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Labour Pain in Hindi: लेबर पेन (प्रसव पीड़ा) के क्या लक्षण होते हैं? जानें इसे कम करने के तरीके

प्रेग्नेंसी में लेबर पेन होना एक आम बात है। आगे जानते हैं इसके लक्षण और दर्द को कम करने के उपाय।   
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Labour Pain in Hindi: लेबर पेन (प्रसव पीड़ा) के क्या लक्षण होते हैं? जानें इसे कम करने के तरीके


प्रेग्नेंसी हर महिला के जीवन में एक अलग अनुभव लेकर आती है। इस दौरान महिला को कई तरह के बदलावों से गुजरना पड़ता है। प्रेग्नेंसी में अधिकतर महिलाओं को शारीरिक बदलाव के साथ ही मानसिक बदलावों का भी सामना करना पड़ता है। पहली बार गर्भधारण करने वाली महिलाओं के लिए यह एक नया और अनोखा पड़ाव होता है। प्रेग्नेंसी के नौ महीनों को तीन चरण में बांटा जाता है। इन चरणों में महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं। अंतिम चरण में महिलाओं को प्रसव पीड़ा (लेबर पेन) होता है। इस दौरान उन्हें क्या लक्षण महसूस होते हैं और लेबर पेन के दर्द को कम करने के लिए क्या उपाय होते हैं, इन सभी के प्रश्नों का जवाब आगे दिया गया है। 

प्रेग्नेंसी में लेबर पेन के चरण और सामान्य लक्षण - Symptoms And Stages Of Labour Pain in Hindi 

लेबर पेन एक प्रक्रिया है, जो आमतौर पर तीन चरणों में सामने आती है। इसमें प्रारंभिक लेबर, सक्रिय लेबर और अंतिम चरण। प्रत्येक चरण लक्षणों का एक अलग सेट लाता है, जिससे गर्भवती मां और उसकी जांच करने वाली टीम को प्रसव के बारे में समझने और उसके अनुसार तैयारी करने का समय मिलता है।

प्रारंभिक प्रसव (Early Labour)

  • संकुचन (Contraction): प्रारंभिक प्रसव में अनियमित और हल्के संकुचन (मांसपेशियों का सिकुड़ना) होते हैं, जिन्हें गलती से ब्रेक्सटन हिक्स संकुचन समझ लिया जा सकता है। ये संकुचन आमतौर पर छोटे होते हैं और इनमें 20 मिनट तक का अंतर हो सकता है।
  • सर्वाइकल का फैलाव: प्रारंभिक प्रसव के दौरान सर्वाइकल सिकुड़ना और फैलना शुरू हो जाता है, जो बच्चे के जन्म की तैयारी करता है।
  • पीठ दर्द: कुछ महिलाओं को हल्के पीठ दर्द का अनुभव होता है, क्योंकि बच्चा जन्म के लिए अपनी स्थिति में होता है।

labour pain inside

सकिय प्रसव (Active Labour)

  • तेज संकुचन होना: सक्रिय प्रसव के दौरान संकुचन लंबे और नियमित हो जाते हैं, आमतौर पर 40 से 60 सेकंड तक चलते हैं और हर 3 से 5 मिनट में होते हैं।
  • मेम्ब्रेन का टूटना: एमनियोटिक थैली फट सकती है, जिससे बच्चे के आसपास का तरल पदार्थ बाहर निकल सकता है। इसे आमतौर पर "वॉटर ब्रेकिंग" के रूप में जाना जाता है।
  • बेचैनी होना: जैसे-जैसे बच्चा पेल्विक एरिया में और नीचे आता है, मां को पीठ के निचले हिस्से व पेट में दबाव और बेचैनी का अनुभव हो सकता है।

अंतिम चरण (Pushing and Delivery)

  • बाहर की ओर पुश करना: जैसे ही गर्भाशय पूर्ण फैलाव तक पहुंचती है, महिला को बाह की ओर पुश करने की इच्छा होने लगती है। 
  • क्राउनिंग: इस दौरान शिशु का सिर बाहर आना शुरू हो जाता है, जिसे क्राउनिंग कहा जाता है।
  • दबाव पड़ना: जैसे-जैसे बच्चा जन्म के करीब आता है, मां को बाहर की ओर पुश करने में तेज दबाव महससूस होता है। 

लेबर पेन से राहत के उपाय - How To Prevent Labour Pain In Hindi

  • इस दौरान महिलाएं गहरी सांस ले सकती हैं। इससे कॉन्टैक्शन का दर्द कम हो सकता है। 
  • गर्म पानी से स्नान करना, गर्म पानी के टब में बैठने से भी महिलाओं को दर्द में आराम मिलता है। 
  • मांसपेशियों में होने वाले खिंचाव को कम करने के लिए हल्की मालिश कर सकते हैं। 
  • इस दौरान दर्द को कम करने के लिए पोजीशन में बदलाव के लिए कहा जा सकता है। 

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लेबर पेन में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। महिलाओं को दर्द होने पर उन्हें तुरंत डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए। इसके साथ ही लेबर पेन या कॉन्ट्रैक्शन के समय महिलाओं को चलने या ज्यादा घूमने न दें। इससे तकलीफ बढ़ सकती है। 

 

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