चेहरे को खूबसूरत और बेहतर बनाने के लिए कई तरह की सर्जरी और चिकित्सा की जाती है। आजकल लोगों के बीच में चेहरे को बेहतर और खूबसूरत बनाने के माइक्रोनीडलिंग (Microneedling) या कोलेजन इंडक्शन थेरेपी का चलन है। यह एक कॉस्मेटिक थेरेपी है जो त्वचा को ठीक कर जवान दिखने में मदद करती है। इसे न्यूनतम इनवेसिव कॉस्मेटिक प्रक्रिया कहा जाता है जिसमें कोलेजन उत्पादन के माध्यम से त्वचा की समस्याओं का इलाज किया जाता है। यही कारण है कि इस थेरेपी को कोलेजन इंडक्शन थेरेपी (Collagen Induction Therapy) कहा जाता है। एंटीएजिंग और स्किन से जुड़ी अन्य समस्याओं के लिए यह थेरेपी बहुत फायदेमंद मानी जाती है। आइये यूपी के गोंडा जिले में स्थित जिला अस्पताल में कार्यरत वरिष्ठ त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ अजीत सिंह से जानते हैं इस थेरेपी के फायदे और इसकी प्रक्रिया के बारे में।
कोलेजन इंडक्शन थेरेपी के फायदे (Collagen Induction Therapy Benefits)
माइक्रोनीडलिंग या कोलेजन इंडक्शन थेरेपी स्किन से जुड़ी कई समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाती है। यह कॉस्मेटिक थेरेपी गहरे रंग की स्किन वाले लोगों के लिए बहुत बेहतर मानी जाती है। इस थेरेपी को लेजर उपचार से कम लागत वाला भी माना जाता है। इस प्रक्रिया से आपके स्किन पर आने वाले एंटी एजिंग प्रभावों को भी दूर किया जाता है। माइक्रोनीडलिंग या कोलेजन इंडक्शन थेरेपी के प्रमुख फायदे इस प्रकार हैं।
टॉप स्टोरीज़
- मुहांसों को दूर करने के लिए।
- बालों के झड़ने में फायदेमंद।
- एंटी एजिंग के लिए उपयोगी।
- स्किन पर बड़े छिद्रों को दूर करने में फायदेमंद।
- स्किन पर दाग-धब्बों को खत्म करने में उपयोगी।
- सन बर्न के प्रभावों को खत्म करने में फायदेमंद।
- चेहरे पर महीन रेखाएं और झुर्रियां दूर करने में उपयोगी

कैसे की जाती है कोलेजन इंडक्शन थेरेपी या माइक्रोनीडलिंग? (Collagen Induction Therapy Process)
माइक्रोनीडलिंग या कोलेजन इंडक्शन थेरेपी एक एक्सपर्ट त्वचा रोग विशेषज्ञ की देखरेख में की जाती है। इस प्रक्रिया में कई सूक्ष्म सुईयों का इस्तेमाल किया जाता है। माइक्रोनीडलिंग की प्रक्रिया में कई उपकरणों का भी इस्तेमाल किया जाता है जो इस पूरी प्रक्रिया को आसन बनाते हैं। आमतौर पर इस थेरेपी को करने में 10 से 20 मिनट का समय लगता है। और 5 से 7 बार यह थेरेपी लेने के बाद आपके चेहरे और स्किन पर इसका असर दिखने लगता है। इस प्रक्रिया में सुई का इस्तेमाल करने से पहले आपके चेहरे पर क्रीम का लेप किया जाता है जिससे आपके चेहरे पर सुई की चुभन महसूस न हो। उसके बाद फिर छोटी सुइयों के साथ एक पेन के आकार का या रोलिंग टूल आपके स्किन पर इस्तेमाल किया जाता है। ज्यादातर लोग चेहरे की माइक्रोनीडलिंग कराते हैं लेकिन यह शरीर के अन्य हिस्से जैसे कि जांघों और पेट आदि पर भी की जा सकती है।
माइक्रोनीडलिंग या कोलेजन इंडक्शन थेरेपी के इफेक्ट्स (Side Effects of Microneedling)
माइक्रोनीडलिंग या कोलेजन इंडक्शन थेरेपी के कुछ साइड इफेक्ट्स भी हैं जो आपको कुछ दिनों में दिखाई देने लगते हैं। इस प्रक्रिया को अपनाने से पहले इसके जोखिमों के बारे में आपको जरूर जान लेना चाहिए। यह एक कॉस्मेटिक प्रक्रिया है जिसके कई जोखिम हो सकते हैं। माइक्रोनीडलिंग के कुछ प्रमुख जोखिम इस प्रकार से हैं।
- इस प्रक्रिया में समय ज्यादा लगता है और इसके लिए कुछ अन्य उपचारों की भी जरूरत पड़ सकती है।
- सुई का इस्तेमाल करने के बाद इसके प्रभाव को ठीक होने में एक से दो सप्ताह लग सकते हैं।
- इस प्रक्रिया के बाद आपको स्किन पर दर्द और लाली महसूस हो सकती है। कुछ दिनों तक आपको यह समस्या हो सकती है।
- इस प्रक्रिया के बाद आपकी त्वचा परतदार या थोड़ी तंग हो सकती है।
- माइक्रोनीडलिंग में सुई का इस्तेमाल किया जाता है इसलिए इसके जरिए इंफेक्शन के फैलने का भी खतरा रहता है।

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माइक्रोनीडलिंग या कोलेजन इंडक्शन थेरेपी एक कॉस्मेटिक प्रक्रिया है। इस लेख में सिर्फ इस प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी गयी है। इस प्रक्रिया को अपनाने से पहले आप चिकित्सक की राह जरूर लें। इसका इस्तेमाल करने से पहले इसके जोखिमों के बारे में जानकारी जरूर लें।
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