
Is Somniphobia Dangerous: हम में से कई लोगों को दिन हो या रात बस सोने का बहना चाहिए होता है। लेकिन, क्या आपने सोचा है कि कुछ लोगों को नींद से डर भी लगता है। जी हैं, सोम्निफोबिया एक ऐसी स्थिति है, जिसमें इससे पीड़ित व्यक्ति को सोने से डर (Fear Of Sleep) लगता है। यह कई कई बार इतना ज्यादा बढ़ जाता है कि व्यक्ति कई दिनों तक सो नहीं पाता है, जिससे उसके डेली रूटीन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। लेकिन, क्या ये स्थिति खतरनाक होती है या सामान्य इस बात को लेकर लोग कंफ्यूज रहते हैं। तो आइए नई दिल्ली के तुलसी हेल्थकेयर के सीईओ और सीनियर साइकेट्रिस्ट डॉ. गौरव गुप्ता से जानते हैं कि क्या सोम्निफोबिया खतरनाक होता है या नहीं?
क्या सोम्नीफोबिया खतरनाक है? - Is Somniphobia Dangerous in Hindi?
डॉ. गौरव गुप्ता का कहना है कि, हां, सोम्नीफोबिया हमारे स्वास्थ्य के लिए खतरनाक होता है। सीधे तौर पर तो नहीं, लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से ये हमारी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। जैसे-
- सोम्नीफोबिया के कारण आपमें लंबे समय तक नींद की कमी हो सकती है, जो दिमाग के काम करने, मनोदशा और इम्यूनिटी को प्रभावित कर सकता है।
- गंभीर मामलों में सोम्नीफोबियया के कारण एंग्जाइटी, डिप्रेशन और यहां तक कि मतिभ्रम का जोखिम भी बढ़ सकता है।
- सोम्नीफोबिया के कारण संज्ञानात्मक प्रदर्शन में कमी हो सकती है, जिसके कारण व्यक्ति की याददाश्त कमजोर और एकाग्रता में कमी आ सकती है।
- सोम्नीफोबिया के चलते खराब नींद के कारण दिल से जुड़ी बीमारी, डायबिटीज और मोटापे का जोखिम बढ़ जाता है, जो सेहत के लिए हानिकारक होता है।
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सोम्नीफोबिया के लक्षण - Symptoms of Somniphobia in Hindi
- नींद का नाम सुनते ही डर या घबराहट महसूस होना
- रात में बार-बार नींद से डरकर उठना या नींद न आना
- सोने से पहले बेचैनी, घबराहट या पैनिक अटैक आना
- दिल की धड़कन तेज होना, सांस लेने में परेशानी, पसीना और चक्कर आना
- सोने से बचने के लिए देर रात तक मोबाइल चलाना, टीवी देखना या खुद को काम में बिजी रखना
- अकेले सोने से डरना और किसी के बिना सोना मुश्किल होना।
- दिन में थकान, चिड़चिड़ापन, फोकस करने में परेशानी और मूड स्विंग्स होना
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सोम्नीफोबिया के कारण - Causes of Somniphobia
- ट्रॉमा: किसी व्यक्ति को नींद में डरावना अनुभव (जैसे स्लीप पैरालिसिस, बुरे सपने, नींद में गिरना या दम घुटना) हुआ हो, तो वो आगे चलकर नींद से डरने लगता है।
- मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति: अगर कोई व्यक्ति पहले से एंग्जायटी डिसऑर्डर, पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर या डिप्रेशन जैसी मानसिक बीमारी से जूझ रहा हैं, तो उसमें सोम्निफोबिया होने की संभावना ज्यादा रहती है।
- नींद से जुड़ी बीमारियां: जैसे स्लीप एपनिया, नाइट टेरेर्स आदि जैसी समस्याओं के कारण व्यक्ति को नींद से डर लग सकता है।
- मौत का डर: कुछ लोग नींद को मौत के समान मानते हैं। उन्हें लगता है कि अगर वे सो गए तो शायद फिर जाग नहीं पाएंगे। यह डर धीरे-धीरे फोबिया में बदल सकता है।
निष्कर्ष
सोम्निफोबिया एक गंभीर समस्या है, लेकिन इसका इलाज संभव है। अगर आपको या आपके किसी जानने वाले को सोने से डर लगता है, इसलिए इस समस्या को नजरअंदाज न करें। सही समय पर साइकोलॉजिस्ट से कंसल्ट करें।
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