
डिप्रेशन एक गंभीर समस्या है, जो सेहत से जुड़ी कई समस्याओं का कारण बनती है। डिप्रेशन में रहना हाई ब्लड प्रेशर, हाइपरटेंशन, नींद की समस्या और डिमेंशिया का कारण बन सकता है। इसे नजरअंदाज करना कई बार स्वास्थ्य के लिए बेहद गंभीर हो सकता है। हाल ही में डायबिटीज केयर जर्नल में प्रकाशित एक स्टडी के मुताबिक डिप्रेशन में रहना टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बन सकता है।
टाइप 2 डायबिटीज का बढ़ता है खतरा
स्टडी के मुताबिक लगातार डिप्रेशन में रहने से धीरे-धीरे टाइप 2 डायबिटीज होने का खतरा बढ़ता है। स्टडी में यूके और फिनलैंड द्वारा एक डेटा लिया गया, जिसमें 19000 लोगों को शामिल किया गया। इनमें से डिप्रेशन से जूझने वाले 5000 लोग टाइप 2 डायबिटीज का शिकार थे। इसपर पहले हुई कुछ स्टडीज की मानें तो भी डिप्रेशन और डायबिटीज का आपस में सीधा संबंध है। ऐसे में दिमाग में ब्लड वेसल् ब्लॉक होने लगती है, जो डिप्रेशन का कारण बनती है। तनाव में रहने से दिमाग में कई तरीके के बदलाव होते हैं, जिससे डायबिटीज की समस्या हो सकती है।
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मोटापा भी हो सकता है कारण
मोटापा न केवल डायबिटीज, बल्कि सेहत से जुड़ी कई समस्याओं का कारण बनता है। शरीर में ज्यादा फैट जमा हो जाने पर सेल्युलर मकेनिज्म और इंसुलिन रेसिस्टेंस में बदलाव होने लगता है, इससे ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है। जो टाइप 2 डायबिटीज होने का कारण बनता है। शोधकर्ताओं के मुताबिक डिप्रेशन होने पर डायबिटीज का खतरा 36.5 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। हालांकि, डिप्रेशन और डायबिटीज के कई जोखिम कारक सामान्य भी हो सकते हैं। धूम्रपान करना, वजन बढ़ना, प्रोसेस्ड और जंक फूड खाना आदि से डायबिटीज और डिप्रेशन दोनों बढ़ सकते हैं।
डायबिटीज से बचने के तरीके
- डायबिटीज से बचने के लिए आपको अपने नियमित रूटीन में बदलाव लाने की जरूरत है।
- ऐसे में खान-पान हेल्दी रखें साथ ही शारीरिक रूप से सक्रिय रहें।
- इससे बचने के लिए पर्याप्त मात्रा में नींद लें।
- इससे बचने के लिए योग और एक्सरसाइज जैसे सूर्य नमस्कार या फिर अनुलोम-विलोम आदि करें।
- ऐसे में ज्यादा कार्बोहाड्रेट्स या फिर फैटी चीजें खाने से परहेज करना चाहिए।
- ऐसे में शुगर वाली या फिर कार्बोनेटेड ड्रिंक्स पीने से बचें। इससे मोटापा और डायबिटीज बढ़ सकती है।
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