उम्र बढ़ने के शुरुआती लक्षणों से परेशान लोग इन्हें कम करने के लिए नए-नए तरीके अपनाते हैं। वे इन लक्षणों को रोकने के लिए कभी सर्जरी तो कभी दवाइयों की मदद लेते हैं। लेकिन इन लक्षणों को रोक पाना आसान नहीं होता। अगर आप भी लोगों में से एक हैं तो बता दें कि आयुर्वेद में इसका इलाज है। आयुर्वेद में कई ऐसी जड़ी-बूटी मौजूद हैं जो एजिंग प्रोसेस को धीरे कर सकती हैं। बता दें कि सफेद बाल, झुर्रियां, आंखों के नीचे काले घेरे आदि लक्षण उम्र बढ़ने के होते हैं ऐसे में इसका एक बड़ा कारण असंतुलित आहार और गलत जीवनशैली भी होता है। आयुर्वेद में दिए गए कुछ आसान से टिप्स आपकी इस समस्या को दूर कर सकते हैं। आज हम इस लेख के माध्यम से आपको बताएंगे कि आप किस तरीके से एजिंग प्रोसेस को रोक सकते हैं। पढ़ते हैं आगे...
एजिंग प्रॉब्लम के लिए नीम (Neem for Anti Aging)
नीम को प्राकृतिक त्वचा रोगी और प्राकृतिक एंटीसेप्टिक मानते हैं। वही नीम की तासीर ठंडी और प्रकृति हल्की होती है। स्वाद में तीखी और कसैली नीम मुंह में कड़वा स्वाद देती है ऐसे में शरीर से गर्मी को कम करने में नीम बेहद फायदेमंद है। नीम को आयुर्वेद में बुढ़ापा विरोधी दवा के रूप में भी देखा जाता है। अगर आप इसका सेवन खाली पेट करते हैं तो खून साफ करने के साथ ये उम्र को रोकने में भी मदद करती है।
एजिंग प्रॉब्लम के लिए एलोवेरा (Aleo Vera for Anti Aging)
एलोवेरा का रस त्वचा के लिए बेहद उपयोगी है। इसके अंदर त्वचा संबंधित रोगों को कम करने के गुण पाए जाते हैं। बता दें कि एलोवेरा की तासीर ठंडी होती है और इसका स्वाद कड़वा होता है। ऐसे में ये शरीर से गर्मी निकालने में बेहद मददगार साबित हो सकती है। अगर आप त्वचा में नमी बनाए रखना चाहते हैं साथ ही लटकी त्वचा में कसाव लाना चाहते हैं तो आप एलोवेरा का रस या इसके गूदे का इस्तेमाल कर सकते हैं। चेहरे पर मुंहासे, सूजन, एलर्जी आदि को भी एलोवेरा दूर करता है।
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एजिंग प्रॉब्लम के लिए चंदन (Sandalwood for Anti Aging)
चंदन के अंदर एंटी-टॉक्सिन और जवां बनाए रखने वाले गुण मौजूद होते हैं। ऐसे में त्वचा संबंधित समस्याएं जैसे कालापन, खुजली, एलर्जी, खुदरापन आदि को समस्या को दूर करने में चंदम बेहद कारगर है। इसका लाभ उठाने के लिए आप चंदन के तेल को नारियल के तेल के साथ मिलाएं और मालिश करें। ऐसा करने से उम्र बढ़ने के लक्षणों को रोका जा सकता है।
एंटी एजिंग प्रॉब्लम के लिए आंवला (Ambla for Anti Aging)
बता दें कि स्वाद में खट्टे आंवला प्रकृति में ठंडे और मुंह में बाद तक मीठा रस छोड़ने वाले होते हैं। इनके अंदर शरीर के प्रणालियों को पुनर्जीवित करने के गुण पाए जाते हैं। आंवला के अंदर साइट्रिक एसिड भरपूर मात्रा में पाया जाता है। वह इसके अंदर Cellulose (सेलुलोस), फाइबर, चीनी, एल्ब्यूमिन (एक प्रकार का प्रोटीन है), कार्बोहाइड्रेट, पानी आदि भी होता है। आयुर्वेद में मानते हैं कि त्रिदोष यानि वात, पित्त और कफ को कम करने में आंवला बेहद मददगार है।
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एंटी एजिंग प्रॉब्लम के लिए गुलाब जल (Rose Water for Anti Aging)
बता दें कि गुलाब जल के अंदर विटामिन सी पाया जाता है जो त्वचा के लिए बेहद ही अच्छा है। इसकी तासीर ठंडी और ये काफी हल्का होता है। चमकदार त्वचा, अच्छा रंग, एलर्जी आदि को कम करने में गुलाब जल बेहद उपयोगी है। इसके अलावा आप गुलाब जल सिरप को एक गिलास पानी में मिलाकर खाली पेट पीते हैं तो लाभ मिलता है।
ये लेख महर्षि आयुर्वेद के चिकित्सा अधीक्षक, डॉक्टर सौरभ शर्मा द्वारा दिए गए इनपुट्स पर बनाया गया है।
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