
ग्रेवस रोग हाइपरथायराइडिज्म की वजह है। इसमें थायराइड ग्रंथि अधिक सक्रिय हो जाती है और सामान्य से ज्यादा हार्मोन बनाने लगती है। अधिक जानकारी के लिए पढ़ें।
थायराइड हमारी गर्दन में नीचे की ओर पाई जाने वाली तितली के आकार की ग्रंथि है। शरीर में इसका काम बहुत महत्वपूर्ण होता है। हृदय गति, सांस लेने व शरीर के लिए जरूरी ऊर्जा महसूस करने में थायराइड ग्रंथि की अहम भूमिका होती है। यही नहीं, यह शरीर में कोशिकाओं, ऊतकों, अंगों, हड्डियों, त्वचा और हृदय पर भी नियंत्रण रखती है। यह थायरॉक्सिन हार्मोन का स्राव करती है, जो शरीर की मेटाबोलिक क्रियाओं को संभव बनाता है। यह हार्मोन दो तरह का होता है, थायरॉक्सिन और ट्राईडोथॉयरोनीन जिसे सरल भाषा में टी 3 और टी 4 भी कहा जाता है। थायराइड ग्रंथि का नियंत्रण पिटय़ूटरी ग्रंथि करती है।
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थायराइड दो प्रकार का होता है। अगर किसी व्यक्ति के शरीर में थायराइड हार्मोन की कमी हो जाती है तो उसकी क्रियाओं पर इसका असर पड़ता है, जिसका नतीजा हाइपोथायराइडिज्म के रूप में सामने आता है। इसके विपरीत जब किसी में थायराइड हार्मोन का स्तर निर्धारित क्षमता से ज्यादा हो जाता है तो वह हाइपरथायराइडिज्म की बीमारी का शिकार हो जाता है। दोनों ही स्थितियों में व्यक्ति में इन बीमारियों के लक्षण दिखाई देने लगते हैं, इसे ही सरल भाषा में थायराइड कहते हैं।
हाइपरथायराइडिज्म
यह तब होता है, जब शरीर में थायराइड हार्मोन खासकर टी 3 का लेवल बढ़ जाता है। इसके बढ़ने से शरीर का वजन कम होने लगता है, सांस लेने में दिक्कत होने लगती है, छाती में दर्द शुरू हो जाता है और हड्डियां कमजोर हो जाती हैं।
लक्षण
उत्तेजना और दिल की धड़कन बढ़ना, ज्यादा पसीना निकलना, त्वचा का गर्म होना, नींद में कमी होना।
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जानिए क्यों होता है हायपरथायराइडिज्म-
- ग्रेवस रोग हाइपरथायराइडिज्म की वजह है। इसमें थायराइड ग्रंथि अधिक सक्रिय हो जाती है और सामान्य से ज्यादा हार्मोन बनाने लगती है।
- पारिवारिक इतिहास भी इसकी एक वजह है। अगर परिवार में किसी को रेडिशयन एक्सपोजर हुआ हो या फिर किसी दवा की वजह से थायराइड हुआ है।
- कभी कभी थायराइड ग्रंथि में बिना किसी कारण सूजन आ जाती है। ग्रंथि में ज्यादा हार्मोन संग्रहित होने के कारण रक्त में पहुंच कर सूजन पैदा कर सकते हैं। इस बीमारी को थाइरोडिटिस के नाम से जाना जाता है इसमें दर्द हो भी सकता है या नहीं भी हो सकता है। दर्दरहित थाइरोडिटिस अक्सर प्रसव के बाद महिलाओं में पाया जाता है।
- किसी बीमारी में ली गई दवा या इलाज भी थायराइड का कारण बनती है।
- तनाव का भी थायराइड ग्रंथि पर असर होता है जिसकी वजह से थायराइड हो सकता है।
- नोड्यूल्स अवटुग्रंथि में भी अति सक्रिय हो जाता है।
- अत्यधिक आयोडिन कई औषधियों में पाया जाता है जिससे किसी-किसी में अवटुग्रंथि या तो बहुत अधिक या फिर बहुत कम हार्मोन बनाने लगता है।
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