आज के समय मे हर किसी के पास बाइक,कार होती है और उसको चलाने के लिए पेट्रोल की जरूरत होती। तो पेट्रोल डलवाने के लिए पेट्रोल पंप पर तो जाना पड़ता ही है। लेकिन कई बार ऐसा होता है जब पेट्रोल भरवाने की वजह की लंबी लाइन में इंतजार करना पड़ता है। जिसकी वजह से पेट्रल से निकलने वाली बेंजीन नांक गैस हमारी शरीर में सांसों के माध्याम से जाती है इसका असर हमारे शरीर के अंगों पर पड़ता है, जिसमें फेफड़े सबसे पहले प्रभावित होते हैं। पेट्रोल भरवाते समय वहां मौजूद होने की वजह से इसकी संभावना ज्यादा होती है। व्यक्ति के शरीर के लिए बहारी प्रदूषित हवा हानिकारक होती है। ऐसे ही बेंजीन गैस भी एक व्यक्ति के शरीर के लिए हानिकारक है जिससे कैंसर का खतरा बढ़ जाता है और इसके साथ ही लोगों को बेंजीन गैस की वजह से तेज सिरदर्द, जी घबराना, धड़कन तेज होना जैसी समस्या से परेशान होना पड़ सकता है।
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क्या है बेंजीन गैस
बेंजीन गैस एक हाइड्रोकार्बन होती है। बेंजून गैस को पेट्रोल में प्राकृतिक रूप से पाया जाता है, वहीं कोयले में इसे बनाया जाता है। अक्सर देखा गया है कि बेंजीन गैस की वजह से लोगों ने अपनी जीन गवा दी है क्योंकि ऐसी बहुत सी कंपनियां हैं जहां पर इस गैस को अधिक मात्रा में इस्तेमाल किया जातै है। जिसकी वजह से लोगों को परेशानी उठानी पड़ती है। कई बार लोगों को इसे लेकर चेतावनी भी दी गई है और साथ ही कुछ निर्देश भी लेकिन हर बार लोग इन निर्देशों का उल्लंघन करते नजर आते हैं और इसकी कीमत वहां काम कर रहे लोगों को उठानी पड़ी है।
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किन लोगों पर पड़ता है बेंजीन गैस का ज्यादा असर
एक आम व्यक्ति की तुलना में बेंजीन गैस का असर पेट्रोल पंप पर काम करने वाले लोगों पर ज्यादा पड़ता है। ऐसा इसलिए क्योंकि वह अपने 24 घंटों में से 10 से 12 घंटें पेट्रोल पंप पर ही बिताते हैं। पंप पर काम करने वाले लोग बेंजीन गैंस के संपर्क में जल्दी आते हैं।
बेंजीन गैस शरीर में कैसे जाती है
आप जब किसी भी हानिकारक कर्ण के संपर्क में आते हैं तो वह आपके शरीर में हवा के मध्याम से प्रवेश करती है। ठीक ऐसे ही पेट्रोल भी हवा के संपर्क में आता है और बेंजीन गैस हवा में मिलकर व्यक्ति के शरीर में चली जाती है। जब कभी पेट्रोल पंप पर लंबी लाइन होती है तो इस गैस के संपर्क में आने का खतरा बढ़ जाता है। जो कि सेहत के लिहाज से लोगों के लिए परेशानी की वजह बन सकती है। अगर कोई व्यक्ति बाइक पर बैठे-बैठे पेट्रोल भरवाता है तो बेंजीन गैस इस समय पेट्रोल के साथ हवा में मिलकर नाक में जाती है जिसका असर फेफड़ों पर पड़ता है।
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लोगों को बेंजीन गैस को हल्के में नहीं लेना चाहिए क्योंकि इसका असर आपके फेफड़ों पर पड़ता है। जिसकी वजह से फेफड़ों के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में आपको नोजन इस्पै का इस्तेमाल करना चाहिए। जो आपको इस सुरक्षित रख सकती है। और हमेशा कोशिश करें कि पेट्रोल डालवाते समय कम से कम समय ही वहीं रोकों।
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