डायबिटीज आज की सबसे आम और तेजी से बढ़ती बीमारियों में से एक है। दरअसल, बीते कुछ दशकों से लोगों की लाइफस्टाइल और खानपान में कई तरह के बदलाव देखने को मिले हैं। यह बदलाव सेहत के लिए नुकसानदायक होते हैं, ऐसे में व्यक्ति को ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर बढ़ने की समस्या का सामना करना पड़ता है। डायबिटीज एक लंबे समय तक चलने वाली बीमारी है। जब आपके शरीर में पैंक्रियाज पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन का निर्माण नहीं कर पते हैं तो ऐसे में आपको डायबिटीज हो सकती है। लेकिन, यदि आप डाइट और लाइफस्टाइल में कुछ आवश्यक बदलाव करते हैं तो इससे डायबिटीज को कंट्रोल में रखा जा सकता है। ऐसे में एक्सपर्ट्स आपको लो गलाइसीमिक इंडेक्स वाले फूड्स खाने की सलाह देते हैं। इस दौरान ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए आप डाइट में सोयाबीन को शामिल कर सकते हैं। सोयाबिन लो ग्लाइसेमिक इंफेक्स और कॉम्पलैक्स कार्ब्स होता है, जो ब्लड शुगर को मैनेज करने में मदद करता है। इस लेख में डाइटिशियन शिवाली गुप्ता से जानते हैं कि क्या डायबिटीज में सोयबीन का सेवन किया जा सकता है?
डायबिटीज में सोयाबीन कितना फायदेमंद है? - Is Soyabean Good for Diabetics?
सोयाबीन में प्रोटीन और फाइबर की भरपूर मात्रा होती है। शाकाहारी लोगों के लिए यह प्रोटीन का एक बेस्ट सोर्स माना जाता है। सोयाबीन में कई आवश्यक विटामिन्स, मिनरल्स, ओमेगा-3 फैटी एसिड, आयरन, कैल्शियम और फाइटोएस्ट्रोजेन भी होते हैं। यह केवल मसल्स बनाने या वजन बढ़ाने में ही मददगार नहीं है, बल्कि कई गंभीर बीमारियों में भी इसका सेवन लाभकारी हो सकता है।
ग्लाइसेमिक इंडेक्स लो होना
सोयाबीन का ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) बहुत कम होता है, जो करीब लगभग 15 से 20 होता है। इसका मतलब है कि यह ब्लड शुगर को धीरे-धीरे बढ़ाता है और शुगर स्पाइक्स से बचाता है। इससे शरीर में अचानक ब्लड शुगर नहीं बढ़ती है।
फाइबर से भरपूर
सोयाबीन में सॉल्यूबल और अनसॉल्यूबल दोनों तरह के फाइबर होते हैं। फाइबर पाचन प्रक्रिया को धीमा करता है और ब्लड शुगर लेवल को स्थिर बनाए रखने में मदद करता है।
प्रोटीन की उच्च मात्रा
डायबिटीज को कंट्रोल में रखने के लिए आपको प्रोटीन युक्त आहार लेने की सलाह दी जाती है, क्योंकि यह ब्लड शुगर नहीं बढ़ाता। सोयाबीन प्रोटीन का एक बेहतरीन स्रोत है और भूख को नियंत्रित रखने में मदद करता है। जिससे आपको बार-बार खाने की आदत से छुटकारा मिलता है।
इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार
सोया प्रोटीन और इसमें मौजूद आइसोफ्लेवोन्स शरीर की इंसुलिन के प्रति संवेदनशीलता (insulin sensitivity) को बढ़ाते हैं, जिससे शुगर कंट्रोल बेहतर होता है।
कोलेस्ट्रॉल को भी करें नियंत्रित
डायबिटीज के साथ अक्सर कोलेस्ट्रॉल का खतरा भी जुड़ा होता है। सोयाबीन एलडीएल (खराब कोलेस्ट्रॉल) को कम करता है और एचडीएल (अच्छे कोलेस्ट्रॉल) को बढ़ाता है।
डायबिटीज में सोयाबीन का सेवन कैसे करें?
- आप सुबह नाश्ते में उबली हुई सोयाबीन का सेवन कर सकते हैं। साथ ही आप इसे सालद में भी ले सकते हैं।
- सोया चंक्स को आप सब्जी बनाकर खा सकते हैं।
- गेंहू के आटे की जगह आप सोयाबीन के आटे का उपयोग कर सकते हैं।
- डायबिटीज में गाय या भैंस का दूध पीने की जगह आप सोयामिल्क पी सकते हैं।
- इसके अलावा आप सलाह या सब्जी के साथ सोया टोफू का भी सेवन कर सकते हैं।
इसे भी पढ़ें: ब्लड शुगर कंट्रोल करता है पेकन नट्स, जानें डायबिटीज में इसे खाने के फायदे
सोयाबीन को आप रोजाना की डाइट में शामिल करना चाहते हैं तो इसे 25 से 30 ग्राम खाएं। सोयाबीन न केवल प्रोटीन और फाइबर से भरपूर है, बल्कि यह डायबिटीज के रोगियों के लिए भी एक बेहद फायदेमंद खाद्य पदार्थ है। यह ब्लड शुगर को नियंत्रित करने, भूख कम करने, और इंसुलिन सेंसिटिविटी को बेहतर बनाने में मदद करता है। लेकिन, अगर आपका ब्लड शुगर लेवल काफी अधिक है तो ऐसे में आप डॉक्टर से संपर्क करें।
FAQ
क्या डायबिटीज के रोगी रोजाना सोयाबीन खा सकते हैं?
हां, सीमित मात्रा (25–30 ग्राम प्रतिदिन) में सोयाबीन या इसके उत्पादों का सेवन डायबिटीज रोगियों के लिए सुरक्षित और लाभकारी होता है।क्या सोया दूध डायबिटिक लोगों के लिए अच्छा होता है?
बिल्कुल, लेकिन हमेशा बिना शक्कर वाला सोया दूध चुनें। यह गाय के दूध का हेल्दी विकल्प हो सकता है।क्या सोया चंक्स (नुट्री) खाने से शुगर बढ़ती है?
नहीं, सोया चंक्स में कार्ब्स बहुत कम होते हैं और फाइबर व प्रोटीन अधिक होते हैं, जिससे यह ब्लड शुगर को नहीं बढ़ाते। लेकिन इसे डीप फ्राई न करें।