कम अंक आने पर कैसे करें माता-पिता का सामना

परीक्षा के नतीजे आ गए, लेकिन वैसे नहीं जैसे आपने उम्‍मीद की थी। आपके नंबर कम हैं और अब आपको इस बात की चिंता सता रही है कि आखिर अपने माता-पिता का सामना कैसे किया जाए। तो सबसे पहले यह डर अपने दिल से निकालिये। आखिर वे आपके माता-पिता हैं। वे आपको डांटेंगे भी तो आपके फायदे के लिए।
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कम अंक आने पर कैसे करें माता-पिता का सामना


बोर्ड एग्‍जाम के नतीजे आने के बाद जहां एक ओर लोगों में खुशी की लहर होती है, वहीं कुछ खबरें ऐसी आती हैं, जो रूह को झकझोर जाती हैं। आखिर क्‍यों उम्‍मीद के मुताबिक नतीजे न आने पर लोग अपनी जान लेने का कदम उठा देते हैं। आखिर क्‍यों उन्‍हें लगता है कि इसके बाद जिंदगी और कुछ नहीं। उन्‍हें माता-पिता का डर सताता है। तो, आखिर बोर्ड नतीजे के आगे जहां में और कुछ नहीं। आपका जीवन इसका बिना और कुछ नहीं।

नतीजे अगर उम्‍मीद के मुताबिक न आएं, तो बच्‍चों को सबसे पहले माता-पिता का डर सताता है। उनकी डांट, डपट और तानों का डर सताता है। आप खुद भी जानते हैं कि आपने परीक्षा के दिनों में कितनी मेहनत की। और अगर मान लीजिए कि परिणाम आपकी उम्‍मीद के मुताबिक नहीं भी आया, तो इसका अर्थ यह तो नहीं कि जीवन में सब कुछ बेकार हो गया। तो, चलिये जानते हैं कि यदि आपके नंबर कम आएं, तो माता-पिता का सामना कैसे करें।

परेशान न हों

नंबर कम आने पर रोने या पसीने-पसीने होने की जरूरत नहीं। शांत‍ चित्‍त रहें और खुद पर काबू रखें। रोने से या परेशान होने से बिगड़ी बात नहीं बन सकती। आपकी कोशिश भविष्‍य सुधारने और उसे बेहतर बनाने के विकल्‍प तलाशने की होनी चाहिए। और यही बात आपने अपने अभिभावकों को समझानी है।

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डांटने पर रोयें नहीं

अगर आपके माता-पिता कम नंबर आने पर आपको डांटते हैं, तो रोयें नहीं। ध्‍यान से उनकी बात सुनें। और समझें कि आखिर वे क्‍या कहना चाहते हैं। उनकी डांट और डपट में आपके लिए कीमती सलाह छुपी हुई हो सकती है।

बेहतरी की योजना बनायें

अपने माता-पिता को समझायें कि कम नंबर आना भविष्‍य का अंत नहीं हैं। अभी भी आपके पास कई रास्‍ते खुले हैं। आपके पास अपने भविष्‍य को उज्‍जवल बनाने की योजना तैयार है।

उनसे सलाह लें

माता-पिता से पूछें कि आखिर अब आपको क्‍या करना चाहिए। अपने जीवन के अनुभवों के आधार पर वे आपको अच्‍छी सलाह दे सकते हैं। आपके बात करने के अंदाज में कहीं भी अकड़ नहीं होनी चाहिए। आपको उन्‍हें समझाना चाहिए कि आपकी ओर से प्रयासों में कोई कमी नहीं रही, फिर भी परिणाम सही नहीं आए। आप उन्‍हें बता सकते हैं कि आपको यह विषय बिलकुल समझ नहीं आता, लेकिन आपने अपनी ओर से पूरा प्रयास किया है।

सजा भुगतें

यदि अब आपके माता-पिता आपकी मौज-मस्‍ती पर ब्रेक लगाना चाहते हैं। आपका ज्‍यादा घूमना अब उन्‍हें पसंद नहीं। और उन्‍होंने आपके लिए सजा का निर्धारण कर दिया है, तो इस सजा को भुगतने के लिए तैयार रहें। इसे सजा नहीं अपने लिए सीख समझें, जो आपके भविष्‍य निर्माण में अहम भूमिका निभाएगा।

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अपनी गलती से सीखें

उन्‍हें बतायें कि अब आप ज्‍यादा पढ़ाई करेंगे और अतीत की गलतियों को नहीं दोहरायेंगे। इससे आपके माता-पिता को यह संकेत जाएगा कि आप वाकई शर्मिंदा हैं और भविष्‍य में अच्‍छा करना चाहते हैं।

 

याद रखिये, नाकामयाबी आपकी राह की बाधा जरूर है, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं कि आप इससे हारकर बैठ जाएं, आपको आगे की योजना बनाने पर काम करना चाहिये। जिंदगी एक रास्‍ता बंद करती है, तो दूसरे कई रास्‍ते खोल देती है।

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