
कई महिलाओं में देखने में आता है कि उनसे कोई जरा ऊंची आवाज बात करता है कि वे रो देती हैं। वे जल्दी हर्ट हो जाती हैं। यही नहीं उन्हें छोटी-छोटी बातें बहुत ज्यादा दुखी करती हैं। सवाल है कहीं आप भी इसी तरह की महिला तो नहीं? असल में इस तरह की महिला अति भावुक हैं। वे हर फैसला दिल से लेती हैं, हर बात दिल से सोचती हैं। लेकिन इस तरह हर बार दिल से सोचना कोई समझदारी नहीं है। इसके उलट यह आपकी बेवकूफी का परिचायक है। दरअसल हर बार दिल की सुनने से मन दुखता है और दूसरों से बात करने का मन नहीं करता जो कि आपको अकेला और तन्हा कर देता है। अतः अगर आप अति भावुक हैं तो इस स्थिति से निपटने के लिए क्या करेंगी? आइए जानते हैं।
स्थिति से निपटें
अगर आप भावनात्मक रूप से तनाव महसूस कर रही हैं तो ऐसे में बेहतर है कि उस स्थिति से निपटें। हो सकता है कि कोई व्यक्ति विशेष आपको इमोशनी दुखी कर रहा है तो ऐसे में खुद को उससे जोड़े रखने की सजा मत दें। बेहतर यही है कि स्थिति हो या व्यक्ति, दोनों को उनके हाल पर छोड़ दें और खुद एक कदम आगे बढ़ जाएं। अगर आप अंदर से खालीपन महसूस कर रही हैं तो लम्बी लम्बी सांसें लें, ठंडा पानी पिएं और खुद को अन्य कामों में लगाएं।
सकारात्मक सोच पर फोकस करें
जैसा कि आप अपने इमोशनल व्यक्तित्व के कारण पिछले कई दिनों से परेशान हैं। लेकिन परेशानी किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। इसके उलट आपको चाहिए कि आप सकारात्मक सोचें। खुद र नकारात्मक सोच को हावी न होने दें। कोई ऐसी गतिविधि में खुद को सक्रिय रखे जो आपको अंदर से खुशी का अहसास देती हो। बुरे दिनों को कतई याद न करें। इसके उलट अच्छे दिनों को याद करें जो आपके होंठों पर मुस्कान खिलाती है।
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गाना सुनें
अगर आप किसी व्यक्ति विशेष से बहुत ज्यादा हताश हैं। कुछ समझ नहीं आ रहा है कि क्या करें तो बेहतरकुछ न करें। बस बैठकर गाने सुनें। इस बीच किसी के बारे न तो सोचें और न ही किसी को इतना महत्व दें कि वह आपको इमोश्नल स्तर पर बार-बार आहत कर सके। गाना सुनकर खुद को सकारात्मक एनर्जी की ओर ट्विस्ट करें। वैसे भी गाने हील करने में बहुत मदद करते हैं।
सोचें कुछ भी स्थाई नहीं है
इस बात को स्वीकार करें कि कभी भी कोई भी चीज स्थाई नहीं होती। हर हाल में आपकी स्थिति जरूर बदलेगी। हो सकता है कि जिस व्यक्ति विशेष ने आपको दुख पहुंचाया है, वह आपके पास लौटकर आए। अगर वह नहीं आता तो हो सकता है कि कोई बेहतर शख्स आपकी जिंदगी में आने वाला है। मतलब यह कि हमेशा सकारात्मक सोच से खुद को लबरेज रखें और यह समझें कि कोई भी स्थिति कभी भी स्थाई नहीं होती। समय हमेशा बदलता है। अच्छा वक्त नहीं टिका तो बुरा भी चला ही जाएगा।
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चहलकदमी कर आएं
अगर आप अपनी स्थिति से निपट नहीं पा रही हैं। कुछ सुनने का या करने का भ मन नहीं कर रहा है। आप अंदर से दुखी हो रही हैं। बार-बार रुलाई फूट रही है तो फिर बेकार परेशान होने के बजाय उठें और बाहर चहलकदमी कर आएं। चहलकदमी पाजीटिविटी को अंदर लाने का एक बेहतरीन तरीका है। जरा सोचिए कि कमरे के अंदर बैठकर रोने से क्या हासिल होना है? कुछ नहीं। फिर क्यों न बाहर टहल आएं। कुछ नए लोगों से मिलें। उनसे बातें भी करें। चहलकदमी का असली लाभ तभी मिलेगा जब आप किसी अंजान से मिलकर कुछ अटपटी बातें करके आएंगी। आपको अंदर से खुशी का अहसास होगा।
ज्यादा देर तक सोएं
अगर आप पर कोई उपाय काम नहीं कर रहा है तो बेहतर है कि आप सो जाएं। सोने से आप खुद को हर दुख-दर्द से कटा हुआ महसूस करेंगी। यह आपके स्वास्थ्य के लिए भी बेहतर होगा। क्योंकि सोने से आप बुरी चीजें सोचेंगी नहीं और आपका मन भी बार-बार टूटन नहीं महसूस करेगा। अतः संभव हो तो दुखी होने पर ज्यादा से ज्यादा सोएं।
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