महिलाओं द्वारा इस्तेमाल किय जाने वाले स्पंज, काजल और लिप ग्लॉस जैसे मल्टी यूज मेकअप प्रोडक्ट्स में जानलेवा सुपरबग हो सकते हैं। ऐसा हम नहीं, बल्कि हाल ही में आया शोध बता रहा है। दरअसल ब्रिटेन में लाखों लोगों द्वारा हर दिन इस्तेमाल किए जाने वाले मेकअप उत्पादों को संभावित रूप से घातक बैक्टीरिया पाए गय हैं, जिनमें ई.कोली और स्टैफिलोकोसी नामक खतरनाक बैक्टीरिया भी शामिल हैं। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि अधिकांश मल्टीयूज मेकअप प्रोडक्ट्स साफ नहीं किए जाते और उन्हें एक्सपायर होने के बाद भी लोग इस्तेमाल करते रहते हैं। इसके कारण लोगों में त्वचा के जरिए कई हानिकारक बैक्टीरिया प्रवेश पा लेते हैं और शरीर में मल्टीप्लाई हो कर लोगों को बीमार करते हैं।
क्या कहता है शोध-
जर्नल ऑफ एप्लाइड माइक्रोबायोलॉजी में प्रकाशित इस अध्ययन को अमेरिका में एस्टन यूनिवर्सिटी से शोधकर्ता बशीर में लिखा है। इस शोध की मानें, तो ये बैक्टीरिया स्किल इंफेक्शन से लेकर ब्लड इंफेक्शन जैसी खतरनाक बीमारी का कारण बन सकता है। ये इतना खतरनाक हो सकता है कि ये त्वचा के जरिए ही लोगों के आंखों, मुंह या पेट तक पहुंच जाता है। इस शोध में लगभग दस में से नौ मेकअप उत्पादों में इन जानलेवा सुपरबग को पाया गया है। वहीं ये बैक्टीरिया कम इम्यूनिटी वाले लोगों के लिए और खतरनाक है क्योंकि ऐसे लोगों में अवसर पाते ही ये बैक्टीरिया घर कर लेते हैं।
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वहीं शोध में नए ब्यूटी ब्लेंडर्स जैसे स्पंज का इस्तेमाल के बारे में भी बताया गया है। शोध में कहा गया है कि इन स्पंजों का इस्तेमाल लोग स्किन फाउंडेशन के उत्पादों को चेहरे पर लगाने के लिए करते हैं और उसे जल्दी बदलते नहीं। हर बार इसके इस्तेमाल से इसमें चिपके बैक्टीरिया और घातक रूप ले लेते हैं और चेहरे पर इसे लगाने से इंफेक्शन का कारण बन जाते हैं। शोध में बताया गया है कि इन स्पंज में संभावित रूप से हानिकारक बैक्टीरिया के उच्चतम स्तर पाए जाते हैं। बता दें कि दुनिया भर के मशहूर हस्तियां भी मेकअप के लिए भी इन्हीं स्पंज का इस्तेमाल करते हैं। औसतन देखा जाए तो दुनिया भर में 6.5 मिलियन से अधिक लोग ब्यूटी प्रोडक्ट्स में सिर्फ मेकअप का इस्तेमाल करते हैं।
शोधकर्ताओं ने पाया कि ये उत्पाद विशेष रूप से इंफेक्शन के लिए अतिसंवेदनशील होते हैं क्योंकि उपयोग के बाद उन्हें अक्सर नम छोड़ दिया जाता है, जो हानिकारक बैक्टीरिया के लिए एक आदर्श प्रजनन की जगह बन जातीहै। मेक-अप, विशेष रूप से ब्यूटी ब्लेंडर्स का उपयोग करने में सफाई का ख्यास न रखना लोगों के लिए चिंताजनक बात है। इस तरह के मेकअप प्रोडक्ट्स में ई-कोलाई नामक बैक्टीरिया पलने लगते हैं और धीरे-धीरे बढ़ने लगते हैं।शोध में निष्कर्षों से पता चलता है कि उपभोक्ता अनजाने में खुद को जोखिम में डाल रहे हैं। तो वहीं इन प्रोडक्ट्स के निर्माताओं और नियामक निकायों को अपने ग्राहकों की सेफ्टी के लिए एक्सपायरी डेट और पैकेजिंग पर आवश्यक सूचना को लोगों तक ज्यादा से ज्यादा पहुंचाने पर ध्यान देना होगा।
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वहीं यूरोपीय संघ के मार्गदर्शन मेक-अप ब्रांडों को निर्माण के सख्त स्वच्छता मानकों में ई.कोली को कॉस्मेटिक उत्पादों में पनपने की बात कही गई है। पर ये भी पूरी तरह से कारगार नहीं है। इस तरह की चीजों से बचने के लिए जरूरी है लोगों में खुद ही मेकअप प्रोडक्ट्स के इस्तेमाल को लेकर जागरूकता हो। लोगों को पता हो कि लंबे समय तक एक ही मेकअप प्रोडक्ट को इस्तेमाल उनके लिए खतनाक बैक्टीरिया और उनसी जुड़ी बीमारियों को शरीर में निमंत्रण देने का एक प्रमुख जरिया हो सकता है।
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