नई दिल्ली स्थित होटल पालम में तीन दिवसीय सेमिनार का आयोजन एशियन पेसिफिक एसोसिएशन फॉर स्टडी ऑफ द लीवर द्वारा किया जा रहा है। तीन दिवसीय इस सेमिनार का विषय 'एचसीवी इंफेक्शन एंड डिजीज एंड रिसेंट एडवांसेज इन लीवर डिजीजेज' है। यह सेमिनार 18 से 20 दिसंबर तक चलेगा। इस सेमिनार के मुख्य वक्ता डा. एस के सरीन हैं। इस सेमिनार में 32 देशों के विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं।
हेपेटाइटिस के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है लेकिन इसके साथ ही इसके उपचार के नये विकल्प भी सामने आ रहे हैं। आणविक जीव विज्ञान, रोगजनन और इम्यूनोलॉजी के क्षेत्र में उपचार के नये विकल्प सामने आ रहे हैं, जैसे डायरेक्ट एक्टिंग एंटीवॉयरल्स (DAAs), विषाणुओं को खत्म करने वाले एंटीयरल्स और न्यूक्लिक एसिड आधारित उपचार उपलब्ध हैं।
इस सेमिनार में पूरी दुनिया के विशेषज्ञ एचसीवी संक्रमण और इस बीमारी से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेंगे। इसमें विशेष रूप से रोगजनन और लीवर कैंसर के प्रबंधन को शामिल किया जायेगा। एचआईवी या एचबीवी से ग्रस्त मरीजों का उपचार बहुत मुश्किल होता है, उनके बारे में अलग-अलग सत्रों में चर्चा की जायेगी।
एपीएएसएल (Asian Pacific Association for the Study of the Liver) ऐसी संस्था है जो पूरी दुनिया में लीवर संबंधित बीमारी और इसके उपचार के लिए नये शोध करता है। ये विशेष रूप से एशियाई देशों में लीवर से ग्रस्त मरीजों पर अध्ययन करता है। एपीएएसएल का मुख्य उद्देश्य हेपेटोलॉजी (लीवर संबंधित विज्ञान) को बढ़ावा देना है।
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