
मेनोपॉज (Menopause) और प्री मेनोपॉज तक पहुंचने वाली महिलाओं के लिए वैजाइनल ड्राईनेस एक आम समस्या है। हालांकि, वैजाइनल ड्राईनेस की यह परेशानी खराब जीवन शैली की आदतों, शारीरिक समस्याओं या गलत प्रोडक्ट्स के इस्तेमाल के कारण छोटी उम्र की लड़कियों में भी होनी लगी है। वैजाइनल ड्राईनेस के अलावा प्री मेनोपॉज के दौरान वजाइना का पीएच बैलेंस खराब होने से बहुत सी महिलाओं को वेजाइनल इंफेक्शन (Vaginal Infection) की भी शिकायत रहती है। वैसे तो प्री मेनोपॉज और यीस्ट इंफेक्शन के बीच कोई सीधा मजबूत संबंध नहीं है, पर एस्ट्रोजन में परिवर्तन और वजाइना के पीएच में परिवर्तन (यानी कि वजाइना में एसिड-एल्कलाइन संतुलन का बिगड़ना) के बीच एक गहरा संबंध है, जो प्री मेनोपॉज ड्राईनेस का खतरा (Common Reason for Vaginal Dryness) और इंफेक्शन को बढ़ाते हैं।
वैजाइनल लुब्रिकेशन और खान-पान के बीच संबंध
मेनोपॉज के दौरान वैजाइनल ड्राईनेस और इंफेक्शन के लक्षणों के कम करने में आप जो कुछ कर सकते हैं, उसमें सबसे पहली चीज है आहार में बदलाव। दरअसल वैजाइनल लुब्रिकेशन वजाइना के अंदर की ग्रंथियों से आता है (Vaginal lubrication comes from glands in the cervix)। लेकिन वैजाइनल लुब्रिकेशन का अधिकांश हिस्सा वास्तव में ब्लड सर्कुलेशन से जुड़ा होता है जो कि सोडियम, पोटेशियम, कैल्शियम और अन्य इलेक्ट्रोलाइट्स और प्रोटीन से भरपूर तरल पदार्थ की बूंदों से शरीर बनाता है। यही सारे पोषक तत्व एस्ट्रोजन रिच फूड्स में भी जाते हैं, तो आइए जानते हैं उन 5 फूड्स के बारे में, जो वजाइना का पीएच संतुलित करते हुए वैजाइनल ड्राईनेस और इंफेक्शन के खतरे को कम कर सकते हैं।
सोया
यह फाइटोएस्ट्रोजेन (एस्ट्रोजेन का एक सिंथेटिक रूप), आइसोफ्लेवोन्स, प्रोटीन, ओमेगा-3 फैटी एसिड, कैल्शियम, फोलिक एसिड, आयरन, और अन्य विटामिन और खनिजों में समृद्ध है। नियमित रूप से सोया खाने से एस्ट्रोजेन के कुछ कार्यों को बहाल करने में मदद मिलती है। दरअसल एस्ट्रोजेन वैजाइनल लुब्रिकेशन के लिए जिम्मेदार हार्मोन और महिला प्रजनन अंगों को स्वस्थ रखने के लिए जाना जाता है। इसके अलावा सोया मेनोपॉज के अन्य लक्षणों जैसे रात को पसीना आना, दर्द और थकान आदि से निपटने में भी मदद करता है।
इसे भी पढ़ें : Women's Health: महिलाओं के हर अंग के विकास में है 'एस्ट्रोजन' की एक प्रमुख भूमिका, जानें एस्ट्रोजन के प्रकार
प्रोबायोटिक्स
प्रोबायोटिक युक्त भोजन, जैसे किमी और दही जैसे फर्मेंटेड खाद्य पदार्थ, सिर्फ आपके आंत के लिए अच्छे नहीं हैं, बल्कि ये पीएच स्तर को संतुलित करते हैं और संक्रमण को दूर करने में मदद करते हैं। इन खाद्य पदार्थों में जीवित और सक्रिय गुड बैक्टीरिया होते हैं, जो हमारे शरीर के अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ावा देते और वैजाइनल इंफेक्शन के खतरे को कम करते हैं। इससे भी बेहतर, दही में मौजूद कैल्शियम प्री मेनोपॉज के लक्षणों (Menopause Symptoms) को कम करने में मदद करते हैं।
पत्तेदार साग
पत्तेदार साग वैजाइनल हेल्थ के लिए बहुत फायदेमंद है। गहरे हरे रंग के पत्तेदार साग ब्लड प्यूरीफाई करने का काम भी करते हैं और आहार नाइट्रेट्स सहित कई पोषक तत्वों के सर्कुलेशन को बढ़ाते हैं। यह योनि की सूखापन को रोकने और वैजाइनल लुब्रिकेशन को बढ़ाने में मदद कर सकता है।
सेब
सेब फाइटोएस्ट्रोजेन का एक समृद्ध स्रोत हैं। सेब में एक ऐसा यौगिक पाया जाता है, जो सिंथेटिक एस्ट्रोजेन की कार्रवाई की नकल करता है। दिन में 1-2 सेब खाने से मेनोपॉज के कठोर लक्षणों से कम करने में मदद मिलती है। इसलिए अगर आप प्री मेनोपॉज के फेज में हैं, तो रोज सेब खाना शुरू करें।
इसे भी पढ़ें : Foods For Breast Growth: बिना सर्जरी 'ब्रेस्ट साइज' बढ़ाने के लिए सेवन करें ये 7 एस्ट्रोजन रिच फूड्स
एलोवेरा
यह पौधा आपको दो तरह से मदद कर सकता है। पहला ये कि इसे लगा सकते हैं और दूसरा कि आपका इसका जूस बना कर भी पी सकते हैं। पत्तियों से जेल लगाने से योनि पर सुखदायक प्रभाव पड़ता है और ड्राईनेस कम होती है। वहीं एलोवेरा जूस पीने से ये वैजाइनल लुब्रिकेशन को सरल बनाता है।
Read more articles on Women's Health in Hindi