गर्भावस्था के दौरान कई बार महिलायें तनाव में आ जाती हैं। धीरे-धीरे यह तनाव उन पर हावी होने लगता है और अवसाद बन जाता है। ऐसे में महिलायें अधिक जंक फूड खाने लगती हैं और यह उनके बच्चे के लिए हानिकारक बन जाता है।
'किंग्स कॉलेज ऑफ लंदन' के शोधकर्ताओं के मुताबिक, गर्भावस्था के दौरान जंक फूड का सेवन करने वाली महिलाओं के बच्चों का आईक्यू लेवल कमजोर हो जाता है। हालांकि विशेषज्ञों की मानें तो गर्भवती महिलायें इस खतरे से अपने बच्चे को बचा सकती हैं। अवसाद की स्थिति में डॉक्टर से सलाह लेकर और स्वस्थ खानपान को अपनाकर वे अपने बच्चे के मानसिक विकास को होने वाले नुकसान को कम कर सकती हैं।
ठोस निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए शोधकर्ताओं ने करीब सात हजार महिलाओं और उनके बच्चों पर अध्ययन किया। इन सभी महिलाओं ने गर्भावस्था के दौरान कम से कम पांच बार डिप्रेशन में आने की शिकायत की थी। शोधकर्ताओं ने महिलाओं को एक प्रश्नावली भरने को दी। इसमें उन्हें गर्भावस्था के दौरान अपने खानपान से संबंधित आदतों के बारे में लिखना था।
इसके बाद अध्ययन में शामिल बच्चों के आठ वर्ष का होने पर शोधकर्ताओं ने उनके आईक्यू का परीक्षण किया। और यह सामान्य से कम पाया गया। जिन महिलाओं ने ज्यादा डिप्रेशन की बात मानी थी, उनके खानपान में असंतुलन पाया गया। ऐसी महिलाओं का चिप्स, पेस्ट्री, चॉकलेट और बिस्किट खाने पर ज्यादा जोर था। इसका सीधा असर बच्चों के आईक्यू लेवल पर देखा गया।
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