वैश्वीकरण के कारण हम दुनिया भर के फूड्स के साथ जुड़े। तरह-तरह के पकवानों का एक देश से दूसरे देश में आदान-प्रदान हुआ, लेकिन सोचने वाली बात यह है कि क्या वाकई विकसित देश से आने वाले फूड अविकसित देशों के लिए हेल्दी हैं। पिज्जा, बर्गर जैसे जंक फूड ग्लोबलाइलेशन की ही देन हैं। घर में बच्चे हों, दफ्तर में काम करने वाले कर्मचारी कोई भी इन जंक फूड्स से बचे नहीं हैं। दफ्तर में काम की आपाधापी में कर्मचारियों को अच्छा खाना नहीं मिल पाता। इसी चिंता को ध्यान में रखते हुए भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ने कर्मचारियों को कार्यस्थल पर स्वस्थ भोजन के लिए मानक तैयार किए हैं। तो वहीं, बरेली के साईं और केके हॉस्पिटल में वरिष्ठ क्लीनिकल डायटीशियन मीना शर्मा से हमने जाना कि कर्मचारियों को कार्यस्थल पर कैसा खाना खाना चाहिए। उनमें कौन से विटामिन्स, मिनरल्स आदि होने चाहिए। उन्होंने कहा कि हम कैसा खाना चुनते हैं, ये चुनाव हमारे काम पर भी असर डालता है। अगर हम दिन में बहुत ज्यादा कार्बोहाइड्रेट लेंगे तो मोटापा बढ़ेगा और काम करते समय नींद आएगी। डायटीशियन मीना शर्मा ने ओन्ली माई हेल्थ को सुबह, दोपहर, शाम और रात को कर्मचारियों को कैसा खाना खाना चाहिए उसके लिए कुछ टिप्स दिए हैं, जिन्हें हम इस लेख में आपके साथ साझा कर रहे हैं।
ऐसा हो ब्रेकफास्ट (Healthy breakfast)
मीना शर्मा का कहना है कि सुबह की शुरूआत एनर्जेटिक होनी चाहिए। क्योंकि आपको सुबह दफ्तर में जाकर काम करना है। इसलिए सुबह के ब्रेकफास्ट में प्रोटीन को जरूर शामिल करें। प्रोटीन से प्रोडक्टिविटी बढ़ती है। साथ ही मानसिक रूप से भी फ्रेश करते हैं। इसके अलावा उबला हुआ अंडा, स्प्राउट्स, काले चने, उबले चने, एक दूध का प्रोडक्ट जिसमें दूध, पनीर, दही हो सकते हैं। डायटीशियन ने बताया कि ब्रेकफास्ट में कार्बोहाइड्रेट कम लेना चाहिए। खाने में ज्यादा कार्बोहाइड्रेट लेने से आलस आता है और मोटापा बढ़ता है। जिस ब्रेकफास्ट में फाइबर ज्यादा हो उसे खाना चाहिए। दलिया, ओट्स, वेजिटेबल पराठा आदि ब्रेकफास्ट में शामिल किया जा सकता है। सुबह-सुबह तला हुआ खाना न खाएं। ब्रेकफास्ट के बाद एक फल जरूर खाएं। फल में भी सुबह केला खाया जा सकता है। इसमें मिनरल्स, कैलोरीज अधिक मात्रा में होते हैं। इससे मसल्स गेन किए जा सकते हैं। पपीता और सीजनल बेरीज भी खाई जा सकती है।
दोपहर का लंच (Nutritional lunch will give you energy)
दोपहर का लंच संतुलित होना चाहिए। सुबह से काम करते-करते एन्प्लॉयी थक जाता है इसलिए दफ्तर में उसे लंच मिलना चाहिए, जिससे वह काम की एनर्जी वापस ले सके। इसके अलावा अगर वह घर से भी खाना ले जा रहा है तो उसमें ऐसे तत्त्व शामिल करे जिसे खाकर उसे नींद नहीं आए, बल्कि काम की ताकत मिले। डायटीशियन मीना शर्मा के मुताबिक लंच में हाई फाईबर होना चाहिए। लंच के लिए हमारी इंडियन थाली बेस्ट होती है। जिसमें रोटी, सब्जी, दाल, दही, सलाद, राजमा चावल, दही आदि होता है। इनसे कार्बोहाइड्रेट, मिनरल, विटामिन सब मिल जाते हैं। लंच के बात एक फल जरूर लें। इन फूड्स में कार्बोहाइड्रेट ज्यादा नहीं होता जिससे नींद की समस्या कम होती है। लेकिन फिर भी आपको थकान लग रही है और खाने के बाद चाय पीने की आदत है तो दूध वाली चाय की जगह ग्रीन टी पिएं। ग्रीन टी में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं और इसे पीकर आप फ्रेश भी फील करते हैं। ग्रीन टी मेटाबॉलिज्म भी बूस्ट करता है, जिससे वजन भी कम होता है। या सिर्फ बिना दूध वाली चाय पिएं। ग्रीन टी के अलावा लेमन टी भी ले सकते हैं।
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शाम के स्नैक्स (Evening snacks)
शाम के स्नैक्स के लिए मीना शर्मा ने चने और परमल को बेहतर विकल्प बताया है। उनके मुताबिक चना और परमल में कैलोरी कम और फाइबर ज्यादा होता है। इसके अलावा भुने चने, मखाने भी खा सकते हैं। इनसे प्रोटीन और मिनरल मिलते हैं।मुट्ठी भर मुंगफली भी खाई जा सकती है। ड्राइ फ्रूट्स भी ले सकते हैं। मीना शर्मा ने सुबह के ब्रेकफास्ट से लेकर शाम के स्नैक्स तक में प्रोटीन की अधिकता पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि प्रोटीन पेट भी भरता है और वेट भी कंट्रोल करता है। स्नैक्स में ढोकला और चने की चाट भी खाई जा सकती है। इस तरह के ब्रेकफास्ट से दिल की बीमारियां, ब्लड प्रेशर आदि कंट्रोल होता है।
घर पर बनाएं स्नैक्स (Make homemade snacks)
डॉक्टर मीना शर्मा के मुताबिक, भागती जिंदगी में लोग अच्छा खाना खा ही नहीं पाते। उन्हें जो आसानी से बाजार मिल जाता है उसे खरीद लेते हैं और खा लेते हैं। तो वहीं दफ्तरों में भी यही हाल होता है, अगर ऑफिस की कैंटीन का समोसा अच्छा नहीं लगा तो बाहर ठेले वाले समोसा और चाय लेकर पी ली। यह सभी हैबिट्स बीमारियों को न्योता देती हैं। इसलिए आप घर पर ही कुछ इंट्रस्टिंग स्नैक्स बना सकते हैं, जो आपकी सेहत के लिए ठीक हैं। उन्होने बताया कि मखाने, बादाम, मूंगफली भूनकर मिक्स करके इसकी नमकीन बना लें और डिब्बे में बंद करके रख लें। चूरा में मूंगफली, भुने चने मिलाकर नमकीन बना लें। इन नमकीन को आराम से किसी डिब्बे में बंद करके रख लें और जब दफ्तर के लिए खाना पैक कर रहे हैं तो डिब्बे में से नमकीन निकालकर भी पैक कर लें। इसके अलावा खाकरा भी सकते हैं। बाहर के फ्राइड फ्रूट्स खाने से बेहतर है बाजरा, चना, मल्टी ग्रेन आदि की मटरी घर पर ही बना लें। ये घर के साफ तेल में बनेंगी और आपके स्वास्थ्य को कोई नुकसान नहीं होगा।
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रात का डिनर (Avoid junk in dinner)
डॉक्टर ने बताया कि कर्मचारी दिन भर ऑफिसे के काम में लगे रहते हैं। इस वजह से ठीक से दिन का खाना नहीं खा पाते और रात को जब घर आते हैं तब सोचते हैं कि खूब अच्छे से खा लें। घर पर खूब सारा खाना खाने के बाद सो जाते हैं जिससे मोटापा बढ़ता है। तोंद निकलने लगती है। जबिक रात का खाना हमेशा हल्का होना चाहिए। क्योंकि सोते समय आपकी बॉडी एक्सरसाइज नहीं कर रही होती है, ऐसे में खाना चर्बी बन जाता है। डॉक्टर के मुताबिक रात का डिनर जल्दी कर लेना चाहिए। डिनर में कार्बोहाइड्रेट कम लें। पनीर, सोयाबीन, फिश, चिकन खाएं। रेड मीट कम खाएं। रेड मीट से मोटापा बढ़ता है। इसके अलावा जंक फूड न खाएं। भटूरे, कुल्छा, समोसा, पेटीज सब जंक हैं, इन्हें न खाएं। रेड वाइन पी जा सकती है।
स्वस्थ कर्मचारियों के जरूरी है कि उन्हें अच्छा खाना मिले। अगर अच्छा खाना मिलेगा तो वे कंपनी को बेहतर आउटपुट दे पाएंगे। जिससे कंपनी की, कर्मचारी की और देश की अर्थव्यवस्था की सभी की तरक्की होगी। स्वस्थ जीवन के लिए जरूरी है कि जंक फूड सेवन कम से कम किया जाए।
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