तमाम नियम व कानून के बावजूद घरों में हो रही घरेलू हिंसा पूरी तरह से खत्म नहीं हो पाई है। जब हम शादी जैसे रिश्ते की बात करते हैं, तो हमें इस बात का ध्यान रखने की जरूरत है कि पति और पत्नी के बीच संबंध अच्छे हों। हर किसी के लिए अपने पार्टनर को रिस्पेक्ट देना बहुत जरूरी है। आपसी समझ और प्यार के आधार पर ही रिश्तों की नींव रखी जाती है। किसी कारण से उसमें हिंसक व्यवहार शामिल हो जाए, तो बेहतर है आप जल्द से जल्द ऐसे रिश्ते से बाहर निकल आएं। जरूरी नहीं है कि घरेलू हिंसा का शिकार केवल महिलाएं होती हों। हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें पत्नी अपने पति के साथ घरेलू हिंसा करती नजर आई। घरेलू हिंंसा किसी के साथ भी हो सकती है। आप भी ऐसे अनुभव से गुजर रहे हैं तो इस लेख में बताई बातों पर गौर करें।
संवाद जरूरी है
अगर आप घरेलू हिंसा का शिकार हुए हैं, तो आपको दूसरे मौके का इंतजार नहीं करना है। हाल ही में एक्ट्रेस तापसी पन्नू की फिल्म 'थप्पड़' में दर्शाया गया कि घरेलू हिंसा चाहे एक बार हुई हो या अनेक बार, ये गलत है। आपको किसी भी रूप में पार्टनर के दुर्व्यवहार को झेलने की जरूरत नहीं है। रिश्तों को तुरंत खत्म नहीं किया जा सकता है पर संवाद से समस्या को हल करने की पहल करें।
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कानूनी मदद लें
अगर आपको कानूनी मदद की जरूरत है, तो सरकार का दरवाजा खटखटाएं। कानूनी मदद लें। आज के समय में इमरजेंसी केस, फास्ट ट्रैक कोर्ट में हल किए जाते हैं। इनमें पीड़ित को तुरंत न्याय दिलाने की कोशिश की जाती है। आपके साथ किसी भी तरह की शारीरिक या मानसिक हिंसक घटना हुई है, तो मदद लें।
पार्टनर के हिंसक व्यवहार को पहचानें
आपको ध्यान देना है कि कहीं आपके पार्टनर में ज्यादा गुस्सा करना, आपको मारने या बेइज्जती करने जैसी आदतें तो नहीं हैं? कई बार महिलाएं घरेलू हिंसा के मामलों में चुप रहकर सब कुछ बर्दाश्त करती रहती हैं। ये गलत है। आप पार्टनर को पहली बार हुई हिंसा के दौरान ही टोक देंगे तो शायद दोबारा कभी ऐसा न हो। बेरोजगारी और नशे की लत के कारण कई पार्टनर घरेलू हिंसा का शिकार होते हैं। इस पर रोक लगाई जानी जरूरी है।
घरेलू हिंसा से कैसे बचें?
घरेलू हिंंसा के कारण व्यक्ति का मूड, सेहत, नींद, दिनचर्या आदि प्रभावित हो सकती है। जानें इससे बचने के टिप्स-
- पति-पत्नी संवाद के जरिए रिश्तों को जोड़कर रख सकते हैं।
- एक-दूसरे के प्रति इज्जत और प्यार बनाए रखें।
- महिलाओं के प्रति सोचने का नजरिया बेहतर करें।
- अपने पार्टनर की गलत आदत बर्दाश्त न करें।
घरेलू हिंंसा के बढ़ते मामलों को देखा जाए तो महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग इसका ज्यादा शिकार होते हैं। घरेलू हिंसा को रोकने के लिए इससे जुड़े कानून और जागरूकता होनी जरूरी है। अगर आप महिला हैं और घरेलू हिंसा के मामले में कानूनी मदद चाहती हैं, तो राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) द्वारा जारी नैशनल हेल्पलाइन नंबर 0721-7735372 पर कॉल या व्हाट्सएप मैसेज कर सकती हैं। इसके अलावा Central Social Welfare Board के Police Helpline नंबर 1091 पर भी कॉल कर सकती हैं।
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