बसंत के मौसम में कैसा हो खानपान? आयुर्वेद एक्सपर्ट से जानें डाइट और हेल्थ टिप्स

बसंत पंचमी के साथ ही बसंत के मौसम का आगमन हो गया है। आयुर्वेदिक एक्सपर्ट से जानें इस मौसम में स्वस्थ रहने के लिए कैसा हो आपका खानपान।
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बसंत के मौसम में कैसा हो खानपान? आयुर्वेद एक्सपर्ट से जानें डाइट और हेल्थ टिप्स

बसंत ऋतु का आगाज हो चुका है। प्रकृति की खूबसूरती के साथ हवा में भी अलग सी चहक हम सब के कानों में मानों एक अलग ही ऊर्जा का संचार कर रही है। पक्षियों की चहचहाहट हमें सर्द भरी धूप से बाहर निकालने की कोशिश में है। बसंत के साथ मौसम में  परिवर्तन समान्य हैं (spring season)। ये परिवर्तन न सिर्फ मौसम में होता है, बल्कि आस पास के वातावरण के साथ साथ फल और सब्जियों में भी होता हैं। इन्हीं बदलाव को हमारी दिनचर्या में शामिल करके हमें आगे बढ़ना होता है। जिससे हमारी सेहत दुरुस्त रहे। वैसे तो बसंत ऋतु की आहट के साथ ही, बाजार में नए मौसम के फल और सब्जियां आनी शुरू हो जाती हैं। इसलिए आपका यह भी जानना जरूरी है कि खानपान में बदलाव क्यों जरुरी है (Diet in Spring season)।

बसंत में कैसा होना चाहिए खानपान, इस विषय में जीवा आयुर्वेद के निदेशक डॉ प्रताप चौहान बताते हैं कि असल में इस ऋतु में सर्दी का प्रभाव कम होना शुरू होता है जबकि तापमान तापमान धीरे-धीरे गर्म होने लगता है। पाचन क्षमता की प्रबलता के कारण सर्दी के मौसम में हम अक्सर हैवी डाइट (heavy diet) लेते हैं। जो कफ (cough) के रूप में शरीर में जमा हो जाती है। जब स्प्रिंग सीजन आता है तब यह कफ पिघल कर शरीर में बहुत सी बीमारियों को जन्म देने लगता है। ये बिमारियां हैं खांसी, सांस की बीमारी, गले का संक्रमण, एलर्जी, बुखार, सांस फूलना, पाचन विकार आदि।

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हर सीजन में मौसमी फलों-सब्जियों का सेवन क्यों है जरूरी?

मौसम बदलने के साथ खाने-पीने की आदतों में बदलाव भी जरूरी है। मौसमी आहार का सेवन करना आपके लिए फायदेमंद हैं, इससे शरीर को सही पोषण मिलता है, जिससे शरीर स्वस्थ रहता है और विकास अच्छा होता है। दरअसल मौसमी आहारों की तासीर सीजन के अनुसार होती है। इसलिए अगर आप मौसमी फलों, सब्जियों और भोजन का सेवन करेंगे, तो स्वस्थ रहेंगे। मौसम के अनुकूल फल और सब्जियों का सेवन (seasonal fruits and vegetables) हमें ना सिर्फ शारीरिक रूप से फिट रखता है, बल्कि मानसिक रूप से शांत भी रखता है। अक्सर बेमौसम सब्जियों को जबरदस्ती दवाओं और इंजेक्शन के माध्यम से उगाया जाता है। जो हमारे शरीर में जाकर कई बीमारियों का खतरा पैदा कर सकती हैं।

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बसंत के मौसम में क्या खाएं?

बाजार में बसंत ऋतु में उगने वाले फलों और सब्जियों के कई विकल्प हैं, जो आपके लिए फायदेमंद हो सकते हैं।

सौंफ (Fennel)

भारतीय खाने में और खाने के बाद सौंफ का इस्तेमाल काफी सालों से किया जा रहा है। इससे शरीर में एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा बढ़ती है।

सरसों का साग (Mustard Greens)

साग हमेशा से ही शरीर के लिए फायदेमंद रहा है, फिर मौसम चाहे कोई भी क्यों ना हो। इसमें विटामिन ई, सी, के और ए भरपूर मात्रा में होता है। जो दिल की बिमारियों से बचाता है। इस मौसम में सरसों का साग तो आता ही है, साथ ही चने का साग भी खूब चाव से खाया जाता है।

मूली (Reddish)

मूली एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होती है। आप इस मौसम में मूली को किसी भी रूप में खा सकते हैं।

मटर (Pea)

मटर से बनी डिश स्वाद में जितनी बेमिसाल होती है उतनी ही फाइबर से भी भरपूर होती है। आप बसंत में मटर जरुर खाएं।

पालक (Spinach)

पालक में आयरन और विटामिन के की उच्च मात्रा होती है। साथ ही इससे आप अपना खून भी साफ़ रख सकते हैं।

जलकुम्भी

बहुत से लोगों को जलकुम्भी बेहद पसंद होती है। इसमें विटामिन्स के साथ आयरन और कैल्शियम की मात्रा भी ज्यादा होती है।

एवोकाडो (Avocado)

ये एक पैक्ड फल है और इस समय काफी चलन में भी है। आप इसकी स्मूदी बनाकर पिएँ। काफी फायदेमंद होगा।

अंगूर (Grapes)

अंगूर में विटामिन सी और ए की भरपूर मात्रा होती है। ये रक्त प्रवाह को नियंत्रित रखती है।

नाशपाती (Pear)

नाशपाती फाइबर से भरपूर होता है। आप इसे सलाद में या ऐसे ही खा सकते हैं।

स्ट्रॉबेरी (Strawberry)

बाजार में इस समय स्ट्राबेरी की भरमार है। इसमें विटामिन सी का अच्छा स्रोत होता है। जो स्किन के लिए भी फायदेमंद है।

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बसंत के मौसम में खानपान के इन नियमों का भी रखें ध्यान

बसंत के मौसम में आपको खानपान से जुड़ी कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। चूंकि इस मौसम में सर्दी कम होने लगती है और मौसम ठंडे से गर्म की तरफ बढ़ने लगता है, इसलिए बसंत के मौसम में खानपान को लेकर निम्न सावधानियां जरूरी हैं।

  • ताजा, हल्का और सुपाच्य भोजन ही खाएं।
  • कफ वर्धक तैलीय आहार (फ्राइड चीजें) या दूध से बने उत्पादों का सेवन कम करें।
  • फास्ट फूड (fast food and cold drinks), ठंडे पेय पदार्थ, आइसक्रीम का जहां तक संभव हो सेवन ना करें।
  • दिन में सोने की आदत से बचें।
  • गुनगुने पानी में सौंठ और शहद मिलाकर पी लें।
  • नियमित रूप से तिल के तेल की मालिश करें।
  • सौंठ, काली मिर्च व पिपली का चूर्ण बनाकर शहद के साथ सेवन करें।
  • आवश्यकतानुसार तुलसी, अजवाइन, मुलेठी का चूर्ण बनाएं या काढ़ा बनाकर लें।

तो ये हैं कुछ ऐसे फल और सब्जी या खाद्य हैं, जिनसे न सिर्फ आपको स्वाद मिलेगा बल्कि सेहत भी दुरुस्त रहेगी। इसके अलावा आप बिना मौसम की सब्जी और फलों को खाने से बचें ये आपके लिए हानिकारक हो सकता है।

डॉ प्रताप चौहान, निदेशक, जीवा आयुर्वेद से बातचीत पर आधारित।

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