
आज के आधुनिक लाइफस्टाइल में 30 से 40 साल की उम्र में ही लोगों को दिल के रोग होने लगे हैं। पिछले एक से दो दशकों में भारत में बुरी लाइफस्टाइल, तनाव, एक्सरसाइज ना करने और खाने पीने में लापरवाही की वजह से लोगों को दिल संबंधित गंभीर रोग होने लगे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में सबसे ज्यादा दिल के दौरे के मामले भारत में ही सामने आते हैं।
डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार भारत में दिल के दौरे से हर 33 सेकेंड में एक व्यक्ति की मौत हो रही है। भारत में हर साल करीब 20 लाख लोग दिल के दौरे से पीड़ित हैं, जिनमें ज़्यादातर युवा हैं। शहर में रहने वाले पुरुषों को, गांव में रहने वाले पुरुषों से दिल के दौरे की संभावना तीन गुणा अधिक होती है। वहीं, महिलाओं में मीनोपॉज के बाद इसका खतरा बढ़ता है।
दिल के दौरे का मुख्य कारण एलडीएल-सी (लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रॉल) होता है। इसके अलावा धूम्रपान करने, डायबिटीज़ की समस्या रहने, हाई ब्लड प्रेशर रहने, लाइफस्टाइल में बदलाव न लाने से, कार्बोहाइड्रेट से भरपूर भोजन न लेने से और शारीरिक व्यायाम न करने से भी दिल का दौरा हो सकता है।
स्वस्थ्य भोजन, ताज़ा फल और सब्जियां खाने से, रोजाना व्यायाम और तनावरहित जीवन जीने से भी इसे रोका जा सकता है। लाइफस्टाइल में बदलाव जैसे तनाव घटाकर, नियमित चेकअप (ख़ासकर लिपिड प्रोफाइल) और दवाइयों का प्रयोग बेहद महत्वपूर्ण है।
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