किसी ने सही कहा है जैसा अन्न वैसा तन। हर उम्र के अनुसार, मानसिक और शारीरिक विकास होता है। ऐसे में डाइट भी उसी के हिसाब से होनी चाहिए। बदलती उम्र के साथ पोषण तत्वों की शरीर को ज्यादा जरूरत पड़ती है। पचास की उम्र में तीस की तरह आहार लेना मुमकिन नहीं। बता दें कि हमारे खाने में कार्बोहाइड्रेट के साथ प्रोटीन और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स का भी अहम रोल है। ऐसे में ये और भी जरूरी हो जाता है कि आप अपनी उम्र के हिसाब से खानपान और रहन-सहन में बदलाव करें। पढ़ते हैं आगे...
5 वर्ष की उम्र तक के लिए
ये वो उम्र है जब बच्चों का मानसिक और शारीरिक विकास बहुत तेजी से होता है। ऐसे में बच्चों के लिए वसा और कार्बोहाइड्रेट संतुलित रूप से जरूरी है और मानसिक विकास के लिए माइक्रोन्यूट्रिएंट्स भी बेहद जरूरी है। माइक्रोन्यूट्रिएंट्स का मुख्य स्त्रोत बीन्स, फल, दालें आदि होते हैं। साथ ही बच्चों को पैक्ड खाने की बजाय मूंग दाल का चीला, हलवा, ढोकला आदि दें।
6 से 20 वर्ष तक की उम्र के लिए डाइट
इस उम्र में हार्मोनल बदलाव शुरू हो जाते हैं। इस उम्न में दालें, नट्स अंडे, मीट का सेवन लाभदायक है। खासकर लड़कियों के पीरियड्स भी इसी उम्र के दौरान शुरू हो जाते हैं। ऐसे में ओवेरियन टिश्यूज के विकास के लिए आयरन और कैल्शियम की जरूरत बढ़ जाती है। स्कूल जाने वाले बच्चों की डाइट में कैल्शियम के लिए डेयरी उत्पाद, केला, तिल का तेल जोड़ें। बता दें कि सीजन फल से भी बच्चों को माइक्रोन्यूट्रिएंट्स मिलता है।
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21 से 35 वर्ष तक की उम्र के लिए डाइट
इस उम्र में शारीरिक विकास थम जाता है। चूंकि फिजिकल एक्टिविटी कम हो जाती है इसलिए कार्बोहाइड्रेट की आवश्यकता शरीर को कम हो जाती है। स्त्रियों की बात करें प्रेग्नेंसी के वक्त उन्हें आयरन, फोलेट, विटामिन बी 12, कैल्शियम की जरूरत होती है। अपनी डाइट में हरी सब्जी, पनीर, अंडे, साबुत अनाज, ग्रीन टी, दूध, योगर्ट, ब्रॉक्ली, दाल जोड़ें।
36 से 50 वर्ष तक की उम्र के लिए डाइट
इसी उम्र के दौरान झु्र्रियां दिखाई देनी शुरू हो जाती है। ऐसे में अपने आहार में एंटीऑक्सीडेंट्स को जोड़ें। इसका मुख्य स्त्रोत हैं- कीवी, हरी सब्जी, रंग-बिरंगे फल, सिट्रस फल, डॉर्क चॉकलेट आदि। इस उम्र में सबसे ज्यादा डायबिटीज और मोटापे जैसी परेशानी आम है। ऐसे में वसा से दूर रहें लेकिन अपनी डाइट में हेल्दी फूड जैसे नट्स आदि को जोड़ें।
51 से 70 वर्ष तक की उम्र के लिए डाइट
बुजुर्गों को भी बच्चों के समान ऊर्जा की जरूरत होती है। ये वो उम्र है जब ट्यूशंस नष्ट होने शुरू हो जाते हैं। जिसके कारण डॉक्टर बुजुर्गों को प्रोटीनयुक्त डाइट लेने की सलाह देते हैं। इस उम्र में कब्ज की बीमारी आम है। ऐसे में फाइबर और स्टार्च ज्यादा लेने चाहिए। इसके अलावा बुजुर्ग अपनी डाइट में विटामिन डी, बी 12, मिनरल्स शामिल करें।