How To Overcome Menopause Anxiety In Hindi: अपने जीवन में हर महिला को कभी न कभी मेनोपॉज से जरूर गुजरना पड़ता है। आमतौर पर महिलाओं को मिड एज में मेनोपॉज होता है। मेनोपॉज का मतलब है कि पीरियड साइकिल का पूरी तरह बंद हो जाना। मेनोपॉज के बाद महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं, जैसे लाइफ के इस फेज के बाद महिलाएं मां नहीं बन सकती हैं, सेक्सुअल लाइफ प्रभावित होने लगती है और कई बार हेल्थ पर भी इसका असर देखने को मिलता है। यही कारण है कि मेनोपॉज को लेकर अक्सर मिड एज की ओर बढ़ रही महिलाओं में तनाव रहता है। My Menopause Centre के अनुसार, लगभग 50 फीसदी मेनोपॉज के दौरान एंग्जायटी का शिकार होती हैं, लेकिन इनमें से बहुत कम महिलाएं ही एक्सपर्ट्स से मदद लेती हैं। इस तरह की सिचुएशन में महिलाएं परेशान रहती हैं कि मेनोपॉज को वह कैसे हैंडल करेंगी। क्या इसका बुरा असर उसकी पर्सनल लाइफ पर भी पड़ता है? इस तरह के कई और भी सवाल मिड एज महिलाओं को परेशान करते हैं। हालांकि, इससे डील करना मुश्किल नहीं है। मेनोपॉज एंग्जायटी के लक्षणों को जानकर, इससे बचाव संभव है। इस संबंध में हमने वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता से बात की।
मेनोपॉज एंग्जायटी के लक्षण- Physical Symptoms Of Menopause Anxiety In Hindi
मेनोपॉज एंग्जायटी होने पर आपको कई तरह के लक्षण नजर आ सकते हैं, जैसे-
- हृदयगति का तेज-तेज चलना।
- अक्सर मितली होना, थकान महसूस करना या फिर और लो फील करना।
- हाथ-पांव में हल्की कंपकंपी होना।
- बहुत ज्यादा पसीने आना।
- गला सूखना और सीने में दर्द का अहसास होना।
- सिरदर्द होना और सांस लेने में तकलीफ महसूस करना।
- कुछ मामलों में, पैनिक अटैक्स आना।
मेनोपॉज में हो रही एंग्जायटी से कैसे निपटें- How To Deal With Menopause Anxiety In Hindi
एक्सरसाइज जरूर करें- Do Regular Exercise
मेनोपॉज एंग्जायटी से निपटने के लिए जरूरी है कि महिलाएं रेगुलर एक्सरसाइज करें। इसके साथ ही अपनी लाइफस्टाइल में हेल्दी आदतों को अपनाएं। इससे तनाव का स्तर कम होता है और एनर्जी का स्तर भी बढ़ता है। अगर रेगुलर एक्सरसाइज करना संभव नहीं है, तो रोजाना वॉक करने के लिए जरूर समय निकालें। मिड एज महिलाओं को अपने पार्टनर के साथ वॉक करना चाहिए। इससे मूड फ्रेश रहता है और खुद को एनर्जेटिक भी फील करते हैं।
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खुद को रिलैक्स रखें- Take Complete Rest
मेनोपॉज के दौरान कई तरह के शारीरिक बदलाव होते हैं। कभी-कभी खुद को लो भी फील करते हैं। इस तरह की सिचुएशन से डील करते हुए एंग्जायटी होना आम बात है। इससे निपटने के लिए आप खुद को रिलैक्स रखें। अगर किसी वजह से मन अशांत है, तो मेडिटेशन और ब्रीदिंग एक्सरसाइज की मदद ले सकते हैं। इससे रिलैक्स होने में मदद मिलती है और मेनोपॉज एंग्जायटी के स्तर में भी कमी आती है।
काउंसलिंग लें- Take Professional Help
अगर मेनोपॉज के दौरान एंग्जायटी के लक्षण आप पर बहुत ज्यादा हावी हो रहे हैं यानी बार-बार मूड स्विंग हो रहा है, तबियत खराब हो रही है, तो इसे नजरअंदाज न करें। मेनोपॉज एंग्जायटी से निपटने के लिए एक्सपर्ट से मिलें और काउंसलिंग सेंशंस लें। कुछ महिलाओं को टॉकिंग थेरेपी से भी मदद मिल सकती है। इस तरह की प्रोफेशनल हेल्थ आपको मेनोपॉज एंग्जायटी से दूर रहने में मदद कर सकती है।
अपने लिए समय निकालें- Take Out Me Time
महिलाओं का सारा जीवन कामकाज में बीत जाता है। अगर महिलाएं वर्किंग हैं, तो अपने लिए समय निकालना महिलाओं के लिए एक टास्क बन जाता है। वहीं, अगर मिड एज पहुंच चुकी महिलाएं मेनोपॉज एंग्जायटी का सामना कर रही हैं, तो उन्हें अपने लिए समय जरूर निकालना चाहिए। इस दौरान महिलाएं अपने मन का कुछ कर सकती हैं, जैसे दोस्तों से मिलना, घूमने जाना, सोलो ट्रिप पर जाना, पेंटिंग करना आदि।
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