एक दिन में हम लगभग 23,000 बार सांस लेते हैं। कहते हैं जब तक सांस चलती है तब तक ही जीवन है। मगर क्या आपको पता है कि हममें से ज्यादातर लोग गलत तरीके से सांस लेते हैं, जिसके कारण हमारी उम्र घटती है। शोधों के मुताबिक अगर आप ठीक तरह से सांस लें, तो अपनी जिंदगी को बढ़ा सकते हैं। दरअसल सांसों का हमारी आयु से गहरा और सीधा संबंध है। छोटी, अधूरी और उथली सांस लेना आपकी उम्र को वास्तविक उम्र में से कई साल घटा सकता है। हम सांस लेते समय कई गतलियां करते हैं, जिन्हें सुधार कर हम स्वस्थ, निरोग और लंबा जीवन पा सकते हैं। आइए आपको बताते हैं कि सांस लेते समय कौन सी गलतियां करते हैं आप और क्या है सांस लेने का सही तरीका।
गलत तरीके से सांस लेने से घटती है प्रतिरोधक क्षमता
ज्यों - ज्यों हम बड़े होते जाते हैं, वैसे-वैसे हमारी सांसें भी तेज चलने लगती हैं और हमारी कोशिकाओं तक ढंग से ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती है। इस कारण स्ट्रेट-रेस्पॉन्स सिस्टम भी ज्यादा सक्रिय हो जाता है। नतीजतन हमारी रोग-प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने लगती है और कई तरह के रोग हमें आ घेरते हैं।
फेफड़े की क्षमता का पूरा इस्तेमाल नहीं करते आप
शोध के परिणाम बताते हैं कि आधुनिक जीवनशैली में पला-बढ़ा दुनिया का हर इंसान गलत तरीके से सांस ले रहा है। शोध में पाया गया कि आधुनिक मनुष्य अपने फेफड़ों की सांसों को भरने की क्षमता का केवल 30 प्रतिशत ही उपयोग कर रहा है। बाकी की 70 प्रतिशत क्षमता प्रयोग में न आने की वजह से बेकार ही रह जाती है।
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सांस हमेशा पेट से लेनी चाहिए
अकसर हम उथली-उथली सांस लेते हैं जोकि सांस लेने का गलत तरीका है। सांस हमेशा पेट से लेनी चाहिये। इस तरह सांस न केवल आपको शारीरिक तौर पर फायदा देगी, बल्कि यह आपको मानसिक तौर पर शांत भी करेगी।
सांस लेने का सही तरीका
नाक से सांस लेना
नाक से सांस लेना एक अच्छा अभ्यास है। दरअसल जब आप मुंह से सांस लेते हैं, तो फेफड़ों में जाने वाली ज्यादातर हवा फिल्टर नहीं हो पाती है। जबकि नाक से सांस लेने में हवा अच्छी तरह फिल्टर हो जाती है क्योंकि नाक का काम ही है सांसों को फिल्टर करना। मुंह से सांस लेने के दौरान कई तरह के वायरस और बैक्टीरिया सभी आपके शरीर में प्रवेश कर जाते हैं इसलिए आपको हमेशा नाक से ही सांस लेनी चाहिए।
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पेट में सांस खीचें
जब आप नाक से सांस खींचें तो ध्यान दें कि हवा आपके पेट में जानी चाहिए। अगर आप नाक से गहरी सांस लेते हैं, तो 70 से 80 प्रतिशत तक हवा डायफ्राम को मिलती है, जो कि सांस लेने का सबसे अच्छा तरीका है। इस प्रक्रिया की खास बात ये है कि आपको शुद्ध और फिल्टर की हुई सांस तो मिलती ही है, साथ ही आपका डायफ्राम लिवर, पेट और आंतों की मसाज भी कर देता है।
आहिस्ता लें सांस
बहुत जल्दी-जल्दी और तेजी से सांस लेने से हवा आपके शरीर में ठीक से पहुंच नहीं पाती है। इसलिए आप जो भी काम करें, सांस धीरे-धीरे और गहरी लें। साथ ही हवा को पेट में महसूस करते हुए सांसों को खींचें। आप जितना ज्यादा ऑक्सीजन खींचेंगे आपका शरीर उतना ही स्वस्थ रहेगा इसलिए प्रदूषण वाली जगह पर जाने से बचें और ऐसी जगह रहें जहां शुद्ध हवा हो।
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