महिलाओं के लिए प्रेग्नेंसी का समय जितना खास और संवेदनशील होता है, उतनी ही देखभाल की जरूरत उन्हें डिलीवरी के बाद भी होती है। शिशु के जन्म के साथ ही मां की जिम्मेदारियां बढ़ जाती हैं, जिससे उसका शरीर और मानसिक स्वास्थ्य दोनों प्रभावित हो सकते हैं। ऐसे समय में अगर सही खानपान न हो, तो थकावट, कमजोरी और मानसिक तनाव जैसी समस्याएं हो सकती हैं। आयुर्वेद में प्रसव के बाद की देखभाल को बहुत महत्व दिया गया है। इस दौरान शरीर को फिर से ताकतवर बनाने के लिए कुछ पारंपरिक चीजों का सेवन करना फायदेमंद माना जाता है। गर्मियों के मौसम में जब शरीर की आंतरिक गर्मी बढ़ जाती है और एनर्जी की जरूरत भी होती है, तब गोंद कतीरा जैसे प्राकृतिक ठंडक देने वाले तत्व बेहद लाभकारी हो सकते हैं। यह शरीर को ठंडा रखने के साथ-साथ ताकत भी देता है और कमजोरी को दूर करता है। इस लेख में नोएडा के सेक्टर-12 में स्थित, अर्चित आयुर्वेदिक क्लीनिक के डॉ. अनंत त्रिपाठी से जानिए, डिलीवरी के बाद गोंद कतीरा कैसे खाएं और इसके क्या-क्या फायदे होते हैं?
डिलीवरी के बाद गोंद कतीरा के फायदे - Benefits Of Gond Katira After Delivery
गोंद कतीरा एक नेचुरल रेजिन है जो पौधे के तने से रिसता है। यह पानी में भिगोने पर फूल जाता है और जैली जैसा हो जाता है। आयुर्वेद में इसे "बल्य" यानी शरीर को ताकत देने वाला माना गया है। डिलीवरी के बाद महिलाओं को यह मांसपेशियों की रिकवरी, हार्मोनल संतुलन और नसों को मजबूती देने में मदद कर सकता है।
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- डिलीवरी के बाद महिलाओं का शरीर कमजोर हो जाता है और ऐसे में गोंद कतीरा शरीर में स्टैमिना बढ़ाता है और कमजोरी दूर करता है।
- यह शरीर की भीतरी गर्मी को कंट्रोल करता है जो डिलीवरी के बाद अक्सर बढ़ जाती है।
- गोंद कतीरा में मौजूद कैल्शियम और मिनरल्स हड्डियों की मजबूती के लिए जरूरी होते हैं।
- यह दूध की मात्रा बढ़ाने में भी मदद कर सकता है।
- फाइबर से भरपूर होने के कारण गोंद कतीरा कब्ज की समस्या को दूर करता है जो डिलीवरी के बाद आम है।
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डिलीवरी के बाद गोंद कतीरा कैसे खाएं? - How To Eat Gond Katira After Delivery
डिलीवरी के बाद महिलाओं को दिन में एक बार मिड-मॉर्निंग या शाम के समय गोंद कतीरा का सेवन करना चाहिए। इसे दूध के साथ मिलाकर पिया जा सकता है। 1 छोटा चम्मच भीगा हुआ गोंद कतीरा 1 कप दूध में मिलाएं और फिर इसमें 2-3 बादाम के साथ 1-2 छुहारे और 1 चुटकी केसर मिक्स करें और पिएं।
गोंद कतीरा की मात्रा सीमित रखें और हमेशा रातभर भिगोकर ही सेवन करें, कच्चा या सूखा न खाएं। यदि पाचन शक्ति कमजोर हो तो डॉक्टर की सलाह के बाद ही गोंद कतीरा का सेवन करें। इसके अलावा जिन महिलाओं को दस्त, डायरिया या बहुत ठंड लगती है या जिन्हें गोंद से एलर्जी हो उन्हें भी इसका सेवन एक्सपर्ट की सलाह अनुसार ही करना चाहिए।
निष्कर्ष
गोंद कतीरा डिलीवरी के बाद ताकत के लिए एक बेहतरीन आयुर्वेदिक विकल्प हो सकता है। यह न सिर्फ मां के शरीर को फिर से ताकतवर बनाता है बल्कि मानसिक और शारीरिक थकावट को भी कम करता है। हालांकि, हर महिला का शरीर अलग होता है, इसलिए इसके सेवन से पहले आयुर्वेदिक विशेषज्ञ की सलाह लेना उचित होगा।
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FAQ
क्या गोंद कतीरा कब्ज पैदा कर सकता है?
गोंद कतीरा आमतौर पर पाचन के लिए लाभकारी माना जाता है, लेकिन अगर इसे अधिक मात्रा में या बिना पर्याप्त पानी के सेवन किया जाए, तो यह कब्ज की समस्या पैदा कर सकता है। यह शरीर में ठंडक लाने वाला होता है और फाइबर से भरपूर होता है, इसलिए सही तरीके से सेवन करने पर यह कब्ज को दूर करता है। लेकिन जब इसे पानी में अच्छी तरह भिगोकर नहीं खाया जाए या डिहाइड्रेशन की स्थिति हो, तब यह पाचन क्रिया को धीमा कर सकता है। इसलिए गोंद कतीरा को हमेशा पर्याप्त पानी में भिगोकर और संतुलित मात्रा में ही लें।गोंद कतीरा की तासीर क्या होती है?
गोंद कतीरा की तासीर ठंडी मानी जाती है, इसलिए इसे गर्मियों में सेवन करना बेहद लाभकारी होता है। यह शरीर को अंदर से ठंडक पहुंचाता है और लू, डिहाइड्रेशन, जलन, पेशाब में जलन जैसी समस्याओं से राहत दिलाने में मदद करता है। आयुर्वेद के अनुसार, गोंद कतीरा शरीर को संतुलित करता है। इसकी ठंडी तासीर के कारण इसे अक्सर दूध, गुलकंद या सब्जा बीज के साथ मिलाकर सेवन किया जाता है।क्या गर्भवती महिलाएं गोंद कतीरा खा सकती हैं?
गर्भवती महिलाएं गोंद कतीरा का सेवन कर सकती हैं, लेकिन केवल डॉक्टर या आयुर्वेदिक विशेषज्ञ की सलाह के बाद ही। प्रेग्नेंसी के दौरान हर महिला की शारीरिक स्थिति अलग होती है, इसलिए बिना सलाह के इसका सेवन न करें। खासकर यदि महिला को सर्दी, खांसी, पाचन से जुड़ी समस्या या गर्भावस्था में कोई जटिलता हो, तो इससे परहेज करना बेहतर होता है।