Jitiya Festival 2024: जितिया व्रत या जीवित्पुत्रिका व्रत मिथिला के लोगों के लिए बहुत ही खास है। इस व्रत को सुहागिन महिलाएं अपने बच्चों की लंबी उम्र और समृद्धि के लिए रखती हैं। इस बार जितिया का व्रत 24 सितंबर को शाम से ही शुरू हो जाएगा। मिथिला के अलावा जितिया का व्रत बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के कई जिलों में रखा जाता है। इस व्रत को रखने से एक दिन पहले महिलाएं नहाय खाय करती हैं। नहाय खाय में मडूआ की रोटी, माछ (मछली) और नोनी का साग खाया जाता है।
जितिया का व्रत मेरे लिए बहुत ही खास है और मेरे बचपन की यादों को ताजा कर देता है। मुझे आज भी याद है, जब हम लोग छोटे हुआ करते थे, तब जितिया के नहाय खाय में मां मडूआ की रोटी, नोनी का साग और माछ खाने के लिए कहती थी। हमारे घर खाने में बनती ही मरुआ की रोटी और मछली थी। मेरे भाई और परिवार के बाकी लोग खुशी-खुशी मडूआ की रोटी खा लिया करते थे, लेकिन मैं हमेशा इसे खाने से बचती थी, क्योंकि मुझको इसका स्वाद बिल्कुल भी पसंद नहीं था। लेकिन वक्त के साथ मरुआ की रोटी मेरी पहली पसंद बन चुका है। जितिया के व्रत से पहले खाए जाने वाले मरुआ की रोटी, माछ और नोनी साग सिर्फ परंपरा के हिसाब से नहीं बल्कि सेहत के लिहाज से भी बहुत फायदेमंद है। आज इस लेख में हम आपको बताने जा रहे हैं जितिया पर खाए जाने वाले मडुआ की रोटी, मछली और नोनी साग खाने के फायदों के बारे में। इस विषय पर ज्यादा जानकारी के लिए हमने नोएडा स्थित मदरहुड हॉस्पिटल की कंसल्टेंट डाइटिशियन-न्यूट्रिशनिस्ट निव्या विकल से बात की।
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मरुआ की रोटी खाने के फायदे- Health Benefits of Marua ki Roti
डाइटिशियन निव्या विकल के अनुसार, मरुआ की रोटी जिसे आम भाषा में रागी की रोटी कहा जाता है। मरुआ में कैल्शियम, प्रोटीन, ट्रिप्टोफैन, आयरन, मिथियोनिन, फाइबर, लेसिथिन, फास्फोरस, कैरोटीन और कार्बोहाइड्रेट जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। मरुआ में फाइबर अधिक मात्रा में पाया जाता है जो वजन कम करने में मदद करता है। साथ ही, यह पेट की बीमारियां जैसे की एसिडिटी, कब्ज और पेट के दर्द से भी राहत दिलाता है। नियमित तौर पर मरुआ की रोटी का सेवन करने से ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है। डाइटिशियन का कहना है कि मरुआ की तासीर गर्म होती है, इसलिए जिन लोगों की इम्यूनिटी कमजोर होती है, उन्हें बदलते मौसम में मरुआ का सेवन करने की सलाह दी जाती है।
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नोनी का साग खाने के फायदे- Health benefits of Noni Saag
हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि नोनी का साग (What is Noni Saag) बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में ही पाया जाता है। नोनी साग की पत्तियों में प्रोटीन, विटामिन ए, विटामिन बी और डी जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। यह पोषक तत्व इम्यूनिटी को मजबूत बनाकर बीमारियों से लड़ने में मदद करती है। नोनी साग हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाने में मदद करता है।
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माछ (मछली) खाने के फायदे- Health Benefits of Fish in Hindi
मछली (Fish Nutrition) का सेवन हर उम्र के लोगों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। मछली में प्रोटीन, आयोडीन, विटामिन डी व ओमेगा-3 पाया जाता है। मछली का सेवन करने दिमाग और आंखों की शक्ति बढ़ाने में मदद मिलती है। मछली हड्डियों, दांत, बाल और त्वचा सभी के लिए बहुत फायदेमंद होती है। नियमित तौर पर मछली का सेवन करने से शारीरिक कमजोरी से भी राहत मिलती है।
जितिया व्रत पर खाए जाने वाले मरुआ की रोटी, माछ और नोनी साग के फायदे आप जान गए होंगे और इसे अपनी रेगुलर डाइट का हिस्सा जरूर बनाएंगे।
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