कोरोना वायरस खत्म होने के बाद भी जारी रखेंगे हाइजीन प्रैक्टिस तो कई जानलेवा बीमारियों का खतरा होगा कम

स्टडी के अनुसार कोरोना वायरस के खत्म होने के बाद भी अगर आप साफ-सफाई की यही प्रैक्टिस जारी रखें, तो आपकी जिंदगी बढ़ेगी और बीमारियों का खतरा कम होगा।
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कोरोना वायरस खत्म होने के बाद भी जारी रखेंगे हाइजीन प्रैक्टिस तो कई जानलेवा बीमारियों का खतरा होगा कम


कोरोना वायरस पिछले 5 महीने में एक साधारण से वायरस से महामारी का रूप ले चुका है। चीन के एक छोटे से शहर से निकला ये वायरस आज दुनिया के 200 से ज्यादा देशों में फैल चुका है। अब तक 40 लाख से ज्यादा लोगों को संक्रमित कर, 2 लाख 76 हजार लोगों की जान लेने वाला ये वायरस एक दिन कंट्रोल कर लिया जाएगा या खत्म कर लिया जाएगा, मगर इसने जो सीख दुनिया को दी है, वो आगे कई बीमारियों से बचने, लड़ने और जीतने में हमें कामयाबी दिलाएगी।

आपको जानकर हैरानी होगी कि वायरस और बैक्टीरिया से फैलने वाले कॉमन इंफेक्शन के कारण ही हर दिन लगभग 2000 लोग दुनियाभर में मरते हैं। वहीं गरीब देशों में तो 90% लोग इन बीमारियों के कारण जीवनभर इलाज कराते रहते हैं।

एक नई स्टडी के अनुसार अगर हम लोग कोरोना वायरस के खत्म होने के बाद भी हाइजीन (साफ-सफाई) की यही प्रैक्टिस जारी रखते हैं, तो इससे भविष्य में कॉमन इंफेकेशन का खतरा 50% तक कम हो जाएगा। यही नहीं दुनियाभर में एंटीबायोटिक दवाओं पर निर्भरता भी लगभग 30% तक कम हो जाएगी। इस अध्ययन को American Journal of Infection Control में छापा गया है। इस रिसर्च पेपर को Global Hygiene Council ने तैयार करवाया है।

coronavirus hygiene

कोरोना वायरस दुनिया को किस तरह बदल देगा?

कोरोना वायरस के खत्म होने के बाद हम दुनिया के लगभग सभी हिस्सों में एक व्यापक बदलाव देखेंगे। लोगों ने समझ लिया है कि वायरस और बैक्टीरिया किस तरह उनके जीवन को नुकसान पहुंचाते हैं, इसलिए काफी लोग अब हैंड सैनिटाइजर, रेगुलर हैंड वॉश और मास्क पहनने को अपने जीवन का हिस्सा बना लेंगे। इसके अलावा संभव है कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हमें अगले 2-3 सालों तक लगातार करना पड़े क्योंकि वायरस को हराने और इससे बचने का यही एक तरीका है। वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर हम लोग यही प्रैक्टिस जारी रखेंगे, तो बहुत सारी जानलेवा बीमारियों से बच सकते हैं।

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बीमारियों से बचाने में कैसे मदद करेंगी ये आदतें?

personal Hygiene

दिन में कई बार हाथ धोने की आदत और पब्लिक प्लेस पर हैंड सैनिटाइजर को इस्तेमाल करने की आदत के कारण आसपास मौजूद वायरस और बैक्टीरिया आपके शरीर में प्रवेश नहीं करेंगे, जिससे फूड पॉयजनिंग से लेकर सैकड़ों इंफेक्शन और बीमारियों का खतरा कम हो जाएगा। इसके अलावा घर से बाहर निकलते समय मुंह पर मास्क लगाने की आदत भी बहुत ज्यादा फायदेमंद साबित होगी। खासकर उन लोगों के लिए जो प्रदूषित शहरों में रहते हैं।

प्रदूषण के कारण सांस की बीमारियां, फेफड़ों के रोग, कैंसर, डायबिटीज, आंखों के रोग, किडनी और लिवर की बीमारियां, यहां तक कि दिल की बीमारियां भी हो जाती हैं। मास्क पहनने की आदत बनाने से इन बीमारियों में काफी हद तक कमी आ जाएगी।

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एंटीबायोटिक का प्रयोग कम होगा, तो बढ़ेगा जीवन

आज दुनियाभर में फैले 90% इंफेक्शन को खत्म करने के लिए एंटीबायोटिक दवाओं का प्रयोग किया जा रहा है। मगर तमाम तरह के अध्ययन बताते हैं कि एंटीबायोटिक दवाओं के ज्यादा प्रयोग से किडनी पर बुरा असर पड़ता है और धीरे-धीरे इनका असर भी खत्म होता जा रहा है, इससे संभावना है कि भविष्य में ऐसा दिन भी आएगा जब ये एंटीबायोटिक दवाएं बैक्टीरिया पर काम नहीं करेंगी और वे हमें बीमार बनाकर मार डालेंगे। इसलिए अगर हम कोरोना वायरस के खत्म होने के बाद भी सफाई की इन्हीं आदतों- हैंड वॉशिंग, सैनिटाइजर और मास्क- को इस्तेमाल करना नहीं छोड़ेंगे, तो एंटीबायोटिक दवाओं पर हमारी निर्भरता कम होगी, जिससे हमारी अपनी जिंदगी तो बढ़ेगी ही, साथ ही दुनिया में इंसानों के रहने की संभावना भी कई सौ सालों के लिए बढ़ जाएगी।

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