अचानक बच्चों की कमर का साइज बढ़ना स्वस्थ होने की निशानी नहीं बल्कि यह किसी गंभीर बीमारी का लक्षण हो सकता है। देश के पांच प्रमुख शहरों में बच्चों के विभिन्न आयु वर्ग पर किए शोध के आधार पर सर गंगाराम अस्पताल के विशेषज्ञों ने यह खुलासा किया है।
अस्पताल की पीडीएट्रिक एंडोक्राइनोलॉजिस्ट डॉ. अर्चना आर्या के मुताबिक, उन्होंने दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता, पुणे व रायपुर के 10842 बच्चों पर सर्वे किया था। इनमें दो से 17 आयु वर्ग के चार वर्ग शामिल थे।
सर्वे में पाया गया है कि इनमें से 3.3 फीसदी हाई ब्लडप्रेशर के मरीज पाए गए। साथ ही यह भी पाया गयाा कि कमर का आकार बढ़ने से मेटाबोलिक सिंड्रोम का खतरा बढ़ रहा है। इस कारण युवाओं में हाइपर टेंशन, हाई ब्लडप्रेशर, टाइप टू डायबटिक जैसी बीमारियां बढ़ रही हैं।
सर्वे में पता चला कि जिन बच्चों की कमर का साइज बढ़ा है, वे फास्ट फूड ज्यादा खाते हैं। साथ ही वे खाने में वसा व कैलोरी का प्रयोग अधिक करते थे।
जंक फूड की अधिकता के चलते उनके शरीर में प्रोटीन की मात्रा बेहद कम पाई गई। छह साल की आयु वाले बच्चे हाइपर टेंशन व डायबटीज के मरीज पाए गए। इनमें साढ़े तीन सौ बच्चों में हाइपर टेंशन की सबसे बड़ी समस्या देखी गई।
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