डेल्टा वेरिएंट (Dalta Variant) उन लोगों के लिए अत्यधिक संक्रामक है, जिन लोगों को वैक्सीन नहीं लगी हुई है। हम यह भी जानते हैं कि डेल्टा वेरिएंट बहुत तेजी से फैल रहा है और कोविड-19 के मुकाबले ये 75% अधिक घातक है। इसी कारण आजकल माता पिता अपने बच्चों को लेकर चिंतित हैं। हालांकि, वैज्ञानिक भी इस बात के लिए पूरी तरीके से आश्वस्त नहीं हैं कि डेल्टा वेरिएंट (Dalta Variant) अधिक गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है या पहले वाला स्ट्रेन वायरस। लेकिन चाहे कुछ भी हो है कि बच्चों के गंभीर रूप से बीमार पड़ने की पूरी संभावना है। चाहे वह नोबल वायरस के कारण हो या फिर डेल्टा वेरिएंट (Dalta Variant) के कारण या फिर एक गंभीर सूजन पैदा करने वाली बीमारी एमआईएससी के कारण। तो, एक्सपर्ट से जानते हैं कि कोरोना का डेल्टा वैरिएंट बच्चों के लिए कितना खतरनाक है?
कोरोना का डेल्टा वैरिएंट बच्चों के लिए कितना खतरनाक है-Delta variant Coronavirus effect on children
डॉ अमित गुप्ता, सीनियर कंसलटेंट, पीडियाट्रिशियन एंड नियोनाटोलॉजिस्ट, मदरहुड हॉस्पिटल, नोएडा के अनुसार बच्चों की इम्यूनिटी बहुत कमजोर होती है और उनके लिए फिलहाल कोई उपचार या वैक्सीन भी उपलब्ध नहीं है। जिस कारण उनका संक्रमित होने का रिस्क और अधिक बढ़ जाता है। बच्चों को वायरस की चपेट में आने से बचाने का सबसे बढ़िया तरीका है कि बड़ों को अपना वैक्सिनेशन करवा लेना चाहिए। आपका मुख्य उद्देश्य कोविड के केस जीरो करना नहीं, बल्कि इसके कारण होने वाली गंभीरता को खत्म करना है।
1. घबरायें नहीं समझदारी से काम लें (Don't Panic, Act Wisely)
माना कि डेल्टा वेरिएंट (Dalta Variant) तेजी से फैलने वाला वेरिएंट है और जिन क्षेत्रों में अभी पूरी तरह से वैक्सीनेशन नहीं हुई है उन क्षेत्रों में डेल्टा वेरिएंट के फैलने की अधिक संभावना है। वैसे धीरे-धीरे सभी लोग यहां तक कि बच्चे भी अपने नॉर्मल रूटीन में आ रहे हैं। यहां तक कि घरों से बाहर निकलना भी शुरू हो गया। तो अगर ऐसे में बच्चे के अंदर डेल्टा वेरिएंट के लक्षण दिखते हैं तो आपको पैनिक होने की जरूरत नहीं। बहुत ही कम बच्चों में मल्टी सिस्टम इन्फ्लेमेटरी सिंड्रोम देखने को मिला है जो गंभीर कैटेगरी में आता है।
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2. गंभीर रिस्क नहीं (No Serious Risk)
देखा जाए तो बच्चों में कोविड के लक्षण अभी उतने गंभीर देखने को नहीं मिले हैं और यहां तक कि बहुत कम प्रतिशत ही उन बच्चों का है जो अस्पताल में भर्ती हुए हैं। अधिकतर बच्चे नॉर्मल बुखार जैसे लक्षणों के साथ ही ठीक हो रहे हैं। अगर डेल्टा वेरिएंट (Dalta Variant) के केस बढ़ने के साथ कुछ बच्चों में यह वेरिएंट फैल भी जाता है, तो वह अस्पताल में भर्ती तो हो सकते हैं। लेकिन इससे कुल अस्पताल में भर्ती होने की दर में कुछ बहुत बड़ा बदलाव नहीं आने वाला है। इसलिए हम कह सकते हैं कि बच्चों का अस्पताल में भर्ती होने का रिस्क अधिक नहीं बढ़ रहा है।
3. हेल्थ भी है जिम्मेदार (Due To Low Immunity)
बच्चा कोविड से कितना अधिक प्रभावित हो सकता है यह उसकी हेल्थ पर भी निर्भर करता है। अगर आपके बच्चे की इम्यूनिटी स्ट्रॉन्ग है और वह ज्यादा बीमार नहीं होता है तो हो सकता है वह इसे झेल जाए। लेकिन अगर उसकी इम्यूनिटी पहले से ही कमजोर है तो आपको उसका बहुत ख्याल रखना होगा।
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4. खुद वैक्सीन लगवाने के लिए आगे बढ़ें (Proceed to Get Yourself Vaccinated)
कुछ प्रमाण यह साबित करते हैं कि अधिक वैक्सिनेटेड क्षेत्रों में बच्चों में संक्रमण की दर बहुत ही कम है। बच्चों को संक्रमित होने से बचाने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि आपको खुद का और अपने आस पास के क्षेत्र के सभी लोगों का वैक्सिनेशन करवाना चाहिए। ताकि आपके समुदाय में कोविड फैलने का रिस्क बहुत ही कम हो और वह बच्चों में भी न फैल सके। वायरस यह नहीं देखता की आप बच्चे हैं या बड़े बल्कि वह उस व्यक्ति को अपना शिकार बनाता है जो वैक्सिन रहित होता है। इसलिए अगर आपने अभी तक वैक्सीन नहीं लगवाई है और आप इसके योग्य हैं तो तुरंत करवानी चाहिए।
पूरी महामारी में बच्चों के संक्रमण का रेट बहुत ही कम रहा है। लेकिन अधिक फैलने वाले वेरिएंट के कारण हो सकता है बच्चों में भी खतरा आ जाए। इसलिए आपको अपने बच्चों को सुरक्षित रखने का प्रयास करना चाहिए। हो सकता है बच्चों की वैक्सीन भी जल्द ही उपलब्ध हो जाए, इसलिए ऐसा होने के बाद उनका भी टीकाकरण अवश्य करवाएं।
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