सरसों के तेल (Mustard Oil) को सर्दियों में कई छोटी-मोटी परेशानियों का घरेलू उपचार माना जाता है। बात चाहे रूखी और बेजान त्वचा की हो या सर्दी-जुकाम की, लोग सरसों के तेल को इन स्थितियों में रामबाण इलाज के रूप में इस्तेमाल करते हैं। पर आपने कभी सरसों का तेल लगाने के बाद खुजली, रैशेज और छींक आदि परेशानियों पर गौर किया है? हम में से अधिकतर लोग इस पर गौर नहीं करते। क्योंकि हमें बताया जाता है, कि सरसों तेल लगाने के बाद ऐसी आम प्रतिक्रियाएं होती हैं, तो इसे नजरअंदाज करें और इसके फायदों पर ध्यान दें। जबकि इन लक्षणों को नजरअंदाज करना नुकसानदेह हो सकता है। इसलिए आज हम आपको सरसों के तेल के नुकसान (mustard oil side effects) के बारे में बताएंगे, जिसे जानना इसे इस्तेमाल करने वाले हर व्यक्ति के लिए जरूरी है।
सरसों के तेल के नुकसान (mustard oil side effects)
सरसों के तेल का इस्तेमाल करना कई मायनों में लाभदायक है, पर जरूरी नहीं कि ये लाभ सभी लोगों के लिए हो। दरअसल, साल 1998 में दिल्ली सरकार ने सरसों के तेल के उपयोग पर रोक लगा दी थी। इसके पीछे एक बड़ा कारण सरसों तेल का मिलावटी होना था। इसके कारण लोगों को स्वास्थ्य से जुड़ी गंभीर परेशानियों को सामना करना पड़ा था। इसी दौरान, दुनिया भर में किए गए कई रिसर्च में इस बात का दावा भी किया गया कि सरसों का तेल लोगों में एडिमा रोग (Edema) के लक्षणों को ट्रिगर कर सकता है। इसी तरह साल 2016 में, एफडीए (FDA) ने एक चेतावनी जारी की थी कि सरसों के तेल में काफी उच्च मात्रा में इरुसिक एसिड (erucic acid) पाई जाती है, जिसके कारण ये खाना पकाने और कुछ स्थितियों में लगाने के लिए भी सुरक्षित नहीं है। तो आइए जानते हैं सरसों के तेल के वो नुकसान जिन्हें, हमें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
1. राइनाइटिस एलर्जी (Rhinitis)
सरसों के तेल के अत्यधिक सेवन से राइनाइटिस हो सकता है जिसमें, श्लेष्म झिल्ली (mucous membrane)में सूजन आ जाती है। कई बार तो सरसों तेल लगाने के बाद ही ये राइनाइटिस एलर्जी के लक्षणों को ट्रिगर करता है। जैसे कि
- - खांसी
- -लगातार छींक आना
- -भरी हुई नाक
- -नाक से पानी टपकना।
हालांकि सरसों तेल लगाने के तुरंत बाद ये कई लोगों को होता है पर अगर ये लक्षण अपने आप ठीक न हो और आपको बार-बार हो तो, इसे नजरअंदाज न करें।
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2. जलन और सूजन
सरसों के तेल में एक और हानिकारक रासायनिक यौगिक होता है, जिसे एलिल आइसोथियोसाइनेट (allyl isothiocyanate) कहा जाता है। ये काफी स्ट्रांग और रिएक्टिव होता है। जैसे ही आप इसे शरीर पर लगाते हैं इसके गंध से फेफड़े ,नाक और यहां तक कि शरीर में कई अंगों में जलन महसूस होती है। इसके कारण आपको सूजन भी हो सकती है। इस तरह कि सेंसिटिविटी इस और संकेत करती है कि आपके लिए सरसों का तेल लगाना सही नहीं है।
3. त्वचा को नुकसान
सरसों के तेल का लंबे समय तक इस्तेमाल करना त्वचा के लिए नुकसानदेह हो सकता है। अध्ययनों से पता चला है कि यह त्वचा के पोर्स को ब्लॉक कर देता है और एपिडर्मिस के माध्यम से हाइड्रेशन में कमी लाता है, जिससे एपिडर्मल केराटिनोसाइट्स (epidermal keratinocytes) की संरचना में काफी बदलाव होता है। इसके कारण सरसों तेल लगाने के बाद आप त्वचा पर फफोले और खुजली वाले दाने महसूस करते हैं।
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4. सरसों तेल से मालिश न करें
सरसों का तेल भारी और गर्म तासीर वाला होता है। इसके कई तत्व त्वचा के लिए एलर्जी का कारण बन सकते हैं। अगर आप इसे चेहरे और बालों की मालिश करने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं, तो किसी विशेषज्ञ से जरूर बात कर लें या फिर किसी और तेल का इस्तेमाल करें। ऐसा इसलिए कि ये आपको त्वचा और बालों के पोर्स को बंद कर सकता है, जिससे आपको एक्ने और बालों में खुजली आदि की परेशानी हो सकती है। एक बात और ध्यान में रखें कि ऑयली स्किन और बाल वाले लोगों को इतने भारी तेल के इस्तेमाल से बचना चाहिए।
सरसों के तेल को हम पूरी तरह से नुकसानदेह नहीं बता रहे, पर इसके ये नुकसान नजरअंदाज भी नहीं किए जा सकते। दरअसल, ये सभी नुकसान मुख्य रूप से इम्युनोग्लोबुलिन ई (immunoglobulin E) या आईजीई की मध्यस्थता वाली एलर्जी (IgE-mediated allergies)हैं, जिसमें लोगों स्वास्थ्य से जुड़ी गंभीर परेशानियों तक का सामना करना पड़ सकता है।
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