
खाना हम सभी के लिए जरूरी है। लेकिन कोई व्यक्ति क्या काम करता है, इस पर भी उसका डाइट प्लान निर्भर करता है। और बात जब किसी पहलवानी के खिलाड़ी हो तो उसके लिए डाइट बहुत मायने रखती है। आज हम देश को दो बार ओलंपिक दिलाने वाले सुशील कुमार की डाइट प्लान के बारे में उन्हीं की जुबानी जानेंगे। मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे सुशील कुमार बचपन से ही मेहनती थे। वे बताते हैं कि उनके परिवार में उनके दादा और पिता भी पहलवान थे। उनके गुरु महाबली सतपाल का सपना था कि सुशील देश के लिए ओलंपिक जीतें। अपने गुरु के इस सपने को सुशील कुमार ने एक बार नहीं बल्कि दो बार ओलंपिक मेडल जीतकर पूरा किया। सुशील कुमार की उपलब्धियां देश से छुपी नहीं हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि विरोधियों को मैट पर धूल चटाने वाले सुशील रिंग में उतरने से पहले कितनी तैयार करते हैं। उनका डाइट प्लान क्या रहता है। वर्ल्ड चैंपियन सुशील कुमार से उनके डाइट के बारे में ओन्ली माइ हेल्थ ने बात की। तो आइए जानते हैं कि देश को इतने पदक देने वाले सुशील कुमार दिनभर में क्या खाते हैं।

सुशील कुमार का ब्रेकफास्ट
फोन पर हुई इस बातचीत में सुशील कुमार ने बताया कि वे एक शाकाहारी रेसलर हैं। सुबह पांच बजे उठ जाते हैं। फिर दौड़ लागना। रस्सी कूदना या दंड बैठक लगाना, ये सब काम होते हैं। वे वर्कआउट एक भी दिन मिस नहीं करते। इसके अलावा रोजाना सुबह बादाम खाते हैं। अंकुरित चने, फल व दूध पीते हैं। वे सुबह-सुबह घर का बना हुआ सफेद मक्खन खाते हैं। सफेद मक्खन सुशील कुमार का पसंदीदा है। ये मक्खन घर का बना हुआ ही होता है। वे कहते हैं कि उन्होंने मिट्टी में भी प्रैक्टिस की है। एशियन चैंपियन सुशील कुमार ने बताया कि ट्रेनिंग के बाद बादाम रगड़कर पीते हैं।

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सुशील कुमार का दोपहर का लंच
2012 में लंदन ओलंपिक्स में ओपन सेरेमनी में भारत का झंडा लेकर मैदान में दौड़ने वाले सुशील कुमार ने भारत का गौरव बढ़ाया। देश दुनिया में भारत का नाम रोशन करने वाले सुशील कुमार ने बताया कि किसी भी खिलाड़ी के लिए उसकी डाइट उसके खेल के लिए बहुत जरूरी होती है। वह कैसा खाना खा रहा है इससे उसकी जीत तय होती है। उन्होंने अपने दोपहर का लंच बताया कि दोपहर में वे ऐसा खाना खाते हैं जिसमें कार्बोहाइड्रेट ज्यादा होता है। वे बताते हैं कि दोपहर में कार्बोहाइड्रेट ज्यादा लेने का मकसद ये रहता है कि इस तरह की डाइट आराम दिलाती है। इसमें वे दाल चावल भी ले लेते हैं। सुशील कुमार का कहना है कि वे ज्यादातर रेस्ट टाइम पर कार्बोहाइड्रेट लेते हैं। सुशील कुमार के मुताबिक उनके कोच जैसा शिड्युल बना देते हैं वैसा वे करते हैं।

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रेलसलर सुशील कुमार का रात का डिनर
खिलाड़ियों के लिए मिलने वाला सर्वश्रेष्ठ सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न से सम्मानति सुशील कुमार ने बताया कि वे रात को सोने से पहले आधा किलो दूध पीते हैं। इसके अलावा रात में भी कार्बोहाइड्रेट वाली डाइट लेते हैं। वे शाम में छह से आठ बजे तक पहलवानी की ट्रेनिंग करते हैं और फिर जूस पीते हैं। सुशील कुमार जिस तरह की मेहनत रिंग में उतरने के लिए करते हैं वैसी ही डाइट की जरूरत उन्हें पड़ती है। वे लगभग 3700 कैलोरी लेते हैं। तो वहीं रेस्ट के दिनों में वे कम कैलोरी लेते हैं। इन सब के बीच में ट्रेनिंग भी चलती रहती है।

सुशील कुमार स्वभाव से जितने जितने सौम्य हैं और शांत हैं उतना ही अपने काम के प्रति लगनशील हैं। वे काम को ही पूजा मानते हैं। इतने मेडल जीतने के बाद भी अपनी पहलवानी की प्रैक्टिस रोजाना करते हैं। उनका डाइट प्लान जानना आज हर युवा के लिए एक उत्सुकता हो गया है। हर वो युवा जो पहलवान बनना चाहता है वह सुशील कुमार बनने की कोशिश जरूर करता है। यहां जो सुशील कुमार का डाइट प्लान इसलिए भी बताया गया है कि अगर कोई और युवा पहलवानी में आना चाहता हो तो वह भी इस डाइट प्लान को समझ सकता है।
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