रक्‍त में शर्करा की कम मात्रा भी दिल के लिए खतरनाक

रक्‍त में शर्करा की अधिक मात्रा तो बीमार करती ही है, लेकिन क्‍या आपको पता है कि इसकी मात्रा में कमी भी आपकी सेहत के लिए अच्‍छी नहीं होती।
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रक्‍त में शर्करा की कम मात्रा भी दिल के लिए खतरनाक


low blood sugar in hindiखून में शर्करा की मात्रा अधिक दिल के लिए हानिकारक मानी जाती है। लेकिन एक नये अध्ययन में पाया है कि हाइपोग्लाइकेमिया (रक्त में शुगर की मात्रा खतरनाक ढंग से कम होना) भी दिल की बीमारियों का कारण हो सकता है।

 

हाइपोग्लाइकेमिया, इंसुलिन थरेपी के गंभीर दुष्प्रभावों में से एक माना जाता है। हाइपोग्लाइकेमिया होने के बाद मधुमेह रोगी का इंसुलिन उपचार होने से उसे दिल की बीमारियां होने का खतरा 60 फीसदी अधिक होता है। ऐसे रोगियों में सामान्‍य लोगों की अपेक्षा मौत का खतरा भी दोगुना होता है।

ब्रिटेन के लीसेस्टर विश्वविद्यालय में प्राइमरी केयर डायबिटीज और वस्कुलर मेडिसिन के प्रोफेसर और शोधकर्ता कमलेश खूंटी का कना है कि दिल की बीमारियों और उससे होने वाली संभावित मौत पर शुगर के कम स्‍तर पर बात करने वाला यह अपने आप में पहला अध्‍ययन है।

 

इस अध्‍ययन में टाइप 1 और टाइप 2 मधुमेह के रोगियों में दिल की बीमारियों और मौत के खतरे के बारे में बात करते हैं। खूंटी ने बताया कि खतरे बहुत महत्वपूर्ण हैं और हमें रोगियों में इसकी पहचान जल्द करने की जरूरत है ताकि हम उनमें हाइपोग्लाइकेमिया का खतरा कम करने के लिए रणनीतियां लागू कर सकें।

अध्ययन में टाइम 1 मधुमेह के 3,260 रोगियों और टाइप 2 मधुमेह के 10,422 रोगियों का अध्ययन किया गया। मधुमेह के रोगियों की रक्त वाहिनियों में प्लक अधिक जमता है इस कारण उनमें दिल की बीमारियों का खतरा भी अधिक होता है।

 

लीसेस्टटर विश्वविद्यालय के मेलानी डेवीज ने बताया, इस शोध से प्राप्त आंक़डा टाइप 2 मधुमेह से संबंधित हमारे ज्ञान की पुष्टि करता है और टाइम 2 मधुमेह से संबंधित हमारा ज्ञान बढ़ाता है। परिणाम, मधुमेह के रोगियों की चुनौतियों को दर्शाते हैं। यह परिणाम इंसुलिन-उपचारित रोगियों के प्रबंधन में बदलाव का नेतृत्व कर सकते हैं। यह शोध 'डायबिटीज केयर' जर्नल में ऑनलाइन प्रकाशित हुआ है।

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