छाती और पेल्विक के बीच में दर्द और ऐंठन को पेट में मरोड़ का नाम दिया जाता है। इसके लक्षण ज्यादा चिंताजनक नहीं होते। लेकिन कभी-कभी पेट में मरोड़ कुछ गंभीर बीमारियों के लक्षणों का भी संकेत देती है। ऐसे में आज हम आपको इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि पेट में मरोड़ किन कारणों की वजह से उठती है। इसके लक्षण क्या हैं, साथ ही हम जानेंगे इसके बचाव और उपाय। पढ़ते हैं आगे...
पेट में मरोड़ के कारण-
पेट में मरोड़ निम्न समस्याओं के कारण उठ सकती है-
1- गैस की समस्या
शरीर में गैस तब होती है जब छोटी आंत में मौजूद बैक्टीरिया शरीर में ना पचने वाले खाद पदार्थों को तोड़ते हैं। जब आंत में गैस बढ़ने लगती है तो तेज दर्द महसूस होता है। साथ ही पेट में खिंचाव और मरोड़ भी पैदा होती है, इसके कारण डकार, पेट फूलना, पेट में ऐंठन आदि लक्षण नजर आने लगते हैं।
2- एसिड रिफ्लक्स
कुछ स्थिति ऐसी बन जाती है जब पेट का एसिड पीछे की तरफ चलने लगता है और वह गले तक पहुंच जाता है। इस समस्या से दर्द, जलन आदि परेशानी महसूस होने लगती हैं। इसके लक्षणों में पेट फूलना, मरोड़ आदि लक्षण आते हैं।
3- आईबीएस (इरिटेबल बाउल सिंड्रोम)
जो लोग आईबीएम के शिकार हो जाते हैं वह कुछ प्रकार के आहार को नहीं पचा पाते। इस समस्या से ग्रस्त लोगों को पेट में दर्द, मरोड़, गैस, पेट फूलना आदि लक्षण का सामना करना पड़ता है। यह समस्या मल त्यागने के बाद ठीक हो जाती है।
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4- गैस्ट्रोएन्टराइटिस
इस स्थिति में उल्टी, पेट में दर्द, द्रव युक्त मल जैसे समस्याएं नजर आने लगती हैं। जो व्यक्ति गैस्ट्रोएन्टराइटिस का शिकार हो जाता है वह अक्सर खाने के बाद तुरंत मल त्यागने जाता है। उसे दिन में कई बार मल त्यागने के लिए जाना पड़ता है। यह समस्या बैक्टीरिया, वायरस के कारण होती है। वैसे तो कुछ दिनों में ये परेशानी ठीक हो जाती है लेकिन अगर ज्यादा दिन रहे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि इसके कारण शरीर में कमजोरी आ सकती है।
5- कब्ज के कारण
कॉलन में दबाव तब बढ़ता है जब आंतों में मल जमा होने लगता है। इसके कारण पेट में मरोड़, दर्द, ऐंठन आदि लक्षण नजर आने लगते हैं। ऐसे में हम कह सकते हैं कि जिन लोगों को कब्ज की समस्या रहती है उन्हें पेट में मरोड़ की समस्या हो सकती है।
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6- उल्टी के कारण
जैसे एसिड पाचन तंत्र में चला जाता है और वहां जलन और दर्द पैदा कर देता है। ऐसा ही कुछ उल्टी के साथ भी है। यदि किसी व्यक्ति का जी मचलाए तो उसके पेट में दर्द और मरोड़ पैदा होने लगती है। उल्टी के कारण मांसपेशियों में दर्द और जलन भी पैदा हो सकती है।
7- पेप्टिक अल्सर
अल्सर या घाव अगर समय पर ठीक ना हो तो इसके कारण भी पेट में गंभीर समस्याएं, स्थिर दर्द, मरोड़ आदि पैदा होने लगती हैं। अल्सर सामान्य तौर पर बैक्टीरियल संक्रमण ही होता है यदि कोई व्यक्ति non-steroidal एंटी इन्फ्लेमेटरी का सेवन अधिक मात्रा में करें तो यह पेप्टिक अल्सर को जन्म दे सकता है।
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8- गैस्ट्राइटिस
अगर कभी आपको पेट की परत में जलन, लालिमा और सूजन दिखाई दे तब भी पेट में मरोड़ या दर्द की समस्या पैदा हो जाती है।
9- मांसपेशियों में खिंचाव और तनाव
हम रोज अपने नियमित गतिविधियों को पूरा करने के लिए पेट की मांसपेशियों का उपयोग करते हैं, जिसके कारण पेट में चोट या खिंचाव हो जाना यह आम बात है। इसके कारण भी पेट में मरोड़ या दर्द हो सकते हैं। कुछ लोग तो पेट के एक्सरसाइज पर ज्यादा ध्यान देते हैं उनकी मांसपेशियों में क्षति हो जाती है तब भी मरोड़ जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
पेट में मरोड़ के अन्य कारण-
1- पित्ताशय में पथरी होना
2- फूड पॉइजनिंग के कारण
3- लीवर में सूजन और जलन यानी हेपेटाइटिस के कारण
4- पेट के भीतर अंगों में संक्रमण कैंसर इंफेक्शन के कारण।
पेट के मरोड़ के लक्षण
पेट में जब भी मरोड़ या ऐंठन पैदा होती है तो दर्द इसकी आम लक्षणों में आता है। वही इसके अन्य लक्षण निम्न प्रकार हैं-
1- उल्टी आना
2- चुभन महसूस करना
3- पेट में तेज दर्द महसूस करना
5- बार-बार मल त्यागने की स्थिति महसूस करना
डॉक्टर से कब मिलें-
अगर आपको निम्न समस्याएं हो रही हैं तो डॉक्टर को तुरंत दिखाएं-
1- वजन का कम होना
2- पेशाब के वक्त दर्द महसूस करना
3- काफी दिनों तक दस्त रहना
4- कुछ भी खाने में दिक्कत महसूस करना
5- त्वचा में पीलापन का आ जाएगा
6- लगातार उल्टी आना
7- शरीर में बुखार चढ़ जाना
8- पेट को छूने पर भी दर्द महसूस करना
9- काफी दिनों तक पेट फूलने की समस्या या दर्द महसूस करना
10- मल के साथ खून आना
पेट में मरोड़ से बचाव और उपाय
1- भरपूर मात्रा में फल और सब्जियों का सेवन करें।
2- गैस हो जाने पर खाद्य पदार्थों का सेवन सीमित मात्रा में करना।
3- भोजन को रुक रुक कर खाना और थोड़े-थोड़े समय पर कुछ ना कुछ सवन करना।
4- रोजाना भरपूर मात्रा में पानी पीना।
5- फाइबर युक्त भोजन करना।
6- मरोड़ उठने पर पेट को गर्म पानी की बोतल से सिकाई जिससे कि पेट की मांसपेशियों को आराम मिल सके
7- पेट की मांसपेशियों की मसाज करना। इससे सख्त मांसपेशियां नरम बनेंगी।
8- अगर आपके मरोड़ पेट में खिंचाव के कारण हैं तो कुछ देर आराम करना।
खुद को हाइड्रेट रखें
अगर हम भरपूर मात्रा में पानी पीते हैं तो इससे निर्जलीकरण यानी डिहाइड्रेशन की समस्या दूर हो जाती है। बता दें कि डिहाइड्रेशन से मांसपेशियों में मरोड़ उठती है और यह स्थिति कुछ समय बाद गंभीर रूप ले लेती है ऐसे में आप स्पोर्ट्स ड्रिंक की मदद भी ले सकते हैं। इनके सेवन से इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी पूरी होती है। लेकिन इनका सेवन उचित मात्रा में ही करें। क्योंकि इन पदार्थों में शुगर की मात्रा भरपूर पाई जाती है। इसके अलावा एक्सपर्ट कहते हैं कि दिन में कम से कम 8 से 9 गिलास पानी का सेवन करें। यदि आप किसी कारणवश पानी का सेवन नहीं कर पा रहे हैं तो आप अपने पास जूस, छाछ आदि भी रख सकते हैं। इनके सेवन से शरीर में पानी की कमी पूरी होती है।
एप्सोम सॉल्ट बाथ-
ध्यान दें कि जो लोग गर्म पानी में एप्सोम नमक मिलाकर नहाते हैं उनकी मांसपेशियों में मरोड़ की समस्या दूर हो जाती है। यह एक घरेलू उपचार होता है जो मांसपेशियों को न केवल शांत रखता है बल्कि दर्द से भी दूर रखता है ।एप्सोम नमक में भरपूर मात्रा में मैग्नीशियम पाया जाता है जिससे मांसपेशियों में मरोड़ की समस्या दूर होती है।
नोट- पेट में उठने वाली मरोड़ वैसे को आम होती है लेकिन जब ये जरूरत से ज्यादा उठने लगे तो तुरंत डॉक्टप से सलाह लें। थोड़ी सी भी लापरवाही आपको गंभीर समस्या का सामना करा सकती है।
ये लेख डॉ कपिल कोचर, निदेशक मिनिमल एसएस सर्जरी विभाग, फोर्टिस अस्पताल द्वारा दिए गए इनपुट्स पर बनाया गया है।
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