Infections That Put You At Risk Of Cancer In Hindi: कैंसर एक गंभीर बीमारी है। कैंसर शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है। अगर समय रहते इस बीमारी का पता न चले, तो इसकी वजह से अक्सर मरीजों की जान चली जाती है। इस तरह के जोखिम को कम करने के लिए जरूरी है कि आप नियमित रूप से अपना मेडिकल चेकअप करवाएं। मेडिकल चेकअप की मदद से समय रहते कैंसर का पता चल सकता है, जिससे मरीज की लाइफ एक्सपेक्टेंसीको बढ़ाया जा सकता है। इसके अलावा, यह भी जरूरी है कि आप ऐसे रिस्क फैक्टर्स से दूर रहें, जो कैंसर के जोखिम बढ़ाते हैं। खासकर, कुछ इंफेक्शन ऐसे होते हैं, जो कैंसर के रिस्क को बढ़ा सकते हैं। आइए, न्यूरोमेड क्लीनिक Neuromed Clinic की न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. प्रियंका सहरावत से जानते हैं इनके बारे में।
कैंसर का जोखिम बढ़ाने वाले इंफेक्शन
1. यूट्राइन इंफेक्शन
यूट्रस में इंफेक्शन होने पर इसका प्रॉपर ट्रीटमेंट करवाया जाना चाहिए। इससे रिकवरी में तेजी होती है और इसकी गंभीरता को पहले से ही रोका जा सकता है। वहीं, अगर यूट्राइन इंफेक्शन होता है, तो इसकी वजह से न सिर्फ महिलाओं को प्रजनन संबंधी समस्या होने लगती है। इसके साथ ही, यूट्राइन इंफेक्शन की वजह से कैंसर का रिस्क भी बढ़ जाता है। आपको बता दें कि यूट्राइन इंफेक्शन की वजह से सर्विक्स और यूट्रस कैंसर होने का रिस्क रहता है।
2. ह्यूमन पैपिलोमा वायरस
ह्यूमन पैपिलोमा वायरस भी एक तरह का वायरल संक्रमण है। यह यौन संबंध के जरिए फैलते हैं। असल में, एचपीवी वायरस डीएनए सेल्स में बदलाव कर असामान्य तरीके से इसके ग्रोथ में भूमिका निभाता है। सेल्स की असामान्य ग्रोथ इसे कैंसर में बदल सकती है। ऐसा खासकर, तब होता है जब व्यक्ति के शरीर की इम्यूनिटी बहुत कमजोर हो जाती है और वह एचपीवी वायरस से लड़ने में सक्षम नहीं रहती है।
3. एचबीवी
एचबीवी यानी हेपाटाइटिस बी वायरस। यह वायरस लिवर सेल्स को डैमेज करने लगता है, जिससे लिवर कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है। एचबीवी की वजह से लिवर में क्रॉनिक इंफ्लेमेशन होने लगता है। इससे लिवर सेल्स डैमेज होने लगते हैं, जिसे रिकवरी में काफी समय लग सकता है। यहां तक कि लिवर सेल्स की रिकवरी की संभावना दर भी हो सकती है, जो कि इसे कैंसर सेल्स में बदलने का काम करती है। एचबीवी का रिस्क उन लोगों को अधिक रहता है, जिन्हें एचसीवी भी है। एचसीवी, हेपाटाइटिस सी वायरस को कहते हैं। इसके अलावा, अगर किसी को सिरोसिस है, तो उन्हें भी लिवर कैंसर होने का खतरा बना रहता है।
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4. एचआईवी
वैसे तो एचआईवी सीधे-सीधे तौर पर कैंसर का कारण नहीं बनता है। लेकिन, यह देखने में आया है कि जिन मरीजों को एचआईवी होता है, उन्हें कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है। एचआईवी की वजह से मरीज की इम्यूनिटी बहुत ज्यादा कमजोर हो जाती है, जिससे उसका शरीर कैंसर सेल्स से लड़ने में सक्षम नहीं होता है। ध्यान रखें कि एचआईवी की वजह से इंफ्लेमेशन भी बढ़ सकता है।
इंफेक्शन के कारण होने वाले कैंसर के जोखिम को कैसे कम करें
वैक्सीनेशन लगाएंः किसी भी तरह के इंफेक्शन के जोखिम को कम करने के लिए वैक्सीन जरूर लगवाएं। इससे इंफेक्शन के कैंसर में बदलने का रिस्क भी कम हो जाता है। खासकर, हेपाटाइटिस बी, ह्यूमन पैपिलोमा वायरस आदि शामिल हैं।
सुरक्षित यौन संबंध बनाएंः बहुत जरूरी है कि आप हमेशा सुरक्षित यौन संबंध बनाएं और संक्रमण होने पर इस तरह की गतिविधियों से दूर रहें। यही नहीं, किी संक्रमित व्यक्ति के साथ भी यौन संबंध बनाने से बचें।
हाइजीन का ध्यान रखेंः आमतौर पर लोग अपने हाथ को बार-बार धोते हैं, ताकि हर तरह के जर्म्स और वायरस से बचा जा सके। लेकिन, संक्रमण से बचने के लिए जरूरी है कि जब भी बाथरूम जाएं, गंप्तांग की सफाई करें और अच्छी तरह हाथ धोएं और किसी भी दूषित जगह को छूने से बचें।
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