सांस लेने में परेशानी, पेट दर्द का कारण बन सकता है थायराइड स्टॉर्म, जानें लक्षण और बचाव का तरीका

थायराइड गर्दन के सामने एक छोटी ग्रंथि है जो थायराइड हार्मोन का उत्पादन करती है। कभी-कभी, थायरॉयड इन हार्मोनों का बहुत अधिक उत्पादन करता है, जिसे हाइपरथायरायडिज्म के रूप में जाना जाता है। जब इसका उपचार नहीं किया जाता तो इससे थायराइड स्टॉर्म नामक खतरनाक स्थिति पैदा हो जाती है। 
  • SHARE
  • FOLLOW
सांस लेने में परेशानी, पेट दर्द का कारण बन सकता है थायराइड स्टॉर्म, जानें लक्षण और बचाव का तरीका


थायराइड स्टॉर्म एक ऐसी स्थिति है, जो बहुत कम लोगों में देखी जाती है, लेकिन यह वास्तव में एक जानलेवा स्थिति है। इसमें व्यक्ति का हार्ट फेल, हार्ट अटैक यहां तक कि उसकी मौत भी हो सकती है। थायराइड स्टॉर्म की स्थिति तब उत्पन्न होती है, जब हाइपरथायराइड से पीड़ित व्यक्ति का उपचार नहीं किया जाता। इस स्थिति में व्यक्ति को तेज बुखार से लेकर अनियमित दिल की धड़कन, बढ़ा हुआ रक्तचाप, उल्टी व दस्त आदि हो सकते हैं। तो चलिए आज हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं-

थायराइड स्टॉर्म के लक्षण

थायराइड स्टॉर्म के लक्षण हाइपरथायरायडिज्म के समान ही होते हैं, लेकिन वे अधिक गंभीर होते हैं और अचानक नजर आते हैं। यही कारण है कि थायराइड स्टॉर्म वाले लोग खुद अपनी देखभाल नहीं कर पाते। इनके लक्षणों में मुख्य है-

  • बहुत तेज हृदय गति (टैचीकार्डिया) 140 बीट प्रति मिनट से अधिक
  • बहुत तेज बुखार, कभी-कभी 105.8º से भी ऊपर
  • लगातार पसीना आना
  • पीलिया
  • निर्जलीकरण
  • कंपन व कमजोरी
  • बेचैनी, उल्टी व मितली
  • दस्त
  • बेहोशी की हालत

इसे भी पढ़ेंः पूल में नहाने से खराब हुई त्वचा तो डॉक्टरों ने शरीर से निकाल ली 25 फीसदी स्किन, किडनी भी हो गईं फेल

जोखिम

थायराइड स्टॉर्म व्यक्ति के लिए काफी जोखिमभरा हो सकता है। इसके कारण व्यक्ति के शरीर के अंगों को ठीक तरह से कार्य करने में परेशानी होती है। इसके कारण व्यक्ति को हार्ट अटैक व हार्ट फेलियर के अतिरिक्त सांस लेने में परेशानी, पेरीफेरल एडिमा, पेट में दर्द व लीवर को भी नुकसान पहुंच सकता है। कई बार थायराइड स्टॉर्म से पीड़ित व्यक्ति को वायरल इंफेक्शन, ऊपरी श्वसन ट्रैक्ट में इंफेक्शन और निमोनिया जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। कई बार थायराइड स्टॉर्म व्यक्ति की मौत का कारण भी बन सकता है।

कारण

थायराइड स्टॉर्म का मुख्य कारण हाइपरथायरायडिज्म का अधूरा इलाज है। जब हाइपरथायरायडिज्म का उपचार नहीं किया जाता या फिर एंटी-थायराइड दवाओं को बंद कर दिया जाता है, तो व्यक्ति को थायरॉयड स्टॉर्म का खतरा अधिक होता है। हाइपरथायरायडिज्म वाले सभी लोगों को थायरॉयड स्टॉर्म नहीं होता। इस स्थिति के कारणों में मुख्य रूप से अतिसक्रिय थायरॉयड ग्रंथि का उपचार न करना व हाइपरथायरायडिज्म से जुड़ा संक्रमण है।

डायग्नोस

थायराइड स्टॉर्म को डायग्नोस करने के लिए कोई स्पेशल लैब टेस्ट मौजूद नहीं है। इसका पता लगाने के लिए डॉक्टर मरीज के लक्षण व संकेतों पर विशेष रूप से ध्यान देते हैं। इसके अतिरिक्त चिकित्सक ब्लड टेस्ट के जरिए शरीर में थायराइड हार्मोन के स्तर को मापते हैं।  थायराइड स्टॉर्म वाले लोगों में T3 और T4 हार्मोन सामान्य से अधिक होते हैं।

इसे भी पढ़ेंः किडनी के लिए धीमा जहर साबित होती है ये 4 चीजें, महिलाएं और पुरुष दोनों ही शिकार

इलाज

थायराइड स्टॉर्म अचानक विकसित होता है और यह आपके शरीर के सभी प्रणालियों को प्रभावित करता है। इसमें व्यक्ति को तुरंत उपचार की जरूरत होती है। इसके लिए व्यक्ति को थायरॉइड हार्मोनों के उत्पादन को कम करने के लिए प्रोपीथियोरासिल या मिथिमाज़ोल जैसी एंटीथायराइड दवाईयां दी जाती हैं। इसके अतिरिक्त हाइपरथायरायडिज्म के इलाज के लिए रोगी को निरंतर देखभाल की आवश्यकता होती है। हाइपरथायरायडिज्म वाले लोगों का रेडियोएक्टिव आयोडीन द्वारा इलाज किया जा सकता है, जो कि थायराइड को नष्ट कर देता है। हालांकि जिन गर्भवती महिलाओं को हाइपरथायरायडिज्म होता है, उनके इलाज के लिए इस रेडियोएक्टिव आयोडीन का सहारा नहीं लिया जा सकता, क्योंकि यह उनके अजन्मे बच्चे को नुकसान पहुंचाएगा। उन मामलों में, महिला के थायरॉयड को सर्जिकल तरीके से खत्म किया जाता है।

थायरॉयड स्टार्म से पीड़ित लोगों को अपने खानपान पर विशेष ध्यान देना चाहिए। उन्हें आयोडीन लेने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे स्थिति और खराब हो सकती है। यदि आपका थायराइड रेडियोएक्टिव आयोडीन उपचार द्वारा नष्ट हो जाता है या सर्जिकल तरीके से हटा दिया जाता है, तो भी आपको बाद में सिंथेटिक थायराइड हार्मोन लेने की आवश्यकता होगी।

Read More Articles On Other Diseases in Hindi

 

Read Next

प्रियंका चोपड़ा की नई फिल्म 'The Sky Is Pink' है 'पल्मोनरी फाइब्रोसिस' से जूझने वाली लड़की की असली कहानी

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version