सोयाबीन में भरपूर मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है। जो लोग मांसाहारी नहीं होते हैं वह सोयाबीन का सेवन करके मांस जितना पोषण प्राप्त कर सकते हैं। ऐसे में शाकाहारी भोजन करने वाले लोग अपने आहार में सोयाबीन को शामिल करते हैं तो उनका भोजन हेलदी और अनेक पोषण तत्वों से भरपूर होता है। सोयाबीन से विभिन्न खाद्य पदार्थ जैसे टोफू या सोया मिल्क आदि बनाए जाते हैं। इसके अलावा सोयाबीन का तेल भी मार्केट में उपलब्ध है। सोया से बनने वाली चीजें भी सेहत को अनेक समस्याओं से छुटकारा दिला सकती हैं। बता दें इसके अंदर प्रोटीन के अलावा मिनरल्स, विटामिंस आदि मौजूद होते हैं जो न केवल वजन घटाने में मददगार हैं बल्कि डायबिटीज, दिल की बीमारी आदि समस्याओं को दूर करने भी में बेहद मददगार साबित हुए हैं। बता दें कि सोयाबीन को कच्चा नहीं खाना चाहिए। ऐसे में आज हम आपको इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि सोयाबीन किस प्रकार सेहत को अच्छा बना सकता है? साथ ही हम जानेंगे कि इसके खाने का सही तरीका क्या है और इससे शरीर को क्या-क्या नुकसान हो सकता है? पढ़ते हैं आगे...
कैसे करें सोयाबीन का सेवन (How to Eat Soybean)
सोयाबीन को पकाने के लिए सबसे पहले इसे पानी में भिगोएं। चार-पांच घंटे भिगोने के बाद जब आप इन्हें पानी से बाहर निकालेंगे तो यह बेहद नरम नजर आएंगे। अब आप सोयाबीन को सब्जी में मिलाएं और फिर इनका सेवन कर सकते हैं।
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सोयाबीन के फायदे (Benefits of Soybean)
1- दिल की सेहत के लिए सोयाबीन का सेवन
बता दे कि सोयाबीन के सेवन से दिल की काफी समस्याओं को दूर किया जा सकता है। जो लोग दिल की बीमारी से ग्रस्त होते हैं उन लोगों के खून में वसा की मात्रा का स्तर बढ़ जाता है साथ अच्छा वसा जो शरीर को फायदा पहुंचाता है यानि एचडीएल का स्तर कम हो जाता है। ऐसे में बता दें कि सोयाबीन के अंदर 20 से 22% वसा मौजूद होता है जो दिल के रोगियों के लिए बेहद फायदेमंद है। साथी ही ये एलडीएल की मात्रा को कम करने में मददगार है। ध्यान दें कि सोयाबीन के अंदर लेसीथीन नामक पदार्थ पाया जाता है जो दिल की नलियों में कोलेस्ट्रोल को जमने से बचाता है साथ ही जो लोग दिल की समस्या से पीड़ित हैं उनके लिए सोयाबीन बेहद मददगार है।
2- मासिक धर्म धर्म में होने वाली समस्याओं को दूर करने में सोयाबीन
बता दें जब महिलाओं में मासिक धर्म बंद हो जाता है तो उनके शरीर में एस्ट्रोजन की कमी होने लगती है। यही कारण होता है कि उनकी हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और वे जल्दी ओस्टियोआर्थराइटिस की बीमारी का शिकार हो जाती है और घुटने के दर्द से परेशान रहती हैं। ऐसे में यदि यह महिलाएं सोयाबीन का सेवन करें तो इनके शरीर में एस्ट्रोजन की कमी नहीं होती। ऐसा इसलिए क्योंकि सोयाबीन के अंदर फाइटोएस्ट्रोजेंस पाया जाता है जो इस कमी को पूरा करता है। ऐसे में अगर महिलाएं सोयाबीन सेवन करें तो इस तरह की परेशानी से दूर रह सकती हैं। इसके अलावा मासिक धर्म के समय जो महिलाएं ज्यादा कष्ट, शरीर में थकान आदि महसूस करती हैं उनक लिए भी सोयाबीन बोहद मददगार है।
3- सोयाबीन दूध हड्डियों में लाए मजबूती
बता दें कि सोयाबीन के अंदर प्रोटीन के साथ-साथ कैल्शियम भी मौजूद होता है जो हड्डियों को मजबूत बनाने का काम करता है। ऐसे में जो लोग ओस्टियोआर्थराइटिस की समस्या से परेशान रहते हैं सोयाबीन उन सभी परेशानी को दूर करने में मददगार है। ध्यान दें कि सोयाबीन के अंदर कोलेस्ट्रॉल नहीं होता है। साथ ही इसके अंदर वसा और कैलोरी की मात्रा भी कम होती है इसके अंदर फाइबर आयरन पोटेशियम विटामिन बी, सी आदि पाए जाते हैं। सोयाबीन एक ऐसी सब्जी है जिसमें आठ आवश्यक अमीनो एसिड मौजूद हैं।
4- मधुमेह के रोगियों के लिए सोयाबीन है मददगार
सोयाबीन के अंदर आइसोफ्लेवोन नाम का घटक मौजूद होता है जो हृदय रोग से बचाव के साथ मधुमेह रोगियों के लिए भी बेहद फायदेमंद है। इसे खाने से ना केवल कोलेस्ट्रॉल और ब्लड में ग्लूकोस का स्तर कम होता है बल्कि ये मधुमेह से पीड़ित लोगों में ग्लूकोज की मात्रा को भी समान्य रखता है। ऐसे में हम कह सकते हैं कि मधुमेह रोगियों के लिए ये बेहद फायदेमंद है। ये लोग रोटी के रूप में सोयाबीन का सेवन कर सकते हैं।
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5- मस्तिष्क की सेहत के लिए सोयाबीन का सेवन
सोयाबीन के अंदर फास्फोरस पाया जाता है जो दिमाग से संबंधित परेशानी जैसे कि याद्दाश कमजोर होना, गपलियत, फेफड़ों से संबंधित परेशानी आदि को दूर रखने में बेहद मददगार है। ऐसे लोग जो दिमाग की समस्याओं से ग्रस्त हैं वे सोयाबीन के आटे का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस आटे के अंदर लेसीथीन नामक पदार्थ मौजूद होता है जो सभी समस्याओं को दूर करने में बेहद मददगार है।
6- उच्च रक्तचाप में सोयाबीन के बीज के फायदे
जो लोग उक्त रक्तचाप से परेशान रहते हैं उन्हें सोडियम कम का सेवन करने की सलाह दी जाती है। सोयाबीन में पोटेशन की मात्रा मौजूद होती है इसीलिए जो लोग हाई बीपी से परेशान होते हैं वे सोयाबीन का उपयोग पोटेशियम कमी को पूरा करने के लिए कर सकते हैं। बता दें कि पोटेशियम वाले आहार से शरीर से अतिरिक्त सोडियम को निकाला जा सकता है। ऐसे में आप भुने हुए सोयाबीन को कम नमक के साथ खाएं, हाई बीपी की समस्या दूर हो जाएगी।
7- एनीमिया में सोयाबीन के दाने के फायदे
शरीर को एनीमिया और ऑस्टियोपोरोसिस नामक बीमारी से दूर रखने में सोयाबीन बेहद मददगार है। ऐसे में आप सोयाबीन की सब्जी बनाकर उसका सेवन कर सकते हैं। यह ना केवल लाल रक्त कोशिकाओं की कमी को पूरा करता है बल्कि हड्डियों को कमजोर होने से भी रोकता है।
8- शरीर के विकास में सोयाबीन खाने के फायदे
शरीर के विकास के लिए सोयाबीन एक अच्छा विकल्प है। इससे त्वचा मांसपेशियों, नाखून, बाल आदि में विकास होता है अगर सोयाबीन का सेवन नियमित रूप से किया जाए तो है ना केवल फेफड़ों को स्वस्थ रखता है बल्कि शरीर की अतिरिक्त भागों की रचना में भी मदद करता है।
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सोयाबीन के नुकसान (side effects of soya bean)
कहते हैं हर चीज का सेवन अधिक मात्रा में किया जाए तो वह सेहत को फायदे के बजाय नुकसान कर सकता है। ऐसा ही कुछ सोयाबीन के साथ हैं। जानते हैं इससे शरीर को होने वाले नुकसान के बारे में-
1- गर्भावस्था में सोयाबीन का इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह पर करना चाहिए। जो महिलाएं गर्भावस्था या स्तनपान कराती है वह सोयाबीन के दूध का अधिक सेवन ना करें। वरना इससे जी मचला, सर चक्कर आने जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
2- जो लोग फैमिली प्लानिंग के बारे में सोच रहे हैं वह सोयाबीन का सेवन ना करें क्योंकि सोयाबीन के अंदर स्पर्म के स्तर को कम करने की शक्ति होती है साथ ही सेक्स करने की इच्छा भी कम हो जाती है।
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