अक्सर पैरेंट्स के मन में सवाल उठता है कि वो अपने बच्चे को सही-गलत या ऐसे टॉपिक्स पर कैसे बात करें? जिन पर उनके मन में सवाल उठ सकते हैं। ऐसा ही एक टॉपिक है सेक्स एज्यूकेशन जिस पर हमारे देश में बहुत कम बात होती है जबकि आज के समय में इस विषय पर खुलकर चर्चा होनी चाहिए। अगर हम बच्चों को बचपन में ही सही जानकारी दें तो बड़े होकर वो कोई गलत कदम या किसी राह जाने से बच जाएंगे। आज के समय में चाइल्ड एब्यूज़ या रेप के केस बढ़ रहे हैं ऐसे में ये बहुत जरूरी है कि समाज और बच्चों की अपनी सेफ्टी के लिए माता-पिता उनसे खुलकर बात करें। आज हम आपको बताएंगे सही तरीका जिससे आप अपने बच्चे की सही तरह से काउंसिंग कर सकेंगे। इस टॉपिक पर ज्यादा जानकारी के लिए हमने मुंबई के जसलोक हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर की कंसलटेंट साइकोलॉजिस्ट रितिका अग्रवाल से बात की।
बच्चों को सेक्स एज्युकेशन देना क्यों जरूरी है? (Importance of sex education)
बहुत से पैरेंट्स बच्चों से खुलकर बात नहीं करते जिसके चलते बच्चे इंटरनेट से जानकारी लेते हैं और अपनी जिज्ञासा शांत करते हैं। इस चक्कर में बच्चों को गलत जानकारी मिल जाती है। इससे बचने के लिए अपने बच्चे से उसका रूटीन जरूर पूछें। बैठकर बात करें। कई बार बच्चे स्कूल या कॉलोनी में रहते हुए सैक्शुअल एब्यूज का शिकार होते हैं ऐसे में आपको ध्यान देना है कि कहीं बच्चा आपके छूने से डर तो नहीं रहा या कोई चीज उसके मन को परेशान न कर रही हो।
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बच्चों से सेक्शुअल हेल्थ पर बात कैसे करें? (How to discuss sexual health)
सबसे पहले तो आप डिसाइड करें कि आपको उन्हें किस तरह बताना है। ऐसा न हो कि बात करते समय आप हिचकिचाएं। इससे बच्चे को लगेगा कि इस बारे में बात करना सही नहीं है। इसके साथ ही बच्चे की कंसेंट लेना बहुत जरूरी है। आपको बच्चे की मर्जी देखकर ही उससे बात करनी है। अगर हो आपके साथ असहज महसूस न कर रहा हो तो जबरदस्ती न करें। कुछ समय बाद फिर से कोशिश करें। आपको उनसे होमोसेक्शुएलिटी, पीरियड्स, अपोसिट सेक्स आदि विषयों पर भी बात करनी चाहिए। इसके साथ ही आपको मेल और फीमेल रिप्रोडक्टिव ऑर्गन के बारे में भी बच्चों को जानकारी देनी है।
सेक्स एज्युकेशन की सही उम्र क्या है? (Right age for sex education)
बच्चों को 2 से 3 साल की उम्र में उनके बॉडी पार्ट की जानकारी दी जाती है, उसके बाद जैसे-जैसे उनकी उम्र बढ़े उन्हें गुड और बैड टच आदि की जानकारी दें। हर उम्र के पढ़ाव के साथ जानकारी बढ़ती जाती है। अगर बच्चा खुद से कोई सवाल करता है तो उसे टालें नहीं बल्कि उसके उम्र के मुताबिक उसे सही जवाब दें ताकि वो जवाब के लिए कहीं और न जाए।
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टीवी पर दिखाए जा रहे कंटेट पर चर्चा करें (Talk on adult content)
सेक्स एज्यूकेशन के लिए आप बच्चों को किताबें पढ़ने के लिए दे सकते हैं। उससे बेहतर तरीका है कि आप बच्चों से टीवी में दिखाए जा रहे कंटेंट पर बात करें। एडल्ट एड्स पर पैरेंट्स चैनल चेंज कर देते हैं पर ऐसा करने के बजाय बच्चों से उनकी राय पूछें। न्यूज में ऐसा कोई टॉपिक चल रहा हो तो बच्चों से उस पर डिसक्स करें। इससे आपको पता चलेगा कि बच्चों के मन में क्या चल रहा है।
इन जरूरी टिप्स की मदद से आप अपने बच्चे से खुलकर बात कर सकते हैं। याद रखें कि आपको उन्हें पहले खुद के साथ फ्रैंक करना है तभी आगे चर्चा करें।
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