IIT हैदराबाद ने तैयार किया दिल के रोगों की जानकारी देने वाला डिवाइस, जानें कैसे करेगा काम

 IIT हैदराबाद ने एक ऐसा डिवाइस तैयार किया है जो ईसीजी(ECG) को मॉनिटर करके मरीज और डॉक्टर दोनों को जानकारी दे सकेगा।   
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IIT हैदराबाद ने तैयार किया दिल के रोगों की जानकारी देने वाला डिवाइस, जानें कैसे करेगा काम


भारत में हेल्थकेयर हमेशा चिंता का विषय रहा है। लेकिन आए दिन हो रहे अविष्कारों से इस बात को नकारा नहीं जा सकता की भारत स्वास्थ्य के क्षेत्र में पीछे नहीं है। भारत में दिल की समस्या को लेकर अक्सर लोग चिंतित रहते हैं। दिल में होने वाले रोगों से निपटने के लिए डॉक्टर भी मरीजों को जल्द से जल्द सही इलाज देने की कोशिश करते हैं। लेकिन कई बार ऐसा होता है की बीमारी का पता देर में चलने के कारण पीड़ित की मौत भी हो जाती है। 

इन मौत या फिर बीमारी को ज्यादा न बढ़ने के लिए हैदराबाद आईआईटी (IIT) ने एक ऐसा डिवाइस तैयार किया है जो दिल की बीमारी से पीड़ित लोगों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। आईआईटी (IIT) हैदराबाद ने एक ऐसे डिवाइस को तैयार किया है जो दिल के रोगों के लिए होने वाली जांच ईसीजी (ECG) को स्कैन कर लेगा। जिसके बाद डॉक्टर को काफी हद तक मदद मिल सकेगी। 

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ये डिवाइस मरीज की (ECG) रिपोर्ट को मॉनिटर कर पीड़ित और डॉक्टर दोनों को ही जानकारी देने का काम करेगा। इससे कार्डियोवैस्कुलर डिजीज (CVD) के खतरे का अंदाजा पहले ही डॉक्टर को हो जाएगा। जिसके बाद डॉक्टर मरीज को जल्द से जल्द सही इलाज देने का काम कर सकता है। इस डिवाइस से CVD से पीड़ित लोगों की मौत की संख्या में भी कमी आएगी। 

CVD 

कार्डियोवैस्कुलर डिजीज दिल की बेहद गंभीर बीमारियों में से एक मानी जाती है। कार्डियोवैस्कुलर हार्ट डिजीज होने का मुख्‍य कारण है कोलेस्‍ट्रोल के लेवल में बढ़ोतरी। इनमें कोरोनरी हृदय रोग (दिल के दौरे), केर्ब्रोवैस्कुलर रोग (स्ट्रोक), बढ़ा हुआ रक्तचाप (हाइपरटेंशन), जन्मजात हृदय रोग होना शामिल है। 

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मोटापा भी इन बीमारियों का एक प्रमुख कारण है। ऐसे में वजन घटाने के लिए नियमित व्यायाम और साधारण खाना खाना चाहिए। दिल को स्वस्थ रखने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए। ट्रीग्लिसीराइड भी कार्डियोवैस्कुलर रोग का एक कारण हो सकता है। सोया प्रोटीन लेने से शरीर में एचडीएल कोलेस्ट्रोल की मात्रा बढ़ती है, इसे गुड कोलेस्ट्राल माना जाता है। यह कोलेस्ट्राल रक्त नलिकाओं से बुरे कोलेस्ट्राल को हटाने में मदद करता है। 

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कार्डियोवैस्कुलर हृदय रोग के लक्षण 

  • शरीर में सूजन।
  • चक्कर आना।
  • अत्यधिक पसीना आना।
  • तेजी से सांस लेना 
  • त्वचा, होंठ और उंगलियों के नाखूनों में नीलापन
  • थकान, सांस में तकलीफ 
  • सीने, जबड़े या बांह में दर्द होना। 

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कार्डियोवैस्कुलर रोग से बचाव 

इस रोग से बचाव के लिए जरूरी है कि फिजिकल एक्टिविटी करते रहना। रोजाना व्यायाम करके आसानी से जानलेवा हृदय रोग से बचा जा सकता है। सुबह सैर पर जाएं और योग करें जिससे आप स्वस्थ रह सकेंगे। जितना हो सके तनाव से बचें। सकारात्मक सोचें। 

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