अक्सर ऐसा होता है कि जब बच्चों के एग्जाम में खराब नंबर आते हैं तो वे खाना-पीना छोड़ देते हैं, उदास रहने लगते हैं। किसी से भी मिलते नहीं है। कई बार तो वे इतने ज्यादा डिप्रेस हो जाते हैं कि कई गलत कदम उठा लेते हैं जो कि सही नहीं है। जो हो चुका है उसे आप बदल नहीं सकते हैं लेकिन जो आने वाले है उस पर आपका नियत्रंण है। अपनी गलतियों से सीख कर आप सफलता के नए रास्ते बना सकते हैं।
असफलता को अवसर की तरह लें
क्या हुआ अगर एक्जाम में खराब नंबर आ गए तो इसकी वजह से खुद को तकलीफ देने और उदास रहने की जगह आप इस असफलता को एक अवसर की तरह लें। अपनी इस गलती से सीख लें कि आप भविष्य में कभी ऐसी गलती नहीं करेंगे। अगर आप याद करें तो जितने भी महान लोग हैं उन्होंने अपनी गलतियों से ही सीखा है तभी आज उन्हें दुनिया पहचानती है। इसलिए अपने अंदर की नकारात्मक भावना को दूर कर आगे के बारे में सोचें।
जो हुआ वो क्यों हुआ
अगर आपके नंबर कम आए है तो इसके कारणों के बारे में सोचें कि आखिर ऐसा क्यों हुआ। क्या आपने पढ़ाई नहीं की? क्या टेस्ट में आने वाले प्रश्न आपको समझ नहीं आए? इनके कारणों के बारे में सोचें और आगे के बारे में सोचें।
अपनी क्षमताओं को पहचानें
जब एक्जाम में अच्छे नंबर नहीं आते हैं तो अक्सर बच्चे असफलता के बारे में ही सोचते रहते हैं और आगे के बारे में सोचना बंद कर देते हैं। ऐसे में खुद को थोड़ा समय दें और खुद से सवाल करें ' क्या इस तरह उदास रहने से आप आगे की सोच पाएंगे या इससे अगली बार आपके नंबर अच्छे आएंगे' निश्चित ही आपको जवाब में ना मिलेगा क्योंकि डिप्रेस होकर आपको कोई रास्ता नहीं मिलेगा।
निराशा बाहर निकालें
इस समय आप वो सब करें जो आपका मन करें। अगर आप जॉगिंग, स्किपिंग और डांस करना चाहते हैं तो खुल कर करें। इससे आपके अंदर जितनी भी निराशा और गुस्सा है वो सब दूर हो जाएगा और आप काफी अच्छा महसूस करेंगे।