दो सालों में तीन गुनी हुई ई-सिगरेट पीने वालों की संख्या

एक्शन ऑन स्मोकिंग एण्ड हेल्थ (ऐश) के अनुसार ब्रिटेन में पिछले दो सालों में इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट (ई-सिगरेट) के उपयोगकर्ताओं की संख्या बढ़कर तिगुनी हो गई है।
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दो सालों में तीन गुनी हुई ई-सिगरेट पीने वालों की संख्या


एक्शन ऑन स्मोकिंग एण्ड हेल्थ (ऐश) (स्वास्थ्य क्षेत्र में काम करने वाली संस्था) के मुताबिक पिछले दो सालों में इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट (ई-सिगरेट) पीने वालों की संख्या बढ़कर तीन गुनी हो गई है। यह संख्या लगभग 21 लाख पहुंच गई है।

E-Cigarette Users in Hindi

 

इस संस्था के अनुसार धूम्रपान करने वाले या धूम्रपान छोड़ चुके लोगों में से आधे से अधिक लोगों ने ई-सिगरेट का कश लिया है। गौरतलब है कि साल 2010 में यह संख्या आठ प्रतिशत थी।

 

 

'ऐश' के इस सर्वेक्षण में 12,000 से अधिक धूम्रपान करने वाले वयस्कों को शामिल किया गया। अध्ययन से पता चला कि ई-सिगरेट पीने वाले अधिकांश लोग धूम्रपान कम करने के लिए ई-सिगरेट का सहारा ले रहे थे। 'ऐश' के मुताबिक ई-सिगरेट पीने वाले ऐसे लोगों की संख्या केवल एक प्रतिशत है, जिन्होंने कभी धूम्रपान नहीं किया।

 

इस संस्था ने वर्ष 2010 से ई-सिगरेट के उपयोग पर अनेक सर्वेक्षण किए हैं जिनमें सबसे ताज़ा सर्वेक्षण मार्च में किया गया। ई-सिगरेट का उपयोग करने वाले लोगों में से लगभग सात लाख लोग धूम्रपान छोड़ चुके हैं। वहीं तक़रीबन 13 लाख लोग सिगरेट और तंबाकू के साथ इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट का इस्तेमाल भी कर रहे हैं।

 

नियमित रूप से सिगरेट पीने वाले लोगों में ई-सिगरेट का उपयोग करने वालों की संख्या साल 2010 के 2.70 फ़ीसदी की तुलना में 2014 में 17.70 प्रतिशत तक पहुंच गई है।

 

जब धूम्रपान छोड़ चुके लोगों से ई-सिगरेट का उपयोग करने का कारण पूछा गया तो 71 प्रतिशत लोगों ने बतया कि वे धूम्रपान छोड़ने में ई-सिगरेट का सहारा लेना चाहते थे।

 

वहीं दूसरी ओर धू्म्रपान करने वाले 48 प्रतिशत लोगों का कहना था कि उन्होंने तंबाकू की मात्रा को कम करने के लिए ई-सिगरेट का सहारा लिया। जबकि 37 प्रतिशत लोगों की राय थी कि उन्होंने पैसे बचाने के लिए ई-सिगरेट के विकल्प का चुनाव किया।

 

'ऐश' की मुख्य कार्यकारी डेबोरा अर्नोट बताती हैं, "पिछले चार सालों में ई-सिगरेट पीने वालों की संख्या में नाटकीय तौर पर इज़ाफा हुआ है और धूम्रपान करने वालों का झुकाव तेज़ी से इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट की तरफ हुआ है क्योंकि वे धूम्रपान कम करना चाहते हैं या छोड़ना चाहते हैं।"

 

 

डेबोरा अर्नोट ने यह भी कहा कि ई-सिगरेट के विज्ञापन को नियंत्रित करना बेहद जरूरी है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बच्चे और धूम्रपान न करने वाले इसकी चपेट में न आएं। हमारे शोध में ई-सिगरेट से सिगरेट की लत लगने जैसे कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं।

 

Source: BBC

 

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