आनंद बालासन करने से सेहत को मिलते हैं ये 4 फायदे, जानें इसकी विधि

शरीर का तनाव दूर करने और बॉडी को रिलेक्स करने में आनंद बालासन काफी फायदेमंद है।
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आनंद बालासन करने से सेहत को मिलते हैं ये 4 फायदे, जानें इसकी विधि


आनंद बालासन, जिसे हैप्पी बेबी पोज भी कहा जाता है। यह एक रिलैक्सिंग योग पोज है, जो आपके शरीर को रिलेक्स करने में मदद करता है। नाम से ही आप पहचान सकते हैं कि ये योग बच्चे और खुशी से जुड़ा है, जिसमें आप एक बच्चे की तरह खुश रहते हुए इस आसन को करते हैं। यह आसन आपको रिलैक्सिंग और स्ट्रेस-फ्री करने में मदद करता है। आज हम इस आर्टिकल में आपको आनंद बालासन करने का तरीका और इससे मिलने वाले स्वास्थ्य फायदों के बारे में बताएंगे। 

आनंद बालासन करने के फायदे - Benefits Of Ananda Balasana in Hindi? 

  • आनंद बालासन आपके जांघों, कमर और हिप्स में खींचव उत्पन्न करते हैं, जिससे इन क्षेत्रों में तनाव दूर करने और लचीलेपन को बढ़ाने में मदद मिलती है।
  • इस मुद्रा को करने से पीठ के निचले हिस्से में दर्द से राहत मिलती है। यह मुद्रा पैरों में तंग मांसपेशियों को धीरे से खींचकर और पीठ के निचले हिस्से के दर्द को कम करने में मदद कर सकती है।
  • आनंद बालासन आपके मन को शांत करने में फायदेमंद है। इस मुद्रा में हल्की रॉकिंग गति और गहरी सांस लेने से मन को शांत करने, तनाव कम करने और शरीर को आराम देने में मदद मिल सकती है।
  • इस मुद्रा को करने के दौरान पेट हल्का सा दबता है, जिससे पाचन को उत्तेजित करने और सूजन या अपच से होने वाली समस्या से राहत पाने में मदद मिल सकती है।

आनंद बालासन कैसे करें? - How To Do Ananda Balasana in Hindi? 

  • अपने घुटनों को मोड़ते हुए पैरों को फर्श पर सपाट रखें और योगा मैट पर पीठ के बल लेट जाएं। 
  • अब सांस छोड़ते हुए अपने घुटनों को छाती की ओर खींचें। इस दौरान घुटनों को 90 डिग्री के कोण में रखने की कोशिश करें। 
  • इसके बाद हाथों से अपने पैरों के बाहरी हिस्से तक पहुंचने की कोशिश करें। 
  • अब अपने घुटनों को अपने धड़ से ज्यादा चौड़ा खोलें, जिससे वे आपकी बगल की ओर आ सकें। 
  • इस दौरान आपकी एड़ियां घुटनों के ऊपर होनी चाहिए, जिससे आपके पैरों से 90 डिग्री का कोण बन सके।
  • अपने पैरों को मोड़ें और धीरे से अपनी एड़ियों को छत की ओर दबाएं। 
  • इसके साथ अपने हाथों से पैरों या टखनों को नीचे की ओर खींचें। 
  • इस मुद्रा में 30 सेकंड से 1 मिनट तक बने रहें और इस दौरान सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया जारी रखें। 
  • मुद्रा से बाहर आने के लिए धीरे से अपने पैरों को छोड़ें और घुटनों को वापस अपनी छाती की ओर लाएं। अब धीरे-धीरे अपने पैरों को मैट पर फैलाएं। 

Image Credit- Freepik 

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