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Is Walking Ok For Knee Pain In Hindi: घुटनों का दर्द बहुत ही तकलीफदेह होता है। घुटनों में दर्द होने के कारण उठना-बैठना और चलना-फिरना सब मुश्किल हो जाता है। वैसे तो बढ़ती उम्र में ही घुटनों की तकलीफ अधिक देखने को मिलती है। लेकिन, कुछ बीमारियां जैसे अर्थराइटिस, स्ट्रेन आदि के कारण भी घुटनों में दर्द हो सकता है। ये बीमारियां किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती हैं। आमतौर पर आपने सुना होगा कि हर तरह की बीमारी में वॉक किया जा सकता है। यहां यह जान लेना जरूरी हो जाता है कि क्या घुटनों में दर्द से परेशान लोगों को नियमित रूप से वॉक करना चाहिए? यह सवाल इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्यांकि घुटनों में दर्द के कारण वॉक करने से दर्द बढ़ सकता है। तो चलिए, इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल और हिलिंग टच क्लीनिक के ऑर्थोपेडिक सर्जन और स्पोर्ट्स इंजरी स्पेशलिस्ट डॉक्टर अभिषेक वैश से जानते हैं कि घुटनों में दर्द से परेशान लोगों को वॉक करना चाहिए या नहीं?
क्या घुटनों में दर्द होने पर वॉक करना चाहिए?
घुटनों में दर्द क्यों हो रहा है, इस बात पर यह तय किया जा सकता है कि इस स्थिति में वॉक किया जाना चाहिए या नहीं। हालांकि, ज्यादातर मामलों में डॉक्टर सलाह देते हैं कि घुटनों में दर्द होने पर भी आप वॉक कर सकते हैं। खासकर, अगर किसी को ऑस्टियोआर्थराइटिस हो, तो उन्हें नियमित रूप से वॉक करना चाहिए। वॉकिंग एक कम प्रभावशाली एक्सरसाइज है। इसे कोई भी कर सकता है। यहां तक कि कई हेल्थ कंडीशन को मैनेज करने के लिए भी चहलकदमी को जरूरी माना जाता है। इसमें थायराइड और डायबिटीज शामिल हैं। इसी तरह, ऑस्टियोआर्थराइटिस होने पर भी वॉक किया जाना अच्छा विकल्प होता है। इससे दर्द और अकड़न दूर होती है।
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घुटनों में दर्द होने पर वॉक करने के फायदे
मांसपेशियां मजबूत होती हैं
नियमित रूप से वॉक करने से घुटनों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। इससे जोड़ों में हो रही तकलीफ दूर होती है। साथ ही, दर्द की समस्या भी कम होती है। आपको बता दें कि जिन लोगों की मांसपेशियां कमजोर होती हैं, उन्हें घुटनों में भी दर्द बना रहता है। ऐसे में वॉक करने से शरीर के निचले हिस्से की मांसपेशियों पर फर्क नजर आता है। एक ही जैसी एक्टिविटी के कारण संतुलन में भी मदद मिलता है।
फ्लेक्सिबिलिटी में सुधार
जिन लोगों की हड्डियां कमजोर होती हैं, उनके घुटनों में तो दर्द होता ही है। इसके साथ ही फ्लेक्सिबिलिटी भी प्रभावित होती है। वहीं, अगर आप नियमित रूप से वॉक करते हैं, तो इससे हड्डियों को मजबूती मिलती है और फ्लेक्सिबिलिटी में भी सुधार होता है।
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दर्द में कमी
अगर किसी एक्सीडेंट या इंजुरी की वजह से घुटनों में दर्द है, तो बेहतर है कि आप कुछ समय के लिए वॉक न करें। इसके बजाय, डॉक्टर की सलाह पर बेडरेस्ट करें। वहीं, अगर घुटनों में दर्द का कोई और कारण हो, तो अच्छा होगा कि नियमित रूप से वॉक करें। लगातार वॉक करने से दर्द में कमी आती है। मांसपेशियां मजबूत होती हैं। खासकर, अगर आपको अर्थराइटिस के कारण दर्द हो रहा है, तो उसमें भी कमी नोटिस की जा सकती है।
सर्कुलेशन में सुधार
नियमित रूप से वॉक करने से ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है। ध्यान रखें कि जब बॉडी में ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है, तो इससे ओवर ऑल हेल्थ पर अच्छा असर पड़ता है। ऐसा ही घुटनों के दर्द के साथ भी होता है। असल में, ब्लड सर्कुलेशन की वजह से शरीर के हर हिस्से तक जरूरी पोषक तत्व पहुंचते हैं। ऐसे में घुटनों के दर्द में भी कमी आती है।
घुटनों में दर्द के दौरान वॉक करने के टिप्स
- घुटनों में दर्द होने पर लंबे समय तक वॉक न करें।
- घुटनों में दर्द होने की स्थिति में वॉक धीमी करें।
- ऐसी स्थिति में आधे घंटे की वॉक फायदेमंद होती है।
- अगर वॉक करने से दर्द बढ़ जाए, तो वॉक न करें।
All Image Credit: Freepik
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