वयस्कों की तरह ही कब्ज की समस्या बच्चों को भी हो सकती है। अधिकतर बच्चों में कब्ज की समस्या देखने को मिलती है। कब्ज होने पर बच्चा मल त्याग सही तरह से नहीं कर पाता है। कुछ बच्चों का तो मल कई दिनों तक बाहर नहीं आता है। ऐसे में बच्चों के खाने की आदतों में बदलाव आ सकता है। बच्चे कब्ज की वजह से खाना नहीं खाते हैं और इससे उनके वजन में गिरावट आ सकती है। वहीं, कुछ बच्चो की पॉटी बहुत ही टाइट आती है। ऐसे में अभिभावकों का चिंता करना जायज है। दरअसल, बच्चे में कब्ज होने के पीछे कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। बच्चों को जब दवाओं से भी कब्ज बनी रहती हैं तो ऐसें डॉक्टर एनिमा प्रक्रिया को अपना सकते हैं। इसमें दवा को मलाशय के पास लगाया जाता है। इससे आंतों के निचले हिस्से से जुड़ी समस्या में आराम मिलता है और बच्चों का मल नरम होता है। ऐसे में बच्चे को मल त्याग करने में परेशानी नहीं होती है। इस लेख में नवी मुंबई स्थित अपोलो अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर नारजोहन मेश्राम से जानेंगे कि क्या एनिमा बच्चे के लिए सुरक्षित होता है। साथ ही, इसे देते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
क्या एनिमा बच्चों के लिए सुरक्षित होता है? - Is Enema Safe for Your Child?
बच्चों को एनिमा देने से पहले उसकी उम्र, मौजूद हेल्थ व एनिमा के प्रकार आदि कई कारकों पर विचार किया जाना बेहद जरूरी होता है। छोटे बच्चों को एनिमा नहींं दिया जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि छोटे बच्चों के अंग बेहद ही संवेदनशील होते हैं। साथ ही, कब्ज की समस्या के सारे उपाय करने के बाद भी बच्चे की समस्या दूर न हो, तब आप डॉक्टर की सलाह के बाद ही इस प्रक्रिया को चुन सकते हैं। सामान्य तौर पर, एनिमा को तब सुरक्षित माना जाता है जब उसे सही ढंग से और किसी डॉक्टर की देखरेख में दिया जाए। बच्चों को एनिमा देते समय उनके मलाशय के टिश्यू को नुकसान न हो, इस बात पर ध्यान देना जरूरी होता है। एनिमा देने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना बेहद आवश्यक होता है।
बच्चों में एनिमा कैसे काम करता है- How Does an Enema Work?
जब किसी बच्चे को कब्ज होती है, तो ऐसे में मल कठोर हो जाता है और इससे कोलन प्रभावित होता है। ऐसे में बच्चे को मल त्याग करते समय कठिनाई या दर्द हो सकता है। एनिमा में मलाशय में दवा के घोल को डाला जाता है, जो बच्चे के मल को सॉफ्ट करती है और उसे आसानी से बाहर आने में मदद करती है। इससे आंतों के निचले हिस्से की मांसपेशियां उत्तेजित होती है और मल त्याग में परेशानी नहीं होती है।
बच्चों को एनिमा देते समय क्या सावधानियां बरतें? - Precautions to Take While Giving Enema in Hindi
- किसी बच्चे को एनिमा देने से पहले, बाल रोग विशेषज्ञ से इस बारे में सलाह अवश्य लें। डॉक्टर बच्चे की स्थिति के आधार पर एनिमा के निश्चित प्रकार को चुन सकते हैं।
- बच्चे को एनिमा देते समय इस बात का ध्यान दें कि उपकरण या इंजेक्शन लुब्रिकेटेड होना चाहिए। बच्चे के साथ किसी भी तरह की जबदस्ती न करें।
- एनिमा देते समय बच्चे के साथ जबरदस्ती करने से उसके मलाशय के टिश्यू पर चोट लग सकती है।
- एनिमा से बच्चे की कब्ज में आराम मिलने के बाद भी आप इसको बच्चे की आदत न बनाएं। ऐसे में बच्चा एनिमा पर निर्भर हो जाएगा और उसका बाउल मूवमेंट डिस्टर्ब होने का खतरा रहेगा।
- अगर, बच्चे के पेशाब में जलन, उल्टी या अन्य लक्षण दिखाई दे, तो इसे अनदेखा न करें। ऐसे में तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
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बच्चे को एनिमा देने से कब्ज की समस्या में आराम मिलता है। लेकिन, सभी तरह के विकल्प काम न करने पर डॉक्टर इस तरीके को चुन सकते हैं। डॉक्टर बच्चे के बाउल मूवमेंट की स्थिति को सुधारने के लिए लाइफस्टाइल और डाइट में बदलाव कर सकते हैं।