूक से फैलती हैं सैकड़ों बीमारियां
डॉ वेद प्रकाश, पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन, विभागाध्यक्ष, केजीएमयू का कहना है कि थूक में कई तरह के वायरल, बैक्टीरियल और फंगल संक्रमण फैलते हैं। इससे लोगों में सैकड़ों बीमारियां होने की आशंका बनी रहती है। कोरोना के अलावा टीबी, निमोनिया, बैक्टीरियल मेनिनजाइटिस, जुकाम, एड्स, चेचक, पोलियो, डेंगू, पीलिया और कई तरह के चर्म रोग सिर्फ थूक से फैलते हैं। अक्सर लोग समझते हैं कि जब हम सड़क या नाली में थूकते हैं तो इससे कैसे बीमारी फैलेगी? लेकिन जब थूक जूते-चप्पल, मक्खी आदि से हमारे फर्श या स्पर्श वाले स्थान पर स्थानांतरित हो जाती है तो संक्रमण होना स्वाभाविक होता है।
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मनोवैज्ञानिकों की राय
डॉ पूजा महौर, बाल मनोवैज्ञानिक, एसोसिएट प्रोफसर, केजीएमयू बताती हैं कि बच्चे घर के बड़ों से ही सीखते हैं। जब बड़े लोग सावर्जनिक स्थल पर थूकेंगे तो यही आदत बच्चे भी सीखेंगे। लोगों को अपनी आदत बदलनी होगी। गुटखा या तंबाकू की अधिकांश सामाग्री दक्षिण भारत के राज्यों में पैदा होती है लेकिन दीवारें यहां की रंगीन होती हैं। यूपी में कहीं भी थूक देने की एक आदत सी बन गई है। इसके लिए दृढ़संकल्प होने की अवश्यकता है। यह आपकी आवश्यकता और ज़िम्मेदारी दोनों ही है। मजबूत इच्छाशक्ति से ही हम सावर्जनिक स्थल को थूक से बचा सकते हैं और कोरोना के वायरस फैलने से रोक सकते हैं।
ऐसे होता है संक्रमण
कोई भी व्यक्ति तभी संक्रमित होता है जब वायरस मुंह, नाक और आंख के जरिये उसके शरीर में प्रवेश करता है और वहां वायरस सीधे नहीं पहुँचता। यह वायरस हांथों के जरिये ही मुंह और नाक तक पहुंचता है। आपके हांथ पर एक बार में लाखों वायरस बैठ सकते हैं। ऐसे में जरा सी भी चूक से वायरस मुंह में जा सकता है। इसलिए हाथ धोने की आदत डाल लें। न केवल कोरोना काल तक, बल्कि बाद तक भी इससे आप कई अन्य बीमारियों से भी बचे रहेंगे।
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क्या है नियम
केंद्रीय गृह मंत्रालय की नई गाइडलाइंस के अनुसार सार्वजनिक स्थलों पर थूकने को आपदा प्रबंधन कानून के तहत दंडनीय अपराध बना दिया है। इसके साथ ही सार्वजनिक एवं कार्य स्थलों पर मास्क पहनना भी अनिवार्य कर दिया गया है। वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य विभिन्न माध्यमों से लगातार जागरूक कर रहा है कि सार्वजनिक स्थल पर न थूकें और एक जिम्मेदार नागरिक बनें।
विधिक तर्क
अधिवक्ता एस पी मिश्रा ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने तो सार्वजनिक स्थल पर थूकने पर दंड का प्रावधान किया है। हालांकि केंद्र सरकार के इस आदेश को विभिन्न जिलों में अलग-अलग तरह से लागू किया जा रहा है। यूपी सरकार को अपने स्पष्ट आदेशों के जरिये इसको सख्ती से लागू करवाने की आवश्यकता है।
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