
Low Testosterone: जब भी टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की बात होती है, तो हमेशा पुरुषों के हार्मोन की बात शुरू हो जाती है, लेकिन महिलाओं को भी टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की जरूरत होती है। अगर महिलाओं में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की कमी हो जाए, तो इससे महिलाओं की मसल स्ट्रेंथ, हड्डियों पर असर, सेक्स ड्राइव कम होना और मूड स्विंग्स देखने को मिल सकते हैं। जब किसी महिला में टेस्टोस्टेरोन का लेवल कम होने लगता है, तो इसके असर धीरे-धीरे शरीर और मन दोनों पर दिखने लगते हैं, लेकिन महिलाएं इसे उम्र का तकाजा, थकान और स्ट्रेस मानकर इग्नोर कर देती हैं, जबकि समय पर पहचान और सही मैनेजमेंट से इस कंडीशन को काफी हद तक सुधारा जा सकता है। इस बारे में हमने गुरुग्राम के क्लाउडनाइन हॉस्पिटल के ऑब्स्टेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी विभाग की डायरेक्टर डॉ. चेतना जैन (Dr. Chetna Jain, Director Dept of Obstetrics & Gynecology, Cloudnine Group of Hospitals, Sector 14, Gurgaon) से बात की। (testosterone in women)
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महिलाओं को टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की जरूरत
डॉ. चेतना कहती हैं, “महिलाओं में टेस्टोस्टेरोन का लेवल पुरुषों से कम होता है, लेकिन यह हार्मोन बहुत महत्वपूर्ण है। इससे महिलाओं के शरीर में एनर्जी और स्टेमिना बना रहता है, मांसपेशियों को ताकत मिलती है, बोन डेंसिटी बनाए रखता है और सेक्स ड्राइव को कंट्रोल करते है। इसका असर महिलाओं के मूड पर भी पड़ता है। इसलिए जब किसी महिला में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन कम होता है, तो इसका असर पूरे शरीर पर दिखाई देता है।”
महिलाओं में Low Testosterone होने के लक्षण
डॉ. चेतना ने बताया कि टेस्टोस्टेरोन हार्मोन कम होने पर महिलाओं में कई ऐसे लक्षण दिखाई देते हैं, जिन्हें आमतौर पर महिलाएं इग्नोर कर देती हैं।
- सेक्स ड्राइव में कमी - लो टेस्टोस्टेरोन का सबसे आम और शुरुआती लक्षण सेक्स ड्राइव में कमी है। कुछ महिलाओं को सेक्स में रुचि कम हो जाती है या बिल्कुल महसूस नहीं होती।
- थकान और एनर्जी की कमी महसूस होना - नींद पूरी करने के बाद भी दिनभर थकान, सुस्ती और एनर्जी की कमी महसूस हो सकती है।
- मूड स्विंग्स होना - चिड़चिड़ापन, उदासी, एंग्जायटी और आत्मविश्वास में कमी होना देखा जा सकता है।
- मांसपेशियां कमजोर होना - मसल टोन घटने लगता है, शरीर ढीला महसूस होता है और पहले जैसी ताकत महसूस नहीं होती।
- वजन तेजी से बढ़ना - महिलाओं के खासतौर पर पेट और कमर के आसपास फैट बढ़ने लगता है। कई महिलाओं को शिकायत होती है कि उन्होंने डाइट में कोई बदलाव नहीं किया। इसका कारण टेस्टोस्टेरोन कम होना है।
- फोकस कम होना - ब्रेन फॉग, चीजें भूलना और फोकस करने में परेशानी होना आम होता है।
- हड्डियों पर असर - लंबे समय तक लो टेस्टोस्टेरोन रहने से बोन डेंसिटी घट सकती है, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस का रिस्क बढ़ सकता है।
महिलाओं में टेस्टोस्टेरोन कम होने के कारण
डॉ. चेतना कहती हैं, “महिलाओं में टेस्टोस्टेरोन कम होने के कई कारण हो सकते हैं। इसमें पेरिमेनोपॉज और मेनोपॉज का समय, ओवरी निकालने की सर्जरी, हार्मोनल पिल्स या लंबे समय तक स्टेरॉइड दवाओं का इस्तेमाल करना, लगातार मेंटल स्ट्रेस, थायरॉइड, क्रोनिक बीमारियां या ऑटोइम्यून कंडीशन्स शामिल है। अक्सर महिलाएं इसे थायरॉइड या एस्ट्रोजन की कमी मानकर खुद ही सप्लीमेंट्स लेने लगती हैं। इससे कई बार महिलाओं को फायदा होने की बजाय नुकसान हो सकता है।”
महिलाएं टेस्टोस्टेरोन हार्मोन कैसे करें मैनेज
डॉ. चेतना बताती हैं कि महिलाओं को अपने लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करने चाहिए, ताकि टेस्टोस्टेरोन हार्मोन कंट्रोल में रहे।
- महिलाओं को रेगुलर एक्सरसाइज, खासकर स्ट्रेंथ ट्रेनिंग और वेट ट्रेनिंग करनी चाहिए। ये टेस्टोस्टेरोन को नेचुरली सपोर्ट करती है।
- डाइट में पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन, हेल्दी फैट्स जैसेकि नट्स, बीज, घी, ऑलिव ऑयल, जिंक, मैग्नीशियम और विटामिन D शामिल करना चाहिए।
- रोजाना 7 से 8 घंटे की नींद पूरी करना और स्ट्रेस मैनेज करने के लिए मेडिटेशन, योग और डीप ब्रीदिंग करना काफी फायदेमंद होता है।
- अगर पोस्ट-मेनोपॉजल महिलाओं को गंभीर लो लिबिडो की कमी होती है, तो डॉक्टर लो-डोज टेस्टोस्टेरोन थेरेपी भी दे सकते हैं।
- किसी भी दवाई या सप्लीमेंट शुरू करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
निष्कर्ष
डॉ. चेतना कहती हैं कि महिलाओं में लो टेस्टोस्टेरोन उम्र बढ़ने का हिस्सा हो सकता है, लेकिन इसके लक्षणों को नॉर्मल मानकर छोड़ देना सही नहीं है। अगर किसी महिला को थकान, यौन इच्छा की कमी, वजन या फोकस करने में दिक्कत हो, तो उसे डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
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FAQ
महिलाओं में टेस्टोस्टेरोन बढ़ने से क्या होता है?
महिलाओं में टेस्टोस्टेरोन बढ़ने से मुंहासे, शरीर और चेहरे पर ज्यादा बाल, अनियमित पीरियड्स, आवाज का भारी होना, गंजापन और वजन बढ़ना जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इससे पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) की बीमारी भी हो सकती है।मुझे कैसे पता चलेगा कि मुझे हार्मोनल असंतुलन है?
अगर आपको लगातार थकान, मूड स्विंग, वजन में बदलाव, नींद की समस्या, स्किन से जुड़ी समस्याएं, रेगुलर पीरियड्स न होना या ज्यादा पसीना आने जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं। अगर आपको कोई भी लक्षण महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।टेस्टोस्टेरोन के लिए कौन सा टेस्ट होता है?
टेस्टोस्टेरोन ब्लड टेस्ट के जरिए पता किया जा सकता है। अगर डॉक्टर को इसके लक्षण महसूस होते हैं, तो डॉक्टर टेस्टोस्टेरोन चेक कराने की सलाह दे सकते हैं।
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Dec 29, 2025 15:29 IST
Modified By : Aneesh RawatDec 29, 2025 15:29 IST
Published By : Aneesh Rawat
