Acidity in Blood: आपके खानपान का असर पूरे शरीर पर पड़ता है। डॉक्टर के मुताबिक कुछ लोगों के रक्त में एसिड की मात्रा बढ़ जाती है। इसमें खून मे बाइकार्बोनेट कम हो जाता है और कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है। दरअसल, जब आपके फेफड़े सही तरह से कार्य नहीं करते हैं, तब आपको ये समस्या देखने को मिलती है। जानकारों के अनुसार जब आप एसिडिक प्रकृति की चीजों का अधिक सेवन करते हैं, तो आपके रक्त में अम्लता बढ़ सकती है। आयुर्वेद में कई तरह के रोगों का इलाज और निदान बताया गया है इसके इलाज का तरीका बेहद ही आसान और कारगर होता है, जो आपको जल्द आराम पहुंचाता है। आयुर्वेदाचार्य डॉक्टर मीहिर सिंह ने पर खून की अम्लता को कम करने का तरीका बताया है।
रक्त में अम्लता के कारण - Causes Of Acidity in Blood In Hindi
मेटाबॉलिक एसिडोसिस
जब शरीर में एसिड बढ़ाने वाले पदार्थ बढ़ जाते हैं, तो ऐसे में मेटाबॉलिक एसिडोसिस की समस्या हो सकती है। यह समस्या टाइप 1 डायबिटीज के कारण हो सकती है। इसके अलावा शरीर में एसिड की सामान्य मात्रा होने पर भी यदि किडनी सही तरह से कार्य नहीं कर पा रही है तो भी एसिडोसिस हो सकता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि शरीर से एसिड पेशाब के द्वारा बाहर नहीं निकल पाता है। इसके अलावा, दस्त की वजह से पाचन तंत्र के द्वारा बाइकार्बोनेट कम होने से भी आपको यह समस्या हो सकती है।
रेस्पिरेटरी एसिडोसिस
रेस्पिरेटरी एसिडोसिस की समस्या तब होती है जब फेफड़े कार्बन डाइऑक्साइड को पर्याप्त रूप से बाहर नहीं निकाल पाते हैं। यह समस्या निमोनिया, सीओपीडी, अस्थमा आदि में हो सकती है। इसके अलावा, छाती की मांसपेशियों में विकार होने पर भी रेस्पिरेटरी एसिडोसिस हो सकता है। शराब और नींद की दवाएं सांस लेने की प्रक्रिया को धीमा कर सकती है। ऐसे में व्यक्ति को रेस्पिरेटरी एसिडोसिस की समस्या हो सकती है।
रक्त में अम्लता के लक्षण - Symptoms Of Acidity In Blood In Hindi
- थकान
- कमजोरी
- जी मिचलाना
- उल्टी आना
- तेज सिर दर्द होना, आदि।
रक्त की अम्लता को कैसे कम करें? Treatment Of Acidity In Blood In Hindi
आयुर्वेद के डॉक्टर के अनुसार इस समस्या को आसानी से ठीक किया जा सकता है। ऐसे में आप अर्जुन की छाल का सेवन कर सकते हैं। दरअसल, सर्दी में वात की समस्या तेजी से बढ़ती है। इससे हार्ट अटैक की संभावना कम हो जाती है। ऐसे में आप अर्जुन की छाल को गर्म पानी में उबाल कर पी सकते हैं। इससे शरीर की एसिड कम तेजी से कम होता है। साथ ही आप इसे दूध में अर्जुन की छाल को उबालकर भी पी सकते है। अर्जुन की छाल का पाउडर बाजार में आसानी से उपलब्ध होता है। इससे रक्त की एसिडिटी में आप इस उपाय को अपना सकते हैं।
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डाइट में किसी भी तरह के बदलाव से पहले आप डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। यदि आप पहले से ही किसी तरह की दवाओं को सेवन कर रहे हैं तो ऐसे में अर्जुन की छाल लेने से पहले डॉक्टर की सलाह लेने से आपको इसके साइड इफेक्ट होने की संभावना कम होती है।