गर्मियों का मौसम सिर्फ गर्मी और चिपचिपाहट से भरा नहीं होता है बल्कि यह मौसम अपने साथ कई बीमारियों को भी लेकर आता है। गर्मी और उमस के बीच सबसे पहले हमारा इम्यून सिस्टम प्रभावित होता है। पाचन और त्वचा संबंधी समस्याओं के साथ ही मौसमी फ्लू और संक्रमण का भी इस दौरान खतरा बना रहता है। सिर्फ यही नहीं इस मौसम में कई गंभीर रोग भी पैदा होते हैं। जिसमें जॉन्डिस, टाइफॉयड और फूड प्वायजनिंग आदि शामिल है। बेहतर होगा कि आप अपने खानपान की आदतों के साथ धूप में समय बिताने को लेकर सतर्क रहें। बाहर के खाने से परहेज, मील्स नहीं छोड़ना और बाहरी ड्रिंक एवं अल्कोहल की बजाय स्वास्थ्यकर विकल्पों जैसे छोटे बदलाव बड़ा अंतर ला सकते हैं। ये छोटी लेकिन अनहेल्दी आदतें आपके शरीर को नुकसान पहुंचा सकती हैं। आज हम आपको कुछ ऐसी बातें बता रहे हैं जो गर्मियों में बीमारियों से लड़ने में आपकी मदद करेंगी।
धूप से दूरी
गर्मियों में बीमारियों से बचने का एक तरीका धूप से दूरी रखना भी है। जितना संभव हो उतना धूप से बचें। ध्यान रखें कि आप धूप में तीन घंटे से ज्यादा न रहे और इस दौरान भी चेहरे और हाथ पैरों को सूती या किसी हल्के कपड़े से ढक कर रखें। क्योंकि धूप में टहलने से सनबर्न हो सकता है। अगर बाहर जाना जरूरी हो तो छाता साथ ले जायें, सनग्लासेज का प्रयोग करें। धूप से बचाने वाली क्रीम का भी प्रयोग करें।
वर्कआउट
वर्कआउट करना सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। लेकिन गर्मियों में इसे करते वक्त सावधान रहें। मोटे कपड़े पहनकर एक्सरसाइज न करें। शरीर में पानी की पूर्ति होना भी बहुत जरूरी है। इस बात में कोई दोराय नहीं है कि वर्कआउट करते वक्त शरीर से जो पसीना निकलता है वह बहुत अच्छा होता है क्योंकि यह आपके शरीर से गंदगी को निकालने में मदद करता है। साथ ही आपके शरीर को फिट और स्वस्थ रखने में भी सहायक है। हम जितना अधिक शारीरिक तौर पर सक्रिय रहेंगे, हमारे लिए जीवन खुशहाल होगा।
नियमित हेल्थ चेकअप
नियमित हेल्थ चेकअप भी कई रोगों को पनपने से पहले ही रोक देता है। इस मौसम में अगर आपको अपने शरीर में कुछ भी बदलाव दिखता है तो सीधा डॉक्टर से संपर्क। कई बार हम कुछ लक्षणों की गंभीरता को नजरअंदाज करते हुए डॉक्टर के पास जाने से परहेज करते हैं। लेकिन बेहतर होगा कि स्वास्थ्य के मालमों में हम विशेषज्ञ से संपर्क करें। किसी भी तरह की गंभीर समस्या से बचने के लिए नियमित तौर पर हेल्थ चेकअप के लिए जाना चाहिए।
कम कैफीन
अगर आप चाय, कॉफी आदि लेने के शौकीन है तो इसे कम कर दें। गर्मी में कैफीन का सेवन भी आपके पाचन तंत्र की कार्यप्रणाली को प्रभावित करता है, जो आगे चलकर अल्सर, एसिडिटी और जलन का कारण बनता है। इसके साथ ही यह ब्लड प्रेशर, चक्कर आना, सिर में दर्द और थकान का भी कारण बनता है।
रहें हाइड्रेटेड
पानी की कमी होना गर्मियों में सबसे बड़ा नेगेटिव प्वॉइंट होता है। ध्यान रखें इस मौसम में आपको रोजाना करीब 10 से 12 ग्लास पानी पीना है। यदि आपके शरीर में पर्याप्त पानी है तो आप 90 फीसदी बीमारियों से लड़ सकते हैं। पानी को शरीर के फाइबर द्वारा हमारे कोलोन में खींच लिया जाता है और यह नरम मल बनाने में शरीर की मदद करता है। साथ ही बिना किसी तकलीफ के इसका रास्ता भी आसान हो जाता है।
फाइबर इनटेक
फाइबर ऐसी चीज है जो अगर शरीर में पर्याप्त मात्रा में मौजूद हो तो आप कुछ भी पचा सकते हैं। अनाज, सब्जियां, फलियां और फल जैसे फाइबर के बेहतरीन स्रोत वाले खाद्य पदार्थ हमारे पाचन तंत्र को दुरुस्त करते हैं और व्यक्ति कब्ज होने की आशंका से दूर होता है, जो अंतत: फिशर का कारण बनता है।
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