
क्या आप भी आए दिन बाहर से फूड ऑर्डर करते हैं? अगर हां तो ऐसा करना आपकी सेहत बिगाड़ सकता है। हम आपको आपके फेवरेट फास्ट फूड की कैलोरीज और उनमें मौजूद फैट की जानकारी देंगे जिसके बाद आपको ये समझने में मदद मिलेगी कि ये आपकी सेहत को किस हद तक नुकसान पहुंचाते हैं। फास्ट फूड में ट्रांस फैटी एसिड मौजूद होता है। इससे हमें कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं। इनसे बचने के लिए फास्ट फूड की मात्रा कम कर दें। इस विषय पर ज्यादा जानकारी के लिए हमने लखनऊ के वेलनेस डाइट क्लीनिक की डाइटीशियन डॉ स्मिता सिंह से बात की।
फास्ट फूड में मौजूद कौनसी चीज है हानिकारक? (Trans fatty acid is not good for health)
फास्ट फूड में ट्रांस फैटी एसिड पाया जाता है। ये एक हानिकारक फैट है। इसे बैड फैट की कैटेगरी में गिना जाता है। ये हमाने हॉर्ट हेल्थ के लिए अच्छा नहीं होता। हाल ही में एफएसएसएआई से खाने की चीजों में ट्रांस फैट की सीमा 5 प्रतिशत से घटाकर 2 प्रतिशत कर दी है। हालांकि ये बदलाव अगले साल से लागू होंगे। डबल्यूएचओ का टॉर्गेट है कि साल 2022 तक तेल में सिर्फ 2 प्रतिशत ट्रांस फैट की इजाजत होगी। इस समय फास्ट फूड में 5 प्रतिशत ट्रांस फैट डाला जाता है। ट्रांस फैट 2 तरह के होते हैं। एक नैचुरल और दूसरे आर्टिफिशियल। नैचुरल ट्रांस फैट नुकसान नहीं पहुंचाते। इनमें दूध, घी, मिल्क प्रोडक्ट्स, अंडे, मीट शामिल है। हालांकि इसकी ज्यादा मात्रा हानि पहुंचा सकती है। आर्टिफिशियल ट्रांस फैट हमारे स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है। ये प्रोसेस करके बनाए गए तेल, फास्ट फूड और पैक्ड फूड में पाया जाता है। तेल को बार-बार गरम करने पर भी उसमें ट्रांस फैट की मात्रा बढ़ जाती है।
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किस फास्ट फूड में कितने कैलोरी होती है? (Fast food and their calorie count)
आप भी फास्ट फूड के शौकीन हैं तो आपको जान लेना चाहिए कि आपके फेवरेट फास्ट फूड में कितनी कैलोरीज होती हैं। बाजार में जो भी सिका हुआ फास्ट फूड और प्रोसेस्ड फूड मौजूद है लगभग सभी में ट्रांस फैटी एसिड मौजूद होता है। इसमें फ्रैंच फ्राइज, आलू चिप्स, बर्गर, समोसा आदि शामिल हैं। ट्रांस फैटी एसिड बुरे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है और गुड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। इससे हॉर्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। आप भी जान लीजिए किसमें कितनी कैलोरीज और फैट पाया जाता है।
1. पिज्जा (Pizza)
घर-घर में हर वीकेंड पर पिज्जा पार्टी होती है। इन दिनों ये बच्चों का फेवरेट फूड बन चुका है। इसको बनाने के लिए प्रॉसेज चीज, मैदे का बेस, सॉस, मक्खन आदि चीजें होती हैं जिसके चलते इसमें बाकि फास्ट फूड की तुलना सबसे ज्यादा कैलोरीज पाई जाती है। मीडियम साइज पिज्जा में लगभग 900 कैलोरीज होती हैं, वहीं 70 ग्राम फैट पाया जाता है। इसलिए पिज्जा सेहत के लिए हानिकारक माना जाता है।
2. बर्गर (Burger)
बर्गर में मैदे का बन होता है जिसमें चीज, आलू की टिक्की, मेयोनीज, मक्खन, सब्जियां आदि मिलाया जाता है। इसमें ट्रांस फैटी एसिड सबसे ज्यादा पाया जाता है। एक बर्गर में 450 से 500 कैलोरी होती है और फैट की मात्रा लगभग 30 ग्राम होती है।
3. गोलगप्पे (Golgappe)
आपके फेवरेट गोलगप्पे या पानी-पूरी को बनाने के लिए मैदा, तेल, मिर्च मसाले और खट्टा पानी इस्तेमाल किया जाता है। अगर आप 6 पीस गोलगप्पे खाते हैं तो उसमें 250 से 275 कैलोरी होगी वहीं 16 ग्राम फैट मौजूद होता है।
4. कोल्ड ड्रिंक्स (Cold drink)
हम हर स्नैक्स के साथ कोल्ड ड्रिंक पीना पसंद करते हैं पर ये हमारी सेहत को नुकसान पहुंचाती हैं। 350 मिली की कोई भी कोल्ड ड्रिंक में 150 से 155 कैलोरीज पाई जाती हैं। इनमें पोषक तत्व बिल्कुल भी नहीं होते। इससे मोटापा बढ़ता है।
5. समोसा (Samosa)
कोल्ड ड्रिंक के साथ लोग बड़े चाव से समोसा खाते हैं। कैंटीन चाहे ऑफिस की हो या स्कूल की हर जगह आपको समोसा जरूर मिल जाएगा पर क्या आपको पता है कोल्ड ड्रिंक में भी ट्रांस फैटी एसिड की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। एक समोसे में 250 कैलोरीज और 15 ग्राम फैट पाया जाता है।
6. चाउमीन (Chowmin)
हर नुक्कड़ पर आपको चाउमीन का स्टॉल जरूर मिल जाएगा। इसमें मौजूद नूडल्स बनाने के लिए मैदा का इस्तेमाल होता है, सोया सॉस, सिरका, अजीनो मोटो, नमक, तेल, मसाले, सॉस और सब्जियां डाली जाती हैं। अगर आप एक मीडियम प्लेट चाउमीन खाएं तो आपकी बॉडी में 360 से 400 कैलोरीज बढ़ जाएंगी वहीं इसमें 20 ग्राम फैट भी मौजूद होता है।
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कौनसा फैट है सेहतमंद? (Good fat for healthy body)
हम सब फैट फ्री का नारा लगाते हैं पर बाजार में मिलने वाले फास्ट फूड इंटेक से वजन तेजी से बढ़ता है। ज्यादा फैट खाने से कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ता है और हम मोटापे की क्षेणी में आ जाते हैं। इससे दिल की बीमारियां और कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी भी हो सकती है। इसलिए हमें ये जानना जरूरी है कि हम कौनसा फैट खा रहे हैं। कुछ फैट्स हमारे शरीर के लिए जरूरी होते हैं। फैट चार तरह के होते हैं। सैचुरेटेड, मोनो अनसैचुरेटेड, पोलि अनसैचुरेटेड और ट्रांस फैटी। सैचुरेटेड फैट युक्त आहार में मांस, मक्खन, नारियल का तेल आते हैं ये उनके लिए अच्छा है जो ज्यादा मेहनत करते हैं। वो लोग सैचुरेटेड फैट को पचा लेते हैं। जब मेहनत ज्यादा न हो तो हमें ऐसे फैट की जरूरत नहीं पड़ती। ट्रांस फैटी एसिड हमारे शरीर के लिए सबसे ज्यादा हानिकारक माना जाता है। ये नैचुरल स्रोत से नहीं मिलता बल्कि इसे बनाया जाता है। जब ज्यादा तापमान में फैटी एसिड में हाइड्रोजन डाली जाती है तो फैटी एसिड बनता है। पोलि अनसैचुरेटेड फैट हमारे लिए एक हेल्दी ऑप्शन है। ये सभी फल और सब्जियों में पाए जाते हैं। वहीं मोनो सैचुरेटेड फैट हॉर्ट हेल्थ के लिए अच्छा माना जाता है।
फास्ट फूड खाने से शरीर पर क्या असर पड़ता है? (Negative effects of fast food)
ये कहना गलत नहीं होगा की जंक फूड का नाता स्वाद से है और सेहत से नहीं। इसमें सोडियम, कैलोरीज भरपूर होती हैं और विटामिन, फाइबर की मात्रा नदारत होती है जिसके चलते इसको खाने से हाइपरटेंशन, मोटापा, हॉर्ट अटैक जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। जंक फूड आपको एनर्जी नहीं देता जिसके चलते आपका पेट तो भर जाता है पर आपको कमजोरी का अहसास होता है, कमजोरी के चलते आपका शरीर आलस का शिकार हो सकता है। जंक फूड खाने से एकाग्रता कम होती है। हर समय आलस आता है और आप किसी चीज में ध्यान नहीं लगा पाते। इसमें मौजूद बैड कोलेस्ट्रॉल हॉर्ट के साथ-साथ मधुमेह रोगियों के लिए भी नुकसानदायक है।
कोशिश करें कि फास्ट फूड को छोड़कर हेल्दी डाइट को अपनाएं, अगर आपको मदद चाहिए तो डायटीशियन से संपर्क करें।
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