केरल में पैदा होने वाली बच्चे जियेंगे ज्‍यादा

बेहतर प्रति व्‍यक्ति आय और स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं के दम पर दक्षिण भारतीय राज्‍यों में जीवन प्रत्‍याशा बढ़ रही है। इस पैमाने पर उत्‍तर भारतीय राज्‍य पिछड़ते नजर आ रहे हैं।
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केरल में पैदा होने वाली बच्चे जियेंगे ज्‍यादा


kerala girl in hindiकेरल में 2021 में जन्‍म लेने वाली लड़कियों के जीन की संभावना देश में सबसे अधिक 79 साल निर्धारित की गई है। जबकि उसी अवधि में उत्‍तर प्रदेश और बिहार में जन्‍म लेने वाली बच्चियों की जीवन प्रत्‍याश्‍या  केरल से आठ साल कम 71 साल होगी। केंद्रीय स्‍वस्‍थ्‍य मंत्रालय की ओर से जारी एक ताजा रिपोर्ट में ये अनुमान जारी किये गए हैं। केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री डॉक्‍टर हर्षवर्धन ने गुरुवार को एक कार्यक्रम के दौरान इस रिपोर्ट को जारी किया।



नेशनल हेल्‍थ प्रोफाइल 2013 नामक इस रिपोर्ट में स्‍वास्‍थ्‍य से जुड़े आंकड़े हैं। इसी में संभावित उम्र को लेकर भी आंकड़े दिए गए हैं। अभी भारत में औसत आयु महिलाओं के लिए करीब 70 और पुरुषों के लिए 67 वर्ष आंकी गयी है। अनुमान है कि 2021 में यह क्रमश: 72 साल और 70 साल होगी।

 

चिकित्‍सा विशेषज्ञों के अनुसार उम्र का संबंध स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं और प्रति व्‍यक्ति आय से भी जुड़ा है। इसलिए दक्षिणी राज्‍यों में औसत आयु ज्‍यादा हो रही है, जबकि उत्‍तरी राज्‍य इस मामले में पिछड़ रहे हैं। रिपोर्ट के आंकड़ों के अनुसार 2021 में केरल में जन्‍म लेने वाली बच्चियों की जन्‍म के समय 79 साल जीने की संभावना रहेगी। उत्‍तर प्रदेश में 71.2 तथा बिहार में 71.4 साल रहेगी।

 

जहां तक लड़कों की बात है तो केरल में 75.2 साल रहने की संभावना है। जो देश में सबसे ज्‍यादा है। वहीं, उत्‍तर प्रदेश में 69 और बिहार में 70 वर्ष रहने की संभावना है। केरल के बाद सबसे ज्‍यादा महिला जीवन प्रत्‍याशा गुजरात, पंजाब और महाराष्‍ट्र में करीब 75 वर्ष रहने रहने की संभावना है।

 

यदि पिछड़े राज्‍यों की बात करें तो मध्‍य प्रदेश में जीवन प्रत्‍याशा दर अपेक्षाकृत कम रहेगी। वहां, महिलाओं में 69 और पुरुषों में 68 वर्ष औसत प्रत्‍याक्षा दर आंकी गई है।

 

Image Courtesy- Getty Images

Source- Ministery of Health

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